कोटा. जिले के बैराज के गेट खोल कर लाखों क्यूसेक पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके बावजूद चंबल में मछली का शिकार करने वाले लोग किसी खतरे की परवाह किए बिना सीधे मौत के मुंह में जाकर मछली पकड़ने में जुटे हुए हैं.
बैराज के गेटों से निकल रहे इस विकराल पानी को देखकर ही रूह कांप जाए और जिस पानी मे एक बार अच्छे से अच्छा तैराक भी तौबा कर ले. इसके बाबजूद ये शिकारी मछली पकड़ने की लापरवाही कर रहे है और ये गलती उनको सीधे मौत के मुंह में ले जा सकती है.
पढ़ें- कोटाः खेत में चारा काटने गई युवती आई करंट की चपेट में...मौत
जरा सी चूक महज कुछ सेकण्डों में पानी इन्हें मीलों तक बहा ले जा सकता है. लेकिन फिर भी रिस्क लेकर ये बैराज के बिल्कुल करीब पहुंच कर मछली पकड़ने के लिए जाल फैंक रहे है और इन्हें कोई भय नही है. जबकि बैराज के बहाव के चलते पुल से ही आवागमन बंद कर दिया है.
वहीं ये शिकारी अपनी जान की परवाह किए बिना पुल के नीचे गेटों के मुआयने पर ही पहुंच गए है. साथ ही इनको रोकने वाला भी कोई नहीं है. ये लगातार पानी मे मछलियां पकड़ने में मस्त है.