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हाड़ौती की प्रसिद्ध नदियों में आने लगा उफान...राजस्थान का MP से कटा संपर्क

कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र से निकलने वाली चंबल-कालीसिंध-पार्वती नदियां उफान पर आने लगी है. जिसके कारण खातोली की पार्वती में उफान आने के कारण राजस्थान का मध्यप्रदेश से संपर्क कट गया है. वहीं, चंबल में उफान का असर कैथूदा की झरेर पुलिया पर दिखा है, जहां पुलिया पर पानी आने से कैथूदा-सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है.

Hadoti rivers in spate,  Kota rivers in spate
हाड़ौती की प्रसिद्ध नदियों में आने लगा उफान
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Published : Jul 27, 2021, 1:13 PM IST

इटावा (कोटा). कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र में पिछले 7 घंटों से लगातार बारिश का दौर जारी है. वहीं, लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नालों में उफान आने लगा है. वहीं, खातोली की पार्वती नदी में उफान आने के चलते कोटा-इटावा-श्योपुर राजमार्ग 70 अवरुद्ध हो गया है.

पढ़ें- Weather Update : राजस्थान के इन 3 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, तापमान में आएगी गिरावट

खातोली एसएचओ रामेश्वर मीणा के अनुसार पार्वती नदी की पुलिया पर करीब 4 फीट पानी की चादर चल रही है और तेजी से नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. पार्वती नदी में उफान आने के चलते राजस्थान और मध्यप्रदेश का आपसी संपर्क भी कट गया है.

हाड़ौती की प्रसिद्ध नदियों में आने लगा उफान

खातोली के कैथूदा के पास से निकल रही चंबल नदी की झरेर पुलिया पर भी पानी आ जाने के कारण इटावा-खातोली-सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार चंबल नदी की झरेर पुलिया पर भी करीब 4 फीट पानी की चादर चल रही है, जिसके चलतें कैथूदा-सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है. हालांकि, बारां-दिल्ली-बारां-जयपुर बसों का संचालन निरंतर जारी है और वाया माखिदा होकर सवाईमाधोपुर मार्ग पर वाहनों का संचालन किया जा रहा है.

वहीं, कोटा जिला मुख्यालय से इटावा उपखंड क्षेत्र को जोड़ने वाली काली सिंध नदी में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. जिसके चलते कभी भी इटावा का जिला मुख्यालय कोटा से संपर्क कट सकता है. इटावा उपखंड क्षेत्र से गुजरने वाली तीनों नदियों में लगातार पानी की आवक हो रही है. वहीं, क्षेत्र में लगातार बारिश का दौर जारी है.

पढ़ें- मेघ मेहरबान : सावन के पहले सोमवार को राजधानी हुई तर...अंबाबाड़ी नाले में फंसी कार, रेस्क्यू कर निकाला

कोटा संभाग में बारिश की बात की जाए तो कोटा में 293.40 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 168.44 एमएम बारिश हुई. मतलब 42.6 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. बारां में 317.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 164.50 एमएम बारिश हुई. मतलब 48.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.

वहीं, बूंदी में 263.10 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 131.33 एमएम बारिश हुई. मतलब 50.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. झालावाड़ में 310.50 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 217.28 एमएम बारिश हुई. मतलब 30.0 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.

इटावा (कोटा). कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र में पिछले 7 घंटों से लगातार बारिश का दौर जारी है. वहीं, लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नालों में उफान आने लगा है. वहीं, खातोली की पार्वती नदी में उफान आने के चलते कोटा-इटावा-श्योपुर राजमार्ग 70 अवरुद्ध हो गया है.

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खातोली एसएचओ रामेश्वर मीणा के अनुसार पार्वती नदी की पुलिया पर करीब 4 फीट पानी की चादर चल रही है और तेजी से नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. पार्वती नदी में उफान आने के चलते राजस्थान और मध्यप्रदेश का आपसी संपर्क भी कट गया है.

हाड़ौती की प्रसिद्ध नदियों में आने लगा उफान

खातोली के कैथूदा के पास से निकल रही चंबल नदी की झरेर पुलिया पर भी पानी आ जाने के कारण इटावा-खातोली-सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार चंबल नदी की झरेर पुलिया पर भी करीब 4 फीट पानी की चादर चल रही है, जिसके चलतें कैथूदा-सवाईमाधोपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है. हालांकि, बारां-दिल्ली-बारां-जयपुर बसों का संचालन निरंतर जारी है और वाया माखिदा होकर सवाईमाधोपुर मार्ग पर वाहनों का संचालन किया जा रहा है.

वहीं, कोटा जिला मुख्यालय से इटावा उपखंड क्षेत्र को जोड़ने वाली काली सिंध नदी में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. जिसके चलते कभी भी इटावा का जिला मुख्यालय कोटा से संपर्क कट सकता है. इटावा उपखंड क्षेत्र से गुजरने वाली तीनों नदियों में लगातार पानी की आवक हो रही है. वहीं, क्षेत्र में लगातार बारिश का दौर जारी है.

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कोटा संभाग में बारिश की बात की जाए तो कोटा में 293.40 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 168.44 एमएम बारिश हुई. मतलब 42.6 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. बारां में 317.00 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 164.50 एमएम बारिश हुई. मतलब 48.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.

वहीं, बूंदी में 263.10 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 131.33 एमएम बारिश हुई. मतलब 50.1 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई. झालावाड़ में 310.50 एमएम बारिश होनी चाहिए थी जबकि 217.28 एमएम बारिश हुई. मतलब 30.0 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई.

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