कोटा. राजस्थान में कोटा शहर के बजरंग नगर इलाके में स्टील ब्रिज के नजदीक शनिवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोग नहाने के लिए पहुंचे थे, जिसमें से पांच लोग नहर में पानी की बहाव तेज होने के कारण बह गए. यहां से गुजर रहे राहगीरों ने तीन लोगों को बाहर निकाल लिया, जबकि दो लोग नहर में डूब गए हैं, जिनकी तलाश के लिए एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है. सूचना मिलने पर शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय गुप्ता मौके पर पहुंचे. इसके साथ ही अन्य पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे.
मामले के अनुसार बजरंग नगर निवासी रासो देवी का निधन हो गया था और उनके परिजन तीसरे की रस्म अदायगी के लिए नहर पर पहुंचे थे. यहां अस्थि विसर्जन भी उन्होंने किया. इसी दौरान उनके बेटे रामभरोस, शंभू कुमार, राजेश विवेक और कुणाल भी यहां पर नहा रहे थे. रामभरोस का कहना है कि अचानक से उनका एक बच्चा डूबने लगा, जिसे बचाने के लिए सभी नहर के बीच में गए, लेकिन तेज बहाव होने के चलते वह भंवर में फंस गए और डूबने लगे. हमें स्थानीय लोगों ने प्रयास कर बाहर निकाला, लेकिन हमारे दो बच्चे नहीं मिल रहे हैं. दोनों पानी के बहाव में आगे डूब गए हैं.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय गुप्ता का कहना है कि प्रारंभिक रूप से 20 वर्षीय कुणाल और 15 वर्षीय विवेक के डूबने का मामला सामने आया है. दोनों अपनी दादी के तीसरे की रस्म में नहाने के लिए पहुंचे थे. इन दोनों के पिता रामभरोस और शंभू कुमार को निकाल लिया गया है. वहीं, एक अन्य व्यक्ति राजेश को भी बाहर निकाल लिया गया है. डूबे हुए लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है. एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम को बुलाया गया है.
यहां से गुजर रहे राहगीर ऋषभ सेन का कहना है कि लोग डूब रहे थे. इनमें दो बच्चे भी शामिल थे. हम लोगों ने आसपास से रस्सी व साड़ी डालकर इन्हें बाहर निकाला है. इनमें से तीन-चार जनों को हमने बाहर निकाल लिया.
मौके पर पहुंचे कलेक्टर, कहा- करेंगे सख्ती : घटना की सूचना पाकर जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद मीणा भी मौके पर पहुंचे और दिशा-निर्देश दिए. साथ ही कहा कि गोताखोरों की टीम चंबल के मुख्य नहर में तलाश कर रही है. इसके साथ ही, आगे एसडीआरएफ की टीम मौके पर लगी हुई है. कलेक्टर मीणा का कहना है कि इस तरह से नहर में नहाने वाले लोगों के मामले में सख्ती की जाएगी, ताकि डूबने और नहर में बहने की घटनाएं कम की जा सकें. आपको बता दें कि पहले भी कोटा के तत्कालीन एसपी केसर सिंह शेखावत ने नहर में नहाने वाले लोगों पर सख्ती करवा दी थी, साथ ही हर थाना इलाके में एसएचओ को पाबंदी लगाने के निर्देश दिए थे.