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ड्रग लाइसेंस की एवज में पैसे लेने का आरोप, एसीबी ने विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा - एसीबी कोटा

कोटा में एक परिवादी की ओर से सहायक औषधि नियंत्रक के खिलाफ पेश किए गए परिवाद के आधार पर एसीबी मुख्यालय जयपुर ने संबंधित सहायक औषधि नियंत्रक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए औषधि नियंत्रक संगठन को पत्र लिखा है. इस संबंध में एसीबी में दिए गए परिवाद में ड्रग लाइसेंस के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया गया था.

एसीबी ने विभागीय कार्रवाई के लिए औषधि नियंत्रक संगठन को लिखा पत्र
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Published : Jun 4, 2019, 9:53 PM IST

कोटा. एसीबी मुख्यालय जयपुर ने कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए औषधि नियंत्रक संगठन को पत्र लिखा है. उनके खिलाफ पैसा मांगने और पैसे लेने की शिकायत का मामला सामने आया था. जिसका परिवाद कोटा एसीबी की चौकी में दर्ज हुआ था. इस परिवाद पर जयपुर एसीबी मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है.

एसीबी ने विभागीय कार्रवाई के लिए औषधि नियंत्रक संगठन को लिखा पत्र

मामले के अनुसार चंद्र प्रकाश राठौर ने पिछले साल 2018 में एसीबी को परिवाद दिया था कि उसने वर्ष 2016 में सीपी एजेंसी के नाम से होलसेल दवा की दुकान का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था. उन्होंने परिवाद में आरोप लगाया था कि कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक देवेंद्र गर्ग ने लाइसेंस के लिए उनसे ₹6000 मांगे थे. जिसका उन्होंने एक वीडियो भी बना लिया था.

राठौर ने कहा कि इस वीडियो में ₹5000 लेते हुए देवेंद्र गर्ग नजर भी आ रहे हैं. एसीबी कोटा चौकी ने इसका परिवाद दर्ज कर जयपुर मुख्यालय भेज दिया था. एसीबी मुख्यालय ने इस मामले में वीडियो पुराना होने के चलते मुकदमा दर्ज नहीं किया है, लेकिन इस मामले में औषधि नियंत्रक संगठन को विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा के लिए पत्र लिखा है. शिकायतकर्ता चंद्र प्रकाश राठौर का कहना है कि सहायक औषधि नियंत्रक गर्ग ने उन्हें व्यापार नहीं करने दिया. इसके चलते ही उन्हें दुकान बंद करनी पड़ी थी.

वहीं इस मामले में सहायक औषधि नियंत्रक देवेंद्र गर्ग का कहना है कि चंद्र प्रकाश राठौर की दुकान में अनियमितताएं मिली थी. इसके संबंध में रामपुरा कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था और उसे कुछ दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था. इससे रंजिश रखते हुए चंद्र प्रकाश ने उनके खिलाफ फर्जी वीडियो तैयार किया है.

कोटा. एसीबी मुख्यालय जयपुर ने कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए औषधि नियंत्रक संगठन को पत्र लिखा है. उनके खिलाफ पैसा मांगने और पैसे लेने की शिकायत का मामला सामने आया था. जिसका परिवाद कोटा एसीबी की चौकी में दर्ज हुआ था. इस परिवाद पर जयपुर एसीबी मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है.

एसीबी ने विभागीय कार्रवाई के लिए औषधि नियंत्रक संगठन को लिखा पत्र

मामले के अनुसार चंद्र प्रकाश राठौर ने पिछले साल 2018 में एसीबी को परिवाद दिया था कि उसने वर्ष 2016 में सीपी एजेंसी के नाम से होलसेल दवा की दुकान का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था. उन्होंने परिवाद में आरोप लगाया था कि कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक देवेंद्र गर्ग ने लाइसेंस के लिए उनसे ₹6000 मांगे थे. जिसका उन्होंने एक वीडियो भी बना लिया था.

राठौर ने कहा कि इस वीडियो में ₹5000 लेते हुए देवेंद्र गर्ग नजर भी आ रहे हैं. एसीबी कोटा चौकी ने इसका परिवाद दर्ज कर जयपुर मुख्यालय भेज दिया था. एसीबी मुख्यालय ने इस मामले में वीडियो पुराना होने के चलते मुकदमा दर्ज नहीं किया है, लेकिन इस मामले में औषधि नियंत्रक संगठन को विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा के लिए पत्र लिखा है. शिकायतकर्ता चंद्र प्रकाश राठौर का कहना है कि सहायक औषधि नियंत्रक गर्ग ने उन्हें व्यापार नहीं करने दिया. इसके चलते ही उन्हें दुकान बंद करनी पड़ी थी.

वहीं इस मामले में सहायक औषधि नियंत्रक देवेंद्र गर्ग का कहना है कि चंद्र प्रकाश राठौर की दुकान में अनियमितताएं मिली थी. इसके संबंध में रामपुरा कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था और उसे कुछ दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था. इससे रंजिश रखते हुए चंद्र प्रकाश ने उनके खिलाफ फर्जी वीडियो तैयार किया है.

Intro:कोटा.
एसीबी मुख्यालय जयपुर में कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए औषध नियंत्रक संगठन को लिखा है. उनके खिलाफ एक पैसा मांगने और लेने की शिकायत का मामला सामने आया था. जिसका परिवाद कोटा एसीबी की चौकी में दर्ज हुआ था. इस परिवाद पर जयपुर एसीबी मुख्यालय ने यह निर्णय लिया है.
मामले के अनुसार चंद्र प्रकाश राठौर ने पिछले साल 2018 में एसीबी को परिवाद दिया था कि उसने वर्ष 2016 में सीपी एजेंसी के नाम से होलसेल दवा की दुकान का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था. कोटा के सहायक औषधि नियंत्रक देवेंद्र गर्ग ने लाइसेंस के लिए उनसे ₹6000 मांगे थे, जिसका उन्होंने एक वीडियो बना लिया था. राठौर ने कहा कि इस वीडियो में ₹5000 लेते हुए देवेंद्र गर्ग नजर आ रहे हैं. एसीबी कोटा चौकी ने इसका परिवाद दर्ज कर जयपुर मुख्यालय भेज दिया था. एसीबी मुख्यालय ने इस मामले में वीडियो पुराना होने के चलते मुकदमा दर्ज नहीं किया है, लेकिन इस मामले में औषध नियंत्रक संगठन को साइको सुदी नियंत्रक के अंतर्गत के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.


Body:पीड़ित चंद्र प्रकाश राठौर का कहना है कि सहायक औषधि नियंत्रक गर्ग ने उन्हें व्यापार नहीं करने दिया. इसके चलते ही उन्हें दुकान बंद करनी पड़ी.
वहीं इस मामले में सहायक औषधि नियंत्रक देवेंद्र गर्ग का कहना है कि चंद्र प्रकाश राठौर की दुकान में अनियमितताएं मिली थी. इसके संबंध में रामपुरा कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ था और उसे कुछ दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था. इससे रंजिश रखते हुए चंद्र प्रकाश ने उनके खिलाफ फर्जी वीडियो तैयार किया है. इस वीडियो में वे भी नजर नहीं आ रहे हैं.


Conclusion:बाइट-- ठाकुर चंद्रशील कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी कोटा
बाइट-- चंद्र प्रकाश राठौर, शिकायतकर्ता
बाइट-- देवेंद्र गर्ग, सहायक औषधि नियंत्रक, कोटा
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नोट-- इस खबर में पैसे लेते हुए जो वीडियो है वह, एडीसी देवेंद्र गर्ग का वर्जन और उनके विजुअल एफटीपी के जरिए भेजे गए हैं. क्योंकि देवेंद्र गर्ग बूंदी दौरे पर गए हुए थे ऐसे में बूंदी के साथी सलीम अली से यह वीडियो मंगवाया गया है. और पैसे लेते हुए विजुअल स्वयं परिवादी ने बनाया है जिसके मार्फत उसने एसीबी में शिकायत की है इसलिए उसे भी एफटीपी के जरिए ही डाला गया है. एफटीपी से भेजी गई फीड का स्लग rj_kta_adc_rishwat_7201654 दिया गया है.
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