कोटा. शहर के महावीर नगर थाना इलाके में घायल अवस्था में मिले व्यक्ति की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने शराब के नशे में व्यक्ति के साथ मारपीट की थी और मौके से फरार हो गए थे. उसकी पहचान नहीं हो सके, इसलिए आरोपी व्यक्ति के डॉक्यूमेंट और मोबाइल भी साथ ले गए थे. दोनों आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 दिन के रिमांड पर भेजा गया है.
इलाज के दौरान हुई थी मौत : महावीर नगर थानाधिकारी परमजीत सिंह पटेल ने बताया कि 18 जुलाई को गंभीर घायल अवस्था में एक व्यक्ति मेडिकल कॉलेज के नजदीक मिला था. ऐसे में उसे पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में भर्ती करा दिया था. इस मामले को प्रारंभिक तौर पर दुर्घटना का मानते हुए मर्ग दर्ज किया गया और अनुसंधान शुरू किया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान करीब 15 घंटे बाद उसकी मौत हो गई. पुलिस ने शिनाख्त के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं होने पर व्यक्ति का अंतिम संस्कार करवा दिया गया था.
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बहनोई ने की मृतक की पहचान : एसएचओ पटेल ने बताया कि 26 जुलाई को कृष्णा नगर निवासी रघुवीर प्रसाद मीणा ने पुलिस से संपर्क किया, उसने अपने साले मनीष मीणा के गुमशुदा होने की शिकायत दी. पुलिस ने जब उन्हें लावारिश शव की फोटो दिखाई, तो वह पहचान गए. उन्होंने मृतक की पहचान बारां जिले के अंता तहसील के भोज्याखेड़ी गांव निवासी 45 वर्षीय मनीष मीणा के रूप में की. साथ यह भी बताया कि मनीष उनके साथ कोटा के कृष्णा नगर में रहता था. इस संबंध में उन्होंने एक रिपोर्ट भी पुलिस को दी, जिसमें आरोप लगाया कि मनीष के साथ रंगबाड़ी निवासी योगेश गौतम और संतोषी नगर निवासी आकाश जोशी ने मेडिकल कॉलेज के गेट पर मारपीट की थी.
पहचान न हो, इसलिए मोबाइल-डॉक्यूमेंट निकाले : पहचान करने के सबूत मिटाए पुलिस का कहना है कि मनीष सिक्योरिटी की नौकरी करता था, लेकिन बीते डेढ़ महीने से उसने वह काम भी छोड़ दिया था. घटना वाले दिन मनीष आकाश और योगेश के साथ शराब पी रहा था. इस दौरान ही रात 12 बजे के आसपास इनका झगड़ा हो गया. मारपीट में मनीष गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसके बाद आरोपी मनीष को छोड़कर फरार हो गए. उसकी जेब से डॉक्यूमेंट, मोबाइल निकाला और उसकी गाड़ी को भी खुर्द बुर्द कर दिया, जिससे उसकी पहचान न हो सके. पुलिस ने हत्या और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू किया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से मृतक मनीष के मोबाइल और डॉक्यूमेंट बरामद हुए हैं. आरोपी टेंपो चलाते हैं और मृतक को पहले से जानते थे.