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शीतला अष्टमी पर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की गई कामना

करौली में रविवार को शीतला अष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. मध्यरात्रि के बाद से ही महिलाओं ने पूजा-अर्चना के लिए तैयारियां शुरू कर दी. शहर में शीतला माता मंदिरों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की.

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शीतला अष्टमी पर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की गई कामना
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Published : Apr 5, 2021, 12:07 AM IST

करौली. जिलेभर में रविवार को शीतला अष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. मध्यरात्रि के बाद से ही महिलाओं ने पूजा-अर्चना के लिए तैयारियां शुरू कर दी. शहर में शीतला माता मंदिरों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की.

शहर के प्रताप नवल बिहारी मंदिर के समीप स्थित शीतला माता मंदिर पर महिलाओं की भीड़ रही. शीतला माता पूजन के लिये तड़के से ही महिला सज-धजकर घरों से ठण्डे पकवान से सजी थाली लेकर गीत गाते हुऐ शीतला माता मन्दिर पहुंची.

महिलाओं ने शीतला माता की पूजा कर ठण्डे पकवानों का भोग लगाया. इसके बाद महिलाओं ने शीतला माता की सामूहिक कहानी सुनी और मंगल गीत गाए. महिलाओं ने मन्दिर के पास लांगरा की प्रतिरूप की मूर्तियों को भी भोग लगाया. महिलाओं ने बताया कि शीतला अष्टमी के दिन माता को ठंडे पकवानों का प्रसाद लगाया जाता है. शाम को भोजन को बनाया जाता है. जिसमें पुआ, पूड़ी, चावल, कढ़ी अन्य पकवान बनाए जाते हैं. उन पकवानों का सुबह माताजी का प्रसाद लगाया जाता है. घर परिवार बस्ती में सुख शांति रहे इसलिए शीतला माताजी का ठंडे पकवानों का प्रसाद लगाया जाता है. घर में ठंडे भोजन को ग्रहण किया जाता है लांगुरिया का पूजन कर उनका जीमण कराया जाता है.

शीतला अष्टमी पर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की गई कामना

अजमेर में शीतला माता मेले का आयोजन

अजमेर में शीतला सप्तमी के अवसर पर प्रसिद्ध शीतला माता मेले का आयोजन किया गया. प्राचीन फव्वारा सर्किल पर आयोजित हुए. इस मेले में कोरोना का असर साफ देखने को मिला. श्रद्धालु मां शीतला के दर्शनों के लिए लंबी- लंबी लाइनें लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. पुलिस प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद नजर आ रहा था.

नशाखोरी को लेकर जन जागरण अभियान

करौली जिला मुख्यालय पर रविवार को सारथी शिक्षा और विकास संस्थान करौली ने जिले में फैल रहे नशाखोरी को जड़ से खत्म करने के लिए जन जागरण अभियान की शुरुआत करते हुए प्रेस वार्ता का आयोजन किया.

सारथी शिक्षा और विकास संस्थान करौली समन्वयक ओपी मीना ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि संस्था पिछले 10-12 सालों से लगातार सामाजिक और जनहित के मुद्दों पर पूर्ण रूप से सक्रिय होकर कार्य कर रही है. वर्तमान समय में समाज में फैलता जा रहा नशाखोरी का कारोबार बहुत ही चिंता का विषय है. समाज के युवाओं के साथ महिलाओं में बढ़ती जा रही नशे की लत खतरनाक होती जा रही है. हमारी संस्था पूर्व में भी विभिन्न सरकारी और सामाजिक मुद्दों को लेकर कार्य करती रही है और आगे भी कार्य करती रहेगी.

पढ़ें- Exclusive: अजय माकन को मेरे पत्र की जानकारी नहीं मिले तो किस बात के प्रभारी: भरत सिंह

कपासन में खेली गई होली

चित्तौड़गढ़ के कपासन में शिताष्टमी पर नगर की महिलाओं ने माता की पूजा अर्चना कर परिवारजनों के स्वास्थ्य की मंगल कामना की. वहीं दिन में गुलाल अबीर से लोगों ने जम कर होली खेली. परम्परानुसार इलाजी की बारात भी निकाली गई.

मेवाड़ रियासत काल में कपासन खालसा रहा है. राज परिवार में सप्तमी को शोक हो जाने से अष्ठमी पर शितला माता की पूजा की गई तभी से यहां अष्टमी पर रंग खेलने और शितला माता की पूजा करने की परम्परा बन गई है. रविवार को अल सुबह से ही नगर की महिलाएं गुलाब सागर की पाल पर स्थित शितलामाता के थानक पर पूजा अर्चना करने के लिये पहुंची. जहां ठण्डे पकवानों का भोग लगा कर माता से परिवार की खुशहाली की कामना की.

करौली. जिलेभर में रविवार को शीतला अष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. मध्यरात्रि के बाद से ही महिलाओं ने पूजा-अर्चना के लिए तैयारियां शुरू कर दी. शहर में शीतला माता मंदिरों में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की.

शहर के प्रताप नवल बिहारी मंदिर के समीप स्थित शीतला माता मंदिर पर महिलाओं की भीड़ रही. शीतला माता पूजन के लिये तड़के से ही महिला सज-धजकर घरों से ठण्डे पकवान से सजी थाली लेकर गीत गाते हुऐ शीतला माता मन्दिर पहुंची.

महिलाओं ने शीतला माता की पूजा कर ठण्डे पकवानों का भोग लगाया. इसके बाद महिलाओं ने शीतला माता की सामूहिक कहानी सुनी और मंगल गीत गाए. महिलाओं ने मन्दिर के पास लांगरा की प्रतिरूप की मूर्तियों को भी भोग लगाया. महिलाओं ने बताया कि शीतला अष्टमी के दिन माता को ठंडे पकवानों का प्रसाद लगाया जाता है. शाम को भोजन को बनाया जाता है. जिसमें पुआ, पूड़ी, चावल, कढ़ी अन्य पकवान बनाए जाते हैं. उन पकवानों का सुबह माताजी का प्रसाद लगाया जाता है. घर परिवार बस्ती में सुख शांति रहे इसलिए शीतला माताजी का ठंडे पकवानों का प्रसाद लगाया जाता है. घर में ठंडे भोजन को ग्रहण किया जाता है लांगुरिया का पूजन कर उनका जीमण कराया जाता है.

शीतला अष्टमी पर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगाकर अच्छे स्वास्थ्य की गई कामना

अजमेर में शीतला माता मेले का आयोजन

अजमेर में शीतला सप्तमी के अवसर पर प्रसिद्ध शीतला माता मेले का आयोजन किया गया. प्राचीन फव्वारा सर्किल पर आयोजित हुए. इस मेले में कोरोना का असर साफ देखने को मिला. श्रद्धालु मां शीतला के दर्शनों के लिए लंबी- लंबी लाइनें लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. पुलिस प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद नजर आ रहा था.

नशाखोरी को लेकर जन जागरण अभियान

करौली जिला मुख्यालय पर रविवार को सारथी शिक्षा और विकास संस्थान करौली ने जिले में फैल रहे नशाखोरी को जड़ से खत्म करने के लिए जन जागरण अभियान की शुरुआत करते हुए प्रेस वार्ता का आयोजन किया.

सारथी शिक्षा और विकास संस्थान करौली समन्वयक ओपी मीना ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि संस्था पिछले 10-12 सालों से लगातार सामाजिक और जनहित के मुद्दों पर पूर्ण रूप से सक्रिय होकर कार्य कर रही है. वर्तमान समय में समाज में फैलता जा रहा नशाखोरी का कारोबार बहुत ही चिंता का विषय है. समाज के युवाओं के साथ महिलाओं में बढ़ती जा रही नशे की लत खतरनाक होती जा रही है. हमारी संस्था पूर्व में भी विभिन्न सरकारी और सामाजिक मुद्दों को लेकर कार्य करती रही है और आगे भी कार्य करती रहेगी.

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कपासन में खेली गई होली

चित्तौड़गढ़ के कपासन में शिताष्टमी पर नगर की महिलाओं ने माता की पूजा अर्चना कर परिवारजनों के स्वास्थ्य की मंगल कामना की. वहीं दिन में गुलाल अबीर से लोगों ने जम कर होली खेली. परम्परानुसार इलाजी की बारात भी निकाली गई.

मेवाड़ रियासत काल में कपासन खालसा रहा है. राज परिवार में सप्तमी को शोक हो जाने से अष्ठमी पर शितला माता की पूजा की गई तभी से यहां अष्टमी पर रंग खेलने और शितला माता की पूजा करने की परम्परा बन गई है. रविवार को अल सुबह से ही नगर की महिलाएं गुलाब सागर की पाल पर स्थित शितलामाता के थानक पर पूजा अर्चना करने के लिये पहुंची. जहां ठण्डे पकवानों का भोग लगा कर माता से परिवार की खुशहाली की कामना की.

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