करौली. मंडरायल इलाके के श्यामपुर मोड़ पर मंगलवार रात पुलिस द्वारा ट्रैक्टर चालक की मारपीट कर हत्या कर देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ग्रामीण अभी भी 36 घंटे से अधिक समय हो जाने के बाद भी शव को सड़क पर रखकर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों से समझाइश के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया. शव का अतिंम संस्कार करने की बात कही, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे.
पूर्व मंत्री एवं सपोटरा विधानसभा से विधायक रमेश मीणा ने बताया, घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों को ढांढस बंधाया और ग्रामीणों से शव का अंतिम संस्कार करने की मांग की. लेकिन ग्रामीण और परिजन कुछ लोगों के दबाव में आकर शव को लेकर सड़क पर ही बैठे हुए हैं. विधायक ने बताया, जब से घटना हुई है. तब से प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरीके से मुस्तैद हैं और घटनास्थल पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं.
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बुधवार को कलेक्टर, एसपी, एडीएम और एसडीएम ने वार्ता भी की. लेकिन कुछ लोग राजनीति करना चाहते हैं और उनका उद्देश्य एक ही है कि लाश पर राजनीति करें. विधायक ने कहा, ये लोग मेरे विधानसभा क्षेत्र के हैं और गरीब हैं और जो भी घटना हुई है. उसकी सत्यता की जांच हो और जो कर्मचारी या अधिकारी दोषी है, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मृतक के परिजनों की सहायता की बात तो सरकार और विधायक कोटे से कुल मिलाकर 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी.
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मृतक की पत्नी को पालनहार योजना का लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा मृतक की पत्नी को किसी हॉस्पिटल में या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका का उसको रोजगार दिलाने की गारंटी दे रहे हैं. परमानेंट की बात तो उसके लिए सरकार से कैबिनेट में बात की जाएगी. ग्रामीण और परिजनों की जो भी मांगों के प्रस्ताव वो उनके सामने रखे हैं. विधायक कोष से हैंड पंप या बोरिंग, अगर मृतक के पास आवास नहीं है तो प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास उपलब्ध करवाया जाएगा. विधायक कोष से भी आवास बनवाया जा सकता है. सरकार की अन्य योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा.
यह है ग्रामीण और परिजनों की मांग
ग्रामीण और परिजनों की मांग है कि मृतका के परिजनों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की सहायता दी जाए. मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी बच्चों के पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाए. साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करवाया जाए. इसी मांग को लेकर परिजनों ग्रामीण मृतक की लाश को लेकर सड़क पर बैठे हुए हैं.