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ट्रैक्टर चालक की हत्या: 36 घंटे बाद भी ग्रामीणों ने नहीं उठाया शव, अपनी मांगों पर अड़े

करौली में मंगलवार रात पुलिस द्वारा ट्रैक्टर चालक की मारपीट कर और पत्थर मारकर हत्या कर देने का मामला अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहा. ग्रामीण अभी भी 36 घंटे से अधिक समय हो जाने के बाद भी शव को सड़क पर रखकर बैठे हुए हैं. वहीं ग्रामीणों की समझाइश के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा घटनास्थल पर पहुंचे.

शव लेकर धरने पर बैठे  मंडरायल इलाका  मंडरायल इलाके में श्यामपुर मोड़  Murder in Karauli  Killing tractor driver  Sat on a dharna with the dead body  Mandrayal area
शव लेकर सड़क पर बैठे ग्रामीण
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Published : Mar 25, 2021, 7:53 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 8:17 PM IST

करौली. मंडरायल इलाके के श्यामपुर मोड़ पर मंगलवार रात पुलिस द्वारा ट्रैक्टर चालक की मारपीट कर हत्या कर देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ग्रामीण अभी भी 36 घंटे से अधिक समय हो जाने के बाद भी शव को सड़क पर रखकर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों से समझाइश के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया. शव का अतिंम संस्कार करने की बात कही, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे.

शव लेकर सड़क पर बैठे ग्रामीण

पूर्व मंत्री एवं सपोटरा विधानसभा से विधायक रमेश मीणा ने बताया, घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों को ढांढस बंधाया और ग्रामीणों से शव का अंतिम संस्कार करने की मांग की. लेकिन ग्रामीण और परिजन कुछ लोगों के दबाव में आकर शव को लेकर सड़क पर ही बैठे हुए हैं. विधायक ने बताया, जब से घटना हुई है. तब से प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरीके से मुस्तैद हैं और घटनास्थल पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं.

यह भी पढ़ें: करौली: ट्रैक्टर चालक की मौत पर गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, मुआवजे की मांग

बुधवार को कलेक्टर, एसपी, एडीएम और एसडीएम ने वार्ता भी की. लेकिन कुछ लोग राजनीति करना चाहते हैं और उनका उद्देश्य एक ही है कि लाश पर राजनीति करें. विधायक ने कहा, ये लोग मेरे विधानसभा क्षेत्र के हैं और गरीब हैं और जो भी घटना हुई है. उसकी सत्यता की जांच हो और जो कर्मचारी या अधिकारी दोषी है, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मृतक के परिजनों की सहायता की बात तो सरकार और विधायक कोटे से कुल मिलाकर 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: करौली : बढ़ते अपराधों को लेकर भाजपा पार्षदों ने किया प्रदर्शन, SDM को सौंपा ज्ञापन

मृतक की पत्नी को पालनहार योजना का लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा मृतक की पत्नी को किसी हॉस्पिटल में या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका का उसको रोजगार दिलाने की गारंटी दे रहे हैं. परमानेंट की बात तो उसके लिए सरकार से कैबिनेट में बात की जाएगी. ग्रामीण और परिजनों की जो भी मांगों के प्रस्ताव वो उनके सामने रखे हैं. विधायक कोष से हैंड पंप या बोरिंग, अगर मृतक के पास आवास नहीं है तो प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास उपलब्ध करवाया जाएगा. विधायक कोष से भी आवास बनवाया जा सकता है. सरकार की अन्य योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा.

यह है ग्रामीण और परिजनों की मांग

ग्रामीण और परिजनों की मांग है कि मृतका के परिजनों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की सहायता दी जाए. मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी बच्चों के पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाए. साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करवाया जाए. इसी मांग को लेकर परिजनों ग्रामीण मृतक की लाश को लेकर सड़क पर बैठे हुए हैं.

करौली. मंडरायल इलाके के श्यामपुर मोड़ पर मंगलवार रात पुलिस द्वारा ट्रैक्टर चालक की मारपीट कर हत्या कर देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ग्रामीण अभी भी 36 घंटे से अधिक समय हो जाने के बाद भी शव को सड़क पर रखकर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों से समझाइश के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया. शव का अतिंम संस्कार करने की बात कही, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे.

शव लेकर सड़क पर बैठे ग्रामीण

पूर्व मंत्री एवं सपोटरा विधानसभा से विधायक रमेश मीणा ने बताया, घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों को ढांढस बंधाया और ग्रामीणों से शव का अंतिम संस्कार करने की मांग की. लेकिन ग्रामीण और परिजन कुछ लोगों के दबाव में आकर शव को लेकर सड़क पर ही बैठे हुए हैं. विधायक ने बताया, जब से घटना हुई है. तब से प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरीके से मुस्तैद हैं और घटनास्थल पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं.

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बुधवार को कलेक्टर, एसपी, एडीएम और एसडीएम ने वार्ता भी की. लेकिन कुछ लोग राजनीति करना चाहते हैं और उनका उद्देश्य एक ही है कि लाश पर राजनीति करें. विधायक ने कहा, ये लोग मेरे विधानसभा क्षेत्र के हैं और गरीब हैं और जो भी घटना हुई है. उसकी सत्यता की जांच हो और जो कर्मचारी या अधिकारी दोषी है, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. मृतक के परिजनों की सहायता की बात तो सरकार और विधायक कोटे से कुल मिलाकर 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी.

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मृतक की पत्नी को पालनहार योजना का लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा मृतक की पत्नी को किसी हॉस्पिटल में या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका का उसको रोजगार दिलाने की गारंटी दे रहे हैं. परमानेंट की बात तो उसके लिए सरकार से कैबिनेट में बात की जाएगी. ग्रामीण और परिजनों की जो भी मांगों के प्रस्ताव वो उनके सामने रखे हैं. विधायक कोष से हैंड पंप या बोरिंग, अगर मृतक के पास आवास नहीं है तो प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास उपलब्ध करवाया जाएगा. विधायक कोष से भी आवास बनवाया जा सकता है. सरकार की अन्य योजना का भी लाभ दिलाया जाएगा.

यह है ग्रामीण और परिजनों की मांग

ग्रामीण और परिजनों की मांग है कि मृतका के परिजनों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की सहायता दी जाए. मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी बच्चों के पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाए. साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करवाया जाए. इसी मांग को लेकर परिजनों ग्रामीण मृतक की लाश को लेकर सड़क पर बैठे हुए हैं.

Last Updated : Mar 25, 2021, 8:17 PM IST
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