करौली. करौली विकास मंच के लोगों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर से मुलाकात की. इस दौरान एनपीसीआईएल के सीएसआर फंड से सहायता के लिए प्रस्ताव भेजने की मांग का ज्ञापन सौंपा. साथ ही एनपीसीआईएल के लिए शीघ्र ही प्रस्ताव भिजवाने एवं सहयोग करने की मांग की.
करौली विकास मंच के सामाजिक कार्यकर्ता बबलू शुक्ला ने बताया कि करौली प्रदेश के पांच आशान्वित जिलों में शामिल है. करौली जिले के लिए न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) रावतभाटा की ओर से चिकित्सा के क्षेत्र में कॉर्पोरेट सोशियल रेस्पांसबिल्टी (सीएसआर) फंड से सहायता के प्रस्ताव मांगे गए हैं.
लेकिन अफसोस है कि जिले के चिकित्सा अधिकारियों की ओर से यह प्रस्ताव भेजे नहीं जा सके हैं. पिछड़े हुए करौली जिले में चिकित्सा के संसाधन उपकरण की काफी कमी है. विशेष तौर पर करौली चिकित्सालय के लिए भी अनेक जांच उपकरण जरूरी है.
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करौली चिकित्सालय में डांग इलाके से रोजाना सैकड़ों मरीज यहां जांच के लिए आते हैं. जिनको बाजार में महंगी जांच कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ऐसे में यहां जांच उपकरण बढ़ाने की सख्त आवश्यकता है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सीएसआर फंड से जिले में आवश्यक चिकित्सकीय संसाधन और उपकरण उपलब्ध हो जाने से ग्रामीण इलाके के निर्धन लोगों को जांच और उपचार में काफी सुविधा मिल सकेगी. करौली विकास मंच के लोगों ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग से एनपीसीआईएल के लिए प्रस्ताव भिजवाने और अपने स्तर पर पुरजोर प्रयास एवं सहयोग करने की मांग की है.