करौली. जिले के श्री महावीरजी कस्बे में उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध आस्था धाम श्री महावीरजी मेले से शुक्रवार को रथयात्रा निकाली गई. यह यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए गंभीर नदी तट पर पहुंची, जहां पूरे विधि-विधान से श्रद्धालुओं की मौजूदगी में भगवान महावीर की पूजा-अर्चना की गई. मंदिर कमेटी के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश शास्त्री ने बताया कि प्राचीनकाल से ही परंपरागत रूप से भगवान श्री महावीर को स्वर्ण रथ पर बैठाकर गंभीर नदी तट तक रथयात्रा निकाली जाती है. ये यात्रा श्री महावीरजी मेले से शुरू होती है, जो गंभीर नदी तट पर पहुंचने के बाद संपन्न होती है. उन्होंने बताया कि यात्रा के नदी तट पर पहुंचने के बाद वहां श्रद्धालुओं की मौजूदगी में भगवान महावीर का अभिषेक होता है और फिर उन्हें मुख्य मंदिर में लाया जाता है. परंपरा व नियमों को लेकर उन्होंने कहा कि रथ का सारथी (नाजिम) उपखंड अधिकारी होता है.
वहीं, शुक्रवार को हिंडौन उपखंड अधिकारी व नाजिम सुरेश हरसोलिया को सारथी के रूप में बैठाया गया. जिनके साथ मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल भी बतौर सारथी रथ पर सवार थे. इधर, रथयात्रा के शुभारंभ से पहले सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार ग्वाले कृपादास के वंशज ने रथ की बल्गा को हाथ लगाया. इसके बाद भगवान महावीर का रथ नगर विहार के लिए रवाना हुआ. कई स्थानों पर लोगों ने रथ की आरती की. इस दौरान घोड़ी नृत्य मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहा.
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SP के नेतृत्व में 700 जवानों ने संभाली सुरक्षा की कमान - रथयात्रा के दौरान तीन पंक्तियों में सुरक्षा के प्रबंध किए गए थे. प्रथम पंक्ति में दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के सुरक्षा कर्मचारी शामिल थे तो दूसरी पंक्ति में महावीर के वीर सेवक मंडल जयपुर के कार्यकर्ता पंक्तिबद्ध चल रहे थे. वहीं, तीसरी पंक्ति में राजस्थान पुलिस के जवान पूरी मुस्तैदी से भगवान जिनेंद्र की रथयात्रा को सुरक्षा प्रदान करते नजर आए. रथयात्रा में सुरक्षा के मद्देनजर 700 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. वहीं, जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, एसपी नारायण टोगस, हिंडौन पुलिस उपाधीक्षक किशोरी लाल, श्रीमहावीरजी थाना प्रभारी श्याम सुंदर सहित 3 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक का अमला भी मौजूद रहा.