करौली. संसदीय क्षेत्र करौली-धौलपुर में चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. जो कड़ी सुरक्षा के बीच राजकीय पीजी कॉलेज के स्ट्रांग रूम में रखी गई है. अब 23 मई को ईवीएम खुलने के बाद हार-जीत का फैसला होगा. लेकिन इन सबके बीच सियासी गलियारों में राजनीति के जानकार और प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने गणित लगाकर प्रत्याशियों की जीत के दावे करने लगे हैं.
निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में 55.06 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो पिछले चुनावों के मुकाबले थोड़ा ही ज्यादा है. पिछले चुनावों में 54.70 फीसदी वोटिंग हुई थी. परिसीमन के बाद बदली संसदीय सीट पर पहली बार 2009 के चुनावों में मात्र 37.47 प्रतिशत मतदान हुआ था. गर्मी के बढ़ते तेवर और सावे के बीच सोमवार को हुए मतदान में वोटर्स ने वोट डालने में रुचि कम दिखाई, जिसके कारण उम्मीद के अनुरूप मतदान का प्रतिशत नहीं बढ़ सका.
करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र में विधानसभावार आंकड़ों की बात करें तो करौली में 52.41 प्रतिशत, धौलपुर में 60.31 प्रतिशत, बसेड़ी में 58.04 प्रतिशत, बाड़ी में 58.48, राजाखेड़ा में 60.19 प्रतिशत, टोडाभीम में 47.68 फीसदी, हिण्डौन में 56.92 और सपोटरा में 49.79 फीसदी मतदान हुआ. आपको बता दें कि यहां पर मुख्य रूप से कांग्रेस के संजय कुमार जाटव और बीजेपी के मनोज राजौरिया के बीच मुकाबला है.