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करौली नगर परिषद सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित, स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया आदेश - Karauli Chairman Rajaram Gurjar suspended

करौली में अधीनस्थ कार्मिक को घर बुलाकर पिटाई करने के आरोपी नगर परिषद के सभापति राजाराम गुर्जर को आखिरकार राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभापति और सदस्य पद से निलंबित कर दिया है. सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ यह कार्रवाई पद के दुरूपयोग के आरोप में की गई है.

करौली सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित, Karauli Chairman Rajaram Gurjar suspended
करौली सभापति राजाराम गुर्जर
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Published : Dec 7, 2019, 10:09 PM IST

करौली. जिले में अधीनस्थ कार्मिक को घर बुलाकर पिटाई करने के आरोपी नगर परिषद के सभापति राजाराम गुर्जर को आखिरकार राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभापति और सदस्य पद से निलंबित कर दिया है. सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ यह कार्रवाई पद के दुरूपयोग के आरोप में की गई है.

करौली नगर परिषद सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित

स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्जवल राठौड़ ने एक आदेश जारी कर कहा कि नगर परिषद, करौली के सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ पद के दुरूपयोग और दुराचरण करने के संबंध में नगर परिषद के आयुक्त से टिप्पणी प्राप्त हुई. इसके अलावा करौली पुलिस अधीक्षक से प्राप्त अभियोग में कोतवाली पुलिस की तथ्यात्मक रिपोर्ट में राजाराम गुर्जर के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित माना गया है. सभापति राजाराम का उक्त कृत्य राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत दुराचरण की श्रेणी में आता है.

करौली सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित, Karauli Chairman Rajaram Gurjar suspended
स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया आदेश

पढ़ें- करौलीःनगर परिषद सभापति और स्वास्थ्य निरीक्षक के विवाद ने पकड़ा तूल, शहर की सफाई व्यवस्था हुई बेपटरी

राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के ओर से राजाराम के विरूद्ध राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के तहत न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि उनके सभापति पद पर बने रहने से जांच प्रभावित होने की संभावना है. इस कारण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से राजाराम गुर्जर को सभापति और सदस्य, नगर परिषद करौली के पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.

यह है पूरा मामला

बता दें कि 12 नवंबर को राजाराम गुर्जर ने नगर परिषद के एसआई (स्वास्थ्य निरीक्षक) मुकेश कुमार सैनी को अपने घर बुलाया. इस पर सैनी सभापति के मासलपुर मोड स्थित चुंगी नाका के पास वाले घर पर पहुंचे. एसआई मुकेश कुमार सैनी ने वहां से आने के बाद अगले दिन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की सभापति राजाराम गुर्जर ने घर बुलाकर 340 सफाई श्रमिकों की नोटशीट को प्रमाणित कराने के लिए दबाव बनाया.

एसआई मुकेश सैनी का कहना है कि मौके पर 190 सफाई श्रमिक कार्य कर रहे हैं और वे प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट आयुक्त शंभूलाल मीना को प्रेषित करते हैं. ऐसे में 340 सफाई श्रमिकों की नोटशीट को प्रमाणित किया जाता है तो यह राजकार्य के प्रति घोर लापरवाही एवं कर्तव्यों के प्रति उदासीनता होगी. इससे राजकीय कोष को भी बड़ा घाटा होगा.

पढ़ें- करौलीः सभापति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दे रही दबिश, बचाव में सड़क पर उतरी भाजपा

सैनी का कहना है कि यह सुनते ही राजाराम गुर्जर आग बबूला हो गए और उसकी लात-घूंसों से पिटाई कर दी. इस घटना के बाद नगर परिषद के सफाई कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. बाद में करौली के विधायक लाखन सिंह एवं कलेक्टर डॉ. मोहनलाल यादव की समझाइश के बाद कर्मचारी कार्य पर लौटे थे.

करौली. जिले में अधीनस्थ कार्मिक को घर बुलाकर पिटाई करने के आरोपी नगर परिषद के सभापति राजाराम गुर्जर को आखिरकार राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभापति और सदस्य पद से निलंबित कर दिया है. सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ यह कार्रवाई पद के दुरूपयोग के आरोप में की गई है.

करौली नगर परिषद सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित

स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्जवल राठौड़ ने एक आदेश जारी कर कहा कि नगर परिषद, करौली के सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ पद के दुरूपयोग और दुराचरण करने के संबंध में नगर परिषद के आयुक्त से टिप्पणी प्राप्त हुई. इसके अलावा करौली पुलिस अधीक्षक से प्राप्त अभियोग में कोतवाली पुलिस की तथ्यात्मक रिपोर्ट में राजाराम गुर्जर के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित माना गया है. सभापति राजाराम का उक्त कृत्य राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत दुराचरण की श्रेणी में आता है.

करौली सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित, Karauli Chairman Rajaram Gurjar suspended
स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया आदेश

पढ़ें- करौलीःनगर परिषद सभापति और स्वास्थ्य निरीक्षक के विवाद ने पकड़ा तूल, शहर की सफाई व्यवस्था हुई बेपटरी

राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के ओर से राजाराम के विरूद्ध राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के तहत न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि उनके सभापति पद पर बने रहने से जांच प्रभावित होने की संभावना है. इस कारण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से राजाराम गुर्जर को सभापति और सदस्य, नगर परिषद करौली के पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.

यह है पूरा मामला

बता दें कि 12 नवंबर को राजाराम गुर्जर ने नगर परिषद के एसआई (स्वास्थ्य निरीक्षक) मुकेश कुमार सैनी को अपने घर बुलाया. इस पर सैनी सभापति के मासलपुर मोड स्थित चुंगी नाका के पास वाले घर पर पहुंचे. एसआई मुकेश कुमार सैनी ने वहां से आने के बाद अगले दिन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की सभापति राजाराम गुर्जर ने घर बुलाकर 340 सफाई श्रमिकों की नोटशीट को प्रमाणित कराने के लिए दबाव बनाया.

एसआई मुकेश सैनी का कहना है कि मौके पर 190 सफाई श्रमिक कार्य कर रहे हैं और वे प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट आयुक्त शंभूलाल मीना को प्रेषित करते हैं. ऐसे में 340 सफाई श्रमिकों की नोटशीट को प्रमाणित किया जाता है तो यह राजकार्य के प्रति घोर लापरवाही एवं कर्तव्यों के प्रति उदासीनता होगी. इससे राजकीय कोष को भी बड़ा घाटा होगा.

पढ़ें- करौलीः सभापति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दे रही दबिश, बचाव में सड़क पर उतरी भाजपा

सैनी का कहना है कि यह सुनते ही राजाराम गुर्जर आग बबूला हो गए और उसकी लात-घूंसों से पिटाई कर दी. इस घटना के बाद नगर परिषद के सफाई कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. बाद में करौली के विधायक लाखन सिंह एवं कलेक्टर डॉ. मोहनलाल यादव की समझाइश के बाद कर्मचारी कार्य पर लौटे थे.

Intro:अधिनस्थ कार्मिक को घर बुलाकर पिटाई करने के आरोपी नगर परिषद के सभापति राजाराम गुर्जर को आखिरकार राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभापति एवं सदस्य पद से निलंबित कर दिया है. सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ यह कार्रवाई पद के दुरूपयोग के आरोप में की गई है.


Body:करौली नगर परिषद सभापति राजाराम गुर्जर निलंबित. स्वायत शासन विभाग ने जारी किया आदेश,

करौली.

अधिनस्थ कार्मिक को घर बुलाकर पिटाई करने के आरोपी नगर परिषद के सभापति राजाराम गुर्जर को आखिरकार राज्य के स्वायत्त शासन विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभापति एवं सदस्य पद से निलंबित कर दिया है. सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ यह कार्रवाई पद के दुरूपयोग के आरोप में की गई है.

स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्जवल राठौड़ ने एक आदेश जारी कर कहा है कि नगर परिषद, करौली के सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ पद के दुरूपयोग एवं दुराचरण करने के संबंध में नगर परिषद के आयुक्त से टिप्पणी प्राप्त हुई.इसके अलावा जिला पुलिस अधीक्षक, करौली से प्राप्त अभियोग में कोतवाली पुलिस की तथ्यात्मक रिपोर्ट में राजाराम गुर्जर के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित माना गया है.सभापति राजाराम का उक्त कृत्य राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत दुराचरण की श्रेणी में आता है. राज्य सरकार द्वारा राजाराम के विरूद्ध राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के तहत न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है.कहा गया की राजाराम के खिलाफ आरोप गंभीर प्रवृति के हैं. उनके सभापति पद पर बने रहने से जांच प्रभावित होने की संभावना है. इस कारण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा राजाराम गुर्जर को सभापति एवं सदस्य नगर परिषद करौली के पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.

यह है मामला, जिसमें राजाराम को खोना पडा राज

बता दे की 12 नवंबर को शाम राजाराम गुर्जर ने नगर परिषद के एसआई (स्वास्थ्य निरिक्षक) मुकेश कुमार सैनी को अपने घर बुलाया.इस पर सैनी सभापति के मासलपुर मोड स्थित चुंगी नाका के पास वाले घर पर पहुंचे.एसआई मुकेश कुमार सैनी ने वहां से आने के बाद अगले दिन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की सभापति राजाराम गुर्जर ने घर बुलाकर 340 सफाई श्रमिकों की नोटशीट को प्रमाणित कराने के लिए दबाव बनाया. एसआई मुकेश सैनी का कहना रहा की मौके पर 190 सफाई श्रमिक कार्य कर रहे हैं. वे प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट आयुक्त शंभूलाल मीना को प्रेषित करते हैं.ऐसे में 340 सफाई श्रमिकों की नोटशीट को प्रमाणित किया जाता है तो यह राजकार्य के प्रति घोर लापरवाही एवं कर्तव्यों के प्रति उदासीनता होगी.इससे राजकीय कोष को भी बडा घाटा होगा.एसआई मुकेश सैनी का कहना रहा की यह सुनते ही राजाराम गुर्जर आग बबूला हो गए और उसकी लात-घूंसों से पिटाई कर दी.इस घटना के बाद नगर परिषद के सफाई कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारी हडताल पर चले गए थे.बाद में करौली के विधायक लाखन सिंह एवं कलेक्टर डॉ. मोहनलाल यादव की समझाइस के बाद कर्मचारी कार्य पर लौटे थे.


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