जोधपुर. कोरोना की दूसरी लहर के चलते राजस्थान सरकार ने सख्त लॉकडाउन लगाया है. कई दिहाड़ी श्रमिकों और गरीब परिवारों के लिए रोजी-रोटी का संकट सा खड़ा हो गया. ऐसे में जोधपुर के युवाओं ने पहल करते हुए जरूरतमंदों को रसद सामग्री और जरूरी सामान उपलब्ध कराने के लिए रसद बैंक शुरू किया है.
उन्होंने इसके लिए 10 युवाओं की टीम बनाई और एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया. उन्होंने अपने जानकारों और मित्रों से मदद जुटाई. किराना का सामान लिया और उनके पैकेट बनाने शुरू कर दिए. इन में 15 से 20 दिनों का जरूरी सामान जैसे दाल, नमक, मिर्च, तेल, साबुन, हैंड सैनिटाइजर और मास्क इत्यादि है. उन्होंने इन पैकेट को श्रमिक क्षेत्र में वितरण करना शुरू किया. हेल्पलाइन के जरिए भी लोगों को मदद पहुंचाई गई.
कोरोना से पीड़ित होम क्वॉरेंटाइन परिवारों को भी पहुंचाई मदद
इन युवाओं ने जब अपने हेल्पलाइन नंबर जारी किए तो ऐसे कॉल भी आने लगे, जो लोग कोरोना से पीड़ित होने के बाद होम क्वॉरेंटाइन में थे और जरूरी सामान नहीं जुटा पा रहे थे. उन्होंने ऐसे लोगों को भी जरूरी सामान मुहैया कराया.
अस्पतालों में भी पहुंचाया खाना
कोरोना के चलते अस्पतालों में दूरदराज से आए मरीजों के परिवार जो अस्पताल में साथ में रहते हैं. ऐसे लोगों को भी खाना उपलब्ध करवाने का कार्य भी किया जा रहा है.
100 से ज्यादा परिवारों को पहुंचाई मदद
यह युवा 100 से ज्यादा ऐसे परिवारों को अभी तक मदद पहुंचा जुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने इन परिवारों को और जरूरतमंदों को सूचीबद्ध भी कर दिया है. एक बार 15 दिन का राशन देने के बाद पुनः 15 दिन बाद उनको कॉल कर जरूरी सामग्री पहुंचाने का कार्य करते हैं.
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इस रसद बैंक की शुरुआत करने वाले वरुण कहते हैं कि जब लॉकडाउन लगा तो ऐसा देखने में आया गरीब श्रमिक जरूरी संसाधन भी नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसे में हम दोस्तों ने एक टीम बनाई और रसद बैंक की शुरुवात की. शुरू में सिर्फ दो और तीन युवा ही जोड़ें पर जैसे-जैसे हमारे कार्य को लोगों ने देखा और भी युवा इसके साथ जुड़ते गए. हम युवाओं ने अपने स्तर पर संसाधन जुटाए और श्रमिक परिवारों को रसद सामग्री वितरण करने से इसकी शुरुआत की ओर एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया.
इसके बाद कई जरूरत मानद लोगों के कॉल आने लगे खासकर उन लोगों के जो कोरोना से संक्रमित हैं और घरों में ही होम क्वॉरेंटाइन है. ऐसे में जरूरी सामान भी नहीं जुटा पा रहे, उन लोगों तक भी हमने रसद सामग्री पहुंचाई. उनका मानना है कि इस मुश्किल समय में हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जो भी मदद आसपास और जरूरतमंद लोगों की कर सके करनी चाहिए.