जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में मेडिकल स्टूडेंट के शैक्षणिक (SN Medical College of Jodhpur) स्तर सुधारने के लिए नवाचार किया जा रहा है. इसके तहत यहां टीचर्स और स्टूडेंट एक दूसरे की मॉनिटरिंग करेंगे. इसके लिए कॉलेज ने मोबाइल ऐप बनाया है. जिसमें स्टूडेंट हर लेक्चर की हाजरी भरेंगे, साथ ही टीचर ने जो पढ़ाया है वो अप टू द मार्क है या नहीं इसका फीडबैक भी देंगे.
स्टूडेंट्स के फीडबैक से टीचर्स की रैंकिंग तय होगी. इसी रेटिंग के आधार पर टीचर ऑफ द वीक और मंथ का चुनाव भी (SN Medical College of Jodhpur developed Mobile app) किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ दिलीप कच्छवाह ने बताया कि इस पहल से दो फायदे होंगे. टीचर्स की पूरी जानकारी मिलने के साथ शैक्षणिक स्तर में सुधार आएगा और दूसरा स्टूडेंट्स की नियमित क्लासेज भी लगेंगी. साथ ही टीचर्स के भी नियमित क्लास लेने का पता चल सकेगा. यह व्यवस्था एक दिसंबर से लागू होगी.
अटेंडेंस का समय भी बचेगाः प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह ने बताया कि एकेडमिक एक्टिविटी में सुधार (Teachers and students will monitor one another) करने के कवायद के तहत यह नवाचार किया जा रहा है. इसके तहत जब भी टीचर लेक्चर रूम में जाएंगे उस समय सभी स्टूडेंट को ऐप के माध्यम से एक साथ अपनी अटेंडेंस भी देनी होगी. एक क्लास में 60 से ज्यादा स्टूडेंट की मैनुअल अटेंडेंस में बीस मिनिट लगते हैं. यह काम दो मिनिट में हो जाएगा. इससे समय बचेगा. टीचर को पता होगा उनके लेक्चर में कौन अब्सेंट था.
पहचान उजागर नहीं होगीः प्राचार्य ने बताया कि क्लास में टीचर की ओर से पढ़ाया हुआ कंटेंट अपडेट है या नहीं ? ऑडियो विजुअल सिस्टम का उपयोग हुआ या नहीं. ऐसे कई सवालों के स्टूडेंट्स को केवल ऑब्जेक्टिव के आधार पर उत्तर देने होंगे. बेस्ट टीचर ऑफ वीक, बेस्ट टीचर ऑफ मंथ टैग के साथ टीचर का नाम व फोटो मेडिकल कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर भी लगाया जाएगा. जिससे टीचर्स में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. फीडबैक देने वाले सभी स्टूडेंट्स की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. जिससे की निगेटिव फीडबैक का टीचर्स को पता नहीं चलेगा.