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जोधपुर में इको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी मनाने की तैयारी - eco friendly ganesha jodhpur

विघ्नहर्ता अराध्य भगवान गणेश का उत्सव शुरू होने वाला है. जगह-जगह मूर्तियां बनने का काम जोरों पर है. ऐसे में जोधपुर में इस साल ईको फ्रेंडली गणेशा बनाया जा रहा है. जिससे कि बाद में कोई भी गंदिगीं ना जमा हो पाए.

जोधपुर न्यूज, jodhpur news
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Published : Aug 30, 2019, 10:16 PM IST

जोधपुर. गणेश चतुर्थी मनाने के लिए जोधपुर शहर में छोटे बडे़ करीब 300 पांडाल लगाए गए हैं. इस बार इस उत्सव को पूरी तरह से ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है.

इको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी

पुलिस ने इस साल जलाशयों में विसर्जन होने वाली मूर्तियों की लंबाई भी तय कर दी है. जिससे जलाशयों में गंदिगी ना जमा हो सकें. इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पर भी इस साल रोक लगेगी.

यह भी पढ़े: छात्रसंघ चुनाव 2019 : कांग्रेस सरकार में तीन-तीन मंत्री, फिर भी भरतपुर में खाता भी नहीं खोल पाई NSUI

जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी डॉ रवि ने बताया कि गणेश चतुर्थी को लेकर प्रशासन की संयुक्त बैठक में हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत तय किया गया है कि एक मीटर से बड़ी एक भी मूर्ति नहीं होगी. मूर्तियों की अधिकतम लंबाई तीन फीट रहेगी. मूर्ति का विसर्जन सिर्फ गुलाबसागर में ही किया जाएगा.मूर्ति पर अधिक से अधिक प्राकृतिक रंगों का उपयोग होना अतिआवश्यक है. जिससे जलाशयों के जीवों को कोई भी नुकसान नहीं हो सके.

इसी तरह से नगर निगम जोधपुर के महापौर घनश्याम ओझा ने भी अपील की है कि पंडाल संचालक धातु की मूर्ति ही लगाए जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं हो. धातु की मूर्ति नहीं लगाने पर मिट्टी की मूर्ति लगाए जिसका विसर्जन पांडाल में ही किया जा सके और मूर्ति की मिट्टी का उपयोग गमलों में किया जा सके.

यह भी पढ़े: भरतपुर में मौत का तार, करंट लगने से 3 लोगों की मौत

इधर शहर में मूर्तिकार भी प्रशासन के निर्देशों के तहत एक मीटर से बड़ी मूर्ति नहीं बना रहे हैं. लेकिन रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस का अभी उपयोग बंद नहीं किया गया है, जिसको लेकर आने वाले दिनों में परेशानी खडी़ हो सकती है.

जोधपुर. गणेश चतुर्थी मनाने के लिए जोधपुर शहर में छोटे बडे़ करीब 300 पांडाल लगाए गए हैं. इस बार इस उत्सव को पूरी तरह से ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है.

इको फ्रेंडली गणेश चतुर्थी

पुलिस ने इस साल जलाशयों में विसर्जन होने वाली मूर्तियों की लंबाई भी तय कर दी है. जिससे जलाशयों में गंदिगी ना जमा हो सकें. इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पर भी इस साल रोक लगेगी.

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जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी डॉ रवि ने बताया कि गणेश चतुर्थी को लेकर प्रशासन की संयुक्त बैठक में हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत तय किया गया है कि एक मीटर से बड़ी एक भी मूर्ति नहीं होगी. मूर्तियों की अधिकतम लंबाई तीन फीट रहेगी. मूर्ति का विसर्जन सिर्फ गुलाबसागर में ही किया जाएगा.मूर्ति पर अधिक से अधिक प्राकृतिक रंगों का उपयोग होना अतिआवश्यक है. जिससे जलाशयों के जीवों को कोई भी नुकसान नहीं हो सके.

इसी तरह से नगर निगम जोधपुर के महापौर घनश्याम ओझा ने भी अपील की है कि पंडाल संचालक धातु की मूर्ति ही लगाए जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं हो. धातु की मूर्ति नहीं लगाने पर मिट्टी की मूर्ति लगाए जिसका विसर्जन पांडाल में ही किया जा सके और मूर्ति की मिट्टी का उपयोग गमलों में किया जा सके.

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इधर शहर में मूर्तिकार भी प्रशासन के निर्देशों के तहत एक मीटर से बड़ी मूर्ति नहीं बना रहे हैं. लेकिन रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस का अभी उपयोग बंद नहीं किया गया है, जिसको लेकर आने वाले दिनों में परेशानी खडी़ हो सकती है.

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Body:जोधपुर में ईकोफ्रेंडली गणेश चतुर्थी मनाने की तैयारी

तीन फिट से बडी मूर्ति नहीं लगेगी, निगम ने की धातू की मूर्ति लगाने की अपील

जोधपुर।
विघ्नहर्ता अराध्य भगवान गणेश का उत्सव शुरू होने वाला है। जगह—जगह मूर्तियां बनने का काम जोरों पर है। गणेश चतुर्थी मनाने के लिए जोधपुर शहर में छोटे बडे करीब 300 पांडाल लगते हैं। जिनमें भगवान गणेश की मूर्तियां लगती है। इस बार इस उत्सव को  पूरी तरह से ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। खास तौर से जलाशयों में विसर्जन होने वाली मूर्तियों की लंबाई तय कर  दी है जिससे जलाशयों में कचरा नहीं हो। इसके अलावा प्लास्ट आॅफ पेरिस की मूर्ति पर रोक रहेगी। जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी हैडक्वाटर डॉ रवि ने बताया कि इसको लेकर प्रशासन कीसंयुक्त बैठक में हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत तय किया गया कि एक मीटर से बडी कोई मूर्ति नहीं होगी यानी की मूर्ति की अधिकतम लंबाई 3 फीट रहेगी। मूर्ति का विसर्जन सिर्फ गुलाबसागर में ही किया जाएगा। मूर्ति पर अधिक से अधिक प्राकृतिक रंगों का उपयोग होना जरूरी है। जिससे जलाशयों के जीवों को नुकसान नहीं है। इसी तरह से नगर निगम जोधपुर के महापौर घनश्याम ओझा नेभी अपील की है कि पांडाल संचालक धातु की मूर्ति ही लगाए जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं हो। धातु की मूर्ति नहीं लगाने पर मिट्टी की मूर्ति लगाए जिसका विसर्जन पांडाल में ही कर दिया जाए और मूर्ति की मिट्टी का उपयोग गमलों में किया जाए। इधर शहर में मूर्तिकार भी प्रशासन के निेर्दशाों के तहत एक मीटर से बडी मूर्ति नहीं बना रहे हैं। लेकिन रंग और प्लास्ट आॅफ पेरिस का अभी उपयोग बंद नहीं हुआ है। जिसको लेकर आने वाले दिनों में परेशानी खडी हो सकती है।
बाईट 1 डॉ रवि, डीसीपी हैडक्वाटर जोधपुर कमिश्नरेट
बाईट 2 घनश्याम ओझा, महापौर जोधपुर नगर निगम



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