जोधपुर. गणेश चतुर्थी मनाने के लिए जोधपुर शहर में छोटे बडे़ करीब 300 पांडाल लगाए गए हैं. इस बार इस उत्सव को पूरी तरह से ईको फ्रेंडली बनाने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है.
पुलिस ने इस साल जलाशयों में विसर्जन होने वाली मूर्तियों की लंबाई भी तय कर दी है. जिससे जलाशयों में गंदिगी ना जमा हो सकें. इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पर भी इस साल रोक लगेगी.
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जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी डॉ रवि ने बताया कि गणेश चतुर्थी को लेकर प्रशासन की संयुक्त बैठक में हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत तय किया गया है कि एक मीटर से बड़ी एक भी मूर्ति नहीं होगी. मूर्तियों की अधिकतम लंबाई तीन फीट रहेगी. मूर्ति का विसर्जन सिर्फ गुलाबसागर में ही किया जाएगा.मूर्ति पर अधिक से अधिक प्राकृतिक रंगों का उपयोग होना अतिआवश्यक है. जिससे जलाशयों के जीवों को कोई भी नुकसान नहीं हो सके.
इसी तरह से नगर निगम जोधपुर के महापौर घनश्याम ओझा ने भी अपील की है कि पंडाल संचालक धातु की मूर्ति ही लगाए जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं हो. धातु की मूर्ति नहीं लगाने पर मिट्टी की मूर्ति लगाए जिसका विसर्जन पांडाल में ही किया जा सके और मूर्ति की मिट्टी का उपयोग गमलों में किया जा सके.
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इधर शहर में मूर्तिकार भी प्रशासन के निर्देशों के तहत एक मीटर से बड़ी मूर्ति नहीं बना रहे हैं. लेकिन रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस का अभी उपयोग बंद नहीं किया गया है, जिसको लेकर आने वाले दिनों में परेशानी खडी़ हो सकती है.