जोधपुर. शहर के ऐतिहासिक और प्राकृतिक जल स्रोतों को सुधारने का काम शुरू होने जा रहा है. इनमें राज्य सरकार की बजट घोषणा के मुताबिक काम होना है. खासतौर से शहर के बाईजी का तालाब, गुरु का तालाब और भीतरी शहर के अन्य छोटे तालाबों को सुधारने का काम किया जाएगा. इसके अलावा शहर के प्रमुख गुलाब सागर को भी सुधारने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसको लेकर गुरुवार को नगर निगम (उत्तर) के आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर ने इन सभी तालाबों का जायजा लिया.
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आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर ने इस दौरान स्थानीय लोगों से भी फीडबैक लिया और उनसे जाना कि किस तरह से इन प्राकृतिक संपदाओं का संरक्षण किया जा सकता है. अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने लोगों से कोरोना की गाइडलाइंस की पालना को लेकर भी कहा. उनको बताया कि हम लगातार इसको लेकर कार्रवाई करेंगे.
गुलाब सागर का दौरा करते वक्त आयुक्त ने बताया कि बाईजी का तालाब और गुरु का तालाब के लिए डीपीआर बन चुकी है. इसको लेकर गुरुवार को विजिट की गई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि गुलाब सागर में जो पानी गंदा पानी रहा है, उसके संबंध में पता लगाया जा रहा है. सबसे पहले इस पानी के स्रोत को बंद किया जाएगा. आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर ने ये भी कहा कि गुलाब सागर में जो जल स्रोत लोगों ने खोले हैं, उनको बंद करवाया जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद जो बारिश का पानी नहरों के मार्फत गुलाब सागर तक आता था, उन नहरों को सुधारने की कवायद शुरू की जाएगी.
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गौरतलब है कि कि जोधपुर के भीतरी शहर से जुड़े हुए जितने भी तालाब हैं, वो लगभग नष्ट होने के कगार पर हैं. गुलाब सागर में भीतरी शहर से लगातार पानी का रिसाव होने से पानी एकत्रित हो गया है. इसके अलावा लोगों ने भी यहां गंदे पानी के नाले खोल दिए हैं, जिससे पानी जहरीला हो गया है. वहीं, सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास इन तालाबों का मामला विधानसभा में भी उठा चुकी हैं. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहर के प्रमुख तालाबों के जीर्णोद्धार को लेकर बजट में घोषणा की थी, जिसके तहत काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है.