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भोपालगढ़ के आसमान में मंडराता टिड्डी दल, खरीफ फसलों को किया चौपट - खरीफ फसल चौपट

जोधपुर के भोपालगढ़ में टिड्डियों ने किसानों के फसलों पर हमला कर दिया है. जिसके बाद किसान थाली लेकर खेतों में टिड्डियों को भगाते नजर आए. वहीं किसानों ने सरकार से मुआवजा राशि देने की मांग भी की हैं.

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टिड्डी हमला
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Published : Jul 4, 2020, 3:59 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले के भोपालगढ़ में टि्ड्डियों ने शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह को किसानों के खेतों में हमला कर दिया. टिड्डी दल भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र के गांव नाड्सर, रजलानी, सारणों की ढाणी, शोभा मंगरी होते हुए आसपास के गांवों की ओर निकल गया. काफी संख्या में टिड्डियों को देखकर ग्रामीण थाली और पटाखे लेकर खेतों की तरफ दौड़े. वहीं ग्रामीणों ने शोर करके टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया.

आसमान में मंडराता दिखा टिड्डी दल

गौरतलब है कि पाकिस्तान से आने पर पश्चिमी राजस्थान के भोपालगढ़ में पिछले एक माह से ज्यादा समय होने के बाद भी लगातार टिड्डी दल गांवों में किसानों की फसलों को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा माकूल व्यवस्था नहीं होने से हर रोज टिड्डी दल का हमला देखने को मिल रहा है.

पढ़ेंः दौसाः मेहंदीपुर बालाजी में पहली बार लाखों टिड्डियों का प्रवेश

भोपालगढ़ के किसानों की सभी मेहनत इन दिनों टिड्डी दलों के आगे बर्बाद होती हुई नजर आने लगी है. जिसके बाद किसानों ने सरकार से समय पर टिड्डियों के दल को खत्म करने के लिए विशेष इंतजाम करवाने की मांग की है. साथ ही फसलें टिड्डियों द्वारा चौपट करने पर सरकार से मुआवजा राशि दिलवाने की मांग भी की है.

इस दौरान सभी गांवों में खरीफ की किसानों द्वारा फसलों की दो तीन बार बुवाई कर दी गई, लेकिन लगातार टिड्डी दलों द्वारा इन फसलों को चौपट करने से किसानों के सभी अरमानों पर पानी फिर गए हैं.

दो प्रकार के होते है टिड्डी

टिड्डी दल दो प्रकार का होता है, गुलाबी और पीले रंग का. पीले रंग की टिड्डियां अंडे देने में सक्षम होती हैं. पड़ाव डालने के बाद पीले रंग की टिड्डियां अंडे देना शुरू कर देती हैं और इसके लिए वो एक जगह 3 से 4 दिन तक पड़ाव डाले रखती हैं. ऐसी स्थिति में कीटनाशक का छिड़काव करके टिड्डियों के प्रजनन को रोका जा सकता है.

पढ़ेंः जोधपुरः हर 15 दिन में श्रमिकों की कोरोना जांच से प्रभावित होगा उद्योग

वहीं, गुलाबी रंग की टिड्डी एक जगह ज्यादा देर नहीं ठहरती हैं. गुलाबी रंग की टिड्डियों के नियंत्रण के लिए ज्यादा तत्परता दिखाने की जरूरत होती है. टिड्डी दल दिन में झुंड में उड़ते हैं. शाम होने पर टिड्डियां पेड़ों पर और फसल के पत्तों पर बैठ जाती हैं. रात भर ठहरने के बाद टिड्डियां सुबह में उड़ जाती हैं.

भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले के भोपालगढ़ में टि्ड्डियों ने शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह को किसानों के खेतों में हमला कर दिया. टिड्डी दल भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र के गांव नाड्सर, रजलानी, सारणों की ढाणी, शोभा मंगरी होते हुए आसपास के गांवों की ओर निकल गया. काफी संख्या में टिड्डियों को देखकर ग्रामीण थाली और पटाखे लेकर खेतों की तरफ दौड़े. वहीं ग्रामीणों ने शोर करके टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया.

आसमान में मंडराता दिखा टिड्डी दल

गौरतलब है कि पाकिस्तान से आने पर पश्चिमी राजस्थान के भोपालगढ़ में पिछले एक माह से ज्यादा समय होने के बाद भी लगातार टिड्डी दल गांवों में किसानों की फसलों को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा माकूल व्यवस्था नहीं होने से हर रोज टिड्डी दल का हमला देखने को मिल रहा है.

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भोपालगढ़ के किसानों की सभी मेहनत इन दिनों टिड्डी दलों के आगे बर्बाद होती हुई नजर आने लगी है. जिसके बाद किसानों ने सरकार से समय पर टिड्डियों के दल को खत्म करने के लिए विशेष इंतजाम करवाने की मांग की है. साथ ही फसलें टिड्डियों द्वारा चौपट करने पर सरकार से मुआवजा राशि दिलवाने की मांग भी की है.

इस दौरान सभी गांवों में खरीफ की किसानों द्वारा फसलों की दो तीन बार बुवाई कर दी गई, लेकिन लगातार टिड्डी दलों द्वारा इन फसलों को चौपट करने से किसानों के सभी अरमानों पर पानी फिर गए हैं.

दो प्रकार के होते है टिड्डी

टिड्डी दल दो प्रकार का होता है, गुलाबी और पीले रंग का. पीले रंग की टिड्डियां अंडे देने में सक्षम होती हैं. पड़ाव डालने के बाद पीले रंग की टिड्डियां अंडे देना शुरू कर देती हैं और इसके लिए वो एक जगह 3 से 4 दिन तक पड़ाव डाले रखती हैं. ऐसी स्थिति में कीटनाशक का छिड़काव करके टिड्डियों के प्रजनन को रोका जा सकता है.

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वहीं, गुलाबी रंग की टिड्डी एक जगह ज्यादा देर नहीं ठहरती हैं. गुलाबी रंग की टिड्डियों के नियंत्रण के लिए ज्यादा तत्परता दिखाने की जरूरत होती है. टिड्डी दल दिन में झुंड में उड़ते हैं. शाम होने पर टिड्डियां पेड़ों पर और फसल के पत्तों पर बैठ जाती हैं. रात भर ठहरने के बाद टिड्डियां सुबह में उड़ जाती हैं.

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