भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना वायरस के तहत लॉक डाउन में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में अब हर व्यक्ति योजना का लाभ लेने में जुट गए हैं. भोपालगढ़ क्षेत्र के गजसिहपुरा गांव में साध्वी भी मनरेगा में कार्य करके इस योजना का लाभ उठा रही है.
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प्रदेश में अनलॉक के साथ ही अब व्यावसायिक गतिविधियों को गति देने का काम भी शुरू कर दिया गया है, जिसका फायदा अब मजदूरों को भी मिलने लगा है. भोपालगढ पंचायत समिति जोधपुर जिले में प्रथम स्थान पर रहते हुए लगभग 21,000 मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवा रही है. क्षेत्र के गजसिहपुरा ग्राम पंचायत में साध्वी बुलादेवी को भी मनेरगा के तहत काम दिया जा रहा है, जिससे वे खुश हैं.
कोरोना के संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण जहां मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया था. वहीं अब दोबारा केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसले के बाद मजदूर वर्ग के चेहरों पर खुशी लौटने लगी है. दरअसल केंद्र और राज्य सरकार ने मजदूरों का हित देखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य शुरू कर दिया है. पिछले 20 अप्रैल से ही प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य कराए जा रहे हैं. ऐसे में भोपालगढ़ पंचायत समिति ने सबसे अच्छी पहल करते हुए लगातार जोधपुर जिले में मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में प्रतिदिन श्रमिक को 220 रुपए की मजदूरी के रूप में अधिकतम भुगतान भी जितना काम, उतना दाम के तहत दिया जा रहा है. ऐसे में साधु-संतों ने भी कोरोना वायरस में रोजगार प्राप्त करने के लिए मनरेगा में अपना नाम लिखवा कर मनरेगा श्रमिकों के साथ कार्य स्थल पर कार्य कर रहे हैं. भोपालगढ़ पंचायत समिति के गजसिहपुरा ग्राम पंचायत में साध्वी बुलादेवी ने भी नरेगा में अपना नाम लिखवा कर रोजगार की प्राप्ति के साथ ही कार्य कर रहे हैं.