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मोदी 2.0 के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड: जोधपुर के युवाओं ने कहा- दोनों सरकारें ही नहीं चाहती कि बेरोजगारी खत्म हो...

कहा जा रहा है कि देश में इन दौर में जो बेरोजगारी है वह 45 साल में सर्वाधिक है. युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही है, बाजार में काम नहीं है. सरकारी नौकरियां सिरे नहीं चढ़ रही है. खास तौर से केंद्र सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतर रही है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जोधपुर के युवाओं से बातचीत की.

reactions on modi 2.0, मोदी 2.0 पर प्रतिक्रिया
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Published : Sep 17, 2019, 2:22 AM IST

जोधपुर. जिले के युवाओं से हमें मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है. हालांकि ज्यादातर ने माना कि बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है. इसको लेकर सरकारों को कुछ करना होगा. साथ ही युवा वर्ग में एक बड़ा हिस्सा मानता है कि केवल सरकारी नौकरी की आस में बेरोजगार नहीं रहना चाहिए. निजी क्षेत्र को भी अपनाना चाहिए. लेकिन सरकारी नौकरी को ही सही रोजगार मानने वालों की भी कमी नहीं है.

मोदी 2.0 के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड

इसके अलावा युवाओं ने कहा कि केद्र व राज्य दोनों सरकारें ही नहीं चाहती कि बेरोजगारी खत्म हो. सरकारें अपनी योजनाओं के मार्फत युवाओं को बेरोजगार कर रही है. इसके अलावा सरकारों द्वारा निजीकरण को भी युवा बेरोजगारी का एक कारण मानते हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई मंदी भी बेरोजगारी बढ़ा रही है.

पढ़ेंः बेरोजगारी के कारण ही रेप और डकैती की घटनाएं बढ़ रही हैं: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

साथ ही युवाओं की सबसे बडी परेशानी यह है कि राज्य में सरकारी नौकरियों की घोषणा बहुत होती है प्रक्रिया भी शुरू होती है. लेकिन बाद में किसी न किसी बिंदु पर आकर न्यायालय में अटक जाती है, जिसका नुकसना उठाना पड़ रहा है. युवाओं का यह भी मानना है कि सरकार विज्ञप्ति जारी कर आवेदन के मार्फत् ही करोड़ों कमा लेती है लेकिन बाद में प्रक्रिया पूरी होगी या नहीं इसको लेकर कोई निश्चितता नहीं है. युवाओं में एक वर्ग ऐसा भी है कि जो नौकरी की बजाय व्यवसाय को पसंद करता है.

जोधपुर. जिले के युवाओं से हमें मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है. हालांकि ज्यादातर ने माना कि बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है. इसको लेकर सरकारों को कुछ करना होगा. साथ ही युवा वर्ग में एक बड़ा हिस्सा मानता है कि केवल सरकारी नौकरी की आस में बेरोजगार नहीं रहना चाहिए. निजी क्षेत्र को भी अपनाना चाहिए. लेकिन सरकारी नौकरी को ही सही रोजगार मानने वालों की भी कमी नहीं है.

मोदी 2.0 के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड

इसके अलावा युवाओं ने कहा कि केद्र व राज्य दोनों सरकारें ही नहीं चाहती कि बेरोजगारी खत्म हो. सरकारें अपनी योजनाओं के मार्फत युवाओं को बेरोजगार कर रही है. इसके अलावा सरकारों द्वारा निजीकरण को भी युवा बेरोजगारी का एक कारण मानते हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई मंदी भी बेरोजगारी बढ़ा रही है.

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साथ ही युवाओं की सबसे बडी परेशानी यह है कि राज्य में सरकारी नौकरियों की घोषणा बहुत होती है प्रक्रिया भी शुरू होती है. लेकिन बाद में किसी न किसी बिंदु पर आकर न्यायालय में अटक जाती है, जिसका नुकसना उठाना पड़ रहा है. युवाओं का यह भी मानना है कि सरकार विज्ञप्ति जारी कर आवेदन के मार्फत् ही करोड़ों कमा लेती है लेकिन बाद में प्रक्रिया पूरी होगी या नहीं इसको लेकर कोई निश्चितता नहीं है. युवाओं में एक वर्ग ऐसा भी है कि जो नौकरी की बजाय व्यवसाय को पसंद करता है.

Intro:


Body:बेरोजगारी पर युवाओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया
—डेस्क से मांगी कई खबर, वीओ नहीं है ओपनिंग व क्लोजिंग पीटीसी कर दी है 

जोधपुर। कहा जा रहा है कि देश में इन दौर में जो बेरोजगारी है वह 45 साल में सर्वाधिक है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही है, बाजार में काम नहीं है। सरकारी नौकरियां सिरे नहीं चढ रही है। खास तौर से केंद्र सरकार अपने वादे पर खरी नहीं उतर रही है। इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जोधपुर के युवाओं से बात चीत की। इसमें युवाओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई। हालांकि ज्यादातर ने माना कि बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ रही है। इसको लेकर सरकारों को कुछ करना होगा। साथ ही युवा वर्ग में एक बडा हिस्सा मानता है कि केवल सरकारी नौकरी की आस में बेरोजगार नहीं रहना चाहिए। निजी क्षेत्र को भी अपनाना चाहिए। लेकिन सरकारीन नौकरी को ही सही रोजगार मानने वालों की भी कमी नहीं है। इसके अलावा युवाओं ने कहा कि केद्र व राज्य दोनों सरकारें ही नहीं चाहती कि बेरोजगारी खत्म हो सरकारें अपनी योजनाओं के मार्फत युवाओं को बेरोजगार कर रही है। इसके अलावा सरकारों द्वारा निजीकरण को भी युवा बेरोजगारी का एक कारण मानते हैं। आॅटोमोबाइल सेक्टर मेंआई मंदी भी  बेरोजगारी बढा रही है। साथ  ही युवाओं की सबसे बडी परेशानी यह है कि राज्य में सरकारी नौकरियों की घोषणा बहुत होती है प्रक्रिया भी शुरू होती है लेकिन बाद में किसी न किसी बिंदु पर आकर न्यायालय में अटक जाती है जिसका नुकसना उठाना पड रहा है। युवाओं का यह भी मानना है कि सरकार विज्ञप्ति जारी कर आवेदन के मार्फत् ही करोडों कमा लेती है लेकिन बाद में प्रक्रिया पूरी होगी या नहीं इसको लेकर कोई निश्चितता नहीं है। युवाओं में एक वर्ग यह भी है कि जो नौकरी के बजाय व्यवसाय को पसंद करता है। 



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