जोधपुर. जिले के युवाओं से हमें मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है. हालांकि ज्यादातर ने माना कि बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है. इसको लेकर सरकारों को कुछ करना होगा. साथ ही युवा वर्ग में एक बड़ा हिस्सा मानता है कि केवल सरकारी नौकरी की आस में बेरोजगार नहीं रहना चाहिए. निजी क्षेत्र को भी अपनाना चाहिए. लेकिन सरकारी नौकरी को ही सही रोजगार मानने वालों की भी कमी नहीं है.
इसके अलावा युवाओं ने कहा कि केद्र व राज्य दोनों सरकारें ही नहीं चाहती कि बेरोजगारी खत्म हो. सरकारें अपनी योजनाओं के मार्फत युवाओं को बेरोजगार कर रही है. इसके अलावा सरकारों द्वारा निजीकरण को भी युवा बेरोजगारी का एक कारण मानते हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई मंदी भी बेरोजगारी बढ़ा रही है.
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साथ ही युवाओं की सबसे बडी परेशानी यह है कि राज्य में सरकारी नौकरियों की घोषणा बहुत होती है प्रक्रिया भी शुरू होती है. लेकिन बाद में किसी न किसी बिंदु पर आकर न्यायालय में अटक जाती है, जिसका नुकसना उठाना पड़ रहा है. युवाओं का यह भी मानना है कि सरकार विज्ञप्ति जारी कर आवेदन के मार्फत् ही करोड़ों कमा लेती है लेकिन बाद में प्रक्रिया पूरी होगी या नहीं इसको लेकर कोई निश्चितता नहीं है. युवाओं में एक वर्ग ऐसा भी है कि जो नौकरी की बजाय व्यवसाय को पसंद करता है.