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प्लास्टिक वेस्ट से सजा जोधपुर शहर, ब्लू सिटी की गलियों की पेंटिंग्स से पर्यटक अभिभूत

राजस्थान पर्यटकों को हमेशा ही आकर्षित करता रहा है. ब्लू सिटी के नाम से मशहूर जोधपुर में किया गया नवाचार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है. प्लास्टिक वेस्ट से शहर को सजाया गया है. इनका उपयोग करके गलियों में राजस्थान का कल्चर उकेरा गया, जो सेल्फी प्वाइंट बन गए हैं.

Jodhpur Streets decorated With Plastic waste
Jodhpur Streets decorated With Plastic waste
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2023, 9:51 PM IST

प्लास्टिक वेस्ट से सजा जोधपुर शहर

जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर को सनसिटी के साथ ही ब्ल्यू सिटी भी कहा जाता है. गर्मी से राहत पाने के लिए यहां के भीतरी शहर में रहने वालों ने सदियों पहले अपने घरों को नीला रंगना शुरू किया था, ताकि घर में ठंडक का अहसास रहे. हालांकि, बीते समय में नीले घरों का दायरा कम हुआ है, लेकिन यह रंग पर्यटकों के लिए आकर्षण का विषय है. भीतरी शहर के हेरिटेज इलाके के पचेटिया हिल और सिटी पुलिस इलाके में इसे जीवंत रखा जा रहा है, जिसके चलते यह क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. क्षेत्रीय पार्षद धीरज चौहान ने इन गलियों में प्लास्टिक वेस्ट से ऐसे प्वाइंट बनाए हैं जो सेल्फी प्वाइंट बन गए हैं. इतना ही नहीं वेडिंग शूट के लिए भी कपल यहां आ रहे हैं.

Plastic waste Decoration
प्लास्टिक से सजी जोधपुर की दीवारें

पेंटिंग से हर कोई अभिभूत : स्थानीय पार्षद धीरज चौहान बताते हैं कि दीवारों पर नीले रंग के साथ आकर्षक पेटिंग्स से पर्यटक काफी आकर्षित होते हैं. नगर निगम उत्तर के मार्फत हमारा प्रयास है कि सफाई बनी रहे. हमने गलियों के खाली कोनों को भी आकर्षक बनाया है. हेरिटेज बनाने के लिए लोगों का सहयोग लिया है. गलियों में राजस्थान का कल्चर पहले उकेरा गया था, इस बार वेस्ट मटेरियल का उपयोग किया गया है. यहां तक कि सिवरेज के पाइप भी डेकोरेट किए, जो सेल्फी प्वाइंट बन गए हैं. पुरानी हवेलियों और घरों में दरवाजे लगते थे, वह दीवारों पर उकेरे हैं, जो पर्यटकों का आकर्षण बन रहे हैं.

Jodhpur Streets decorated With Plastic waste
सेल्फी प्वाइंट बन गए प्लास्टिक वेस्ट से बनाए गए प्वाइंट

पढ़ें. राजस्थान के जोधपुर के दो भाइयों ने भांग से बनाया कपड़ा! गर्मी में ठंडा और सर्दी में रखता है गर्म

कैसे पहुंचे इस इलाके में : जोधपुर आने वाले पर्यटक यहां की पुरानी बावड़ियों को जरूर देखते हैं, जिन्हें स्टेप वेल कहा जाता है. तूरजी के झालरे से पचेटिया हिल का इलाका शुरू होता है. ऑटो के माध्यम से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है. इसके बाद ब्ल्यू सिटी का अहसास होने लगता है. इसके अलावा पचेटिया हिल के उपर जाकर शहर की प्राचीन ब्रह्मपुरी बस्ती नजर आती है, जिसके अधिकांश मकान आज भी नीले हैं. ये मेहरानगढ़ की तलहटी में बसी विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है.

Jodhpur Streets decorated With Plastic waste
गलियों में राजस्थान का कल्चर उकेरा गया

इसलिए शुरू हुआ नीला रंग : बताया जाता है कि जोधपुर रेगिस्तान के बीच में बसा शहर था. मेहरानगढ़ की पहाड़ी की तलहटी के लोगों ने घरों को ठंडा रखने के लिए घर नीले रंग से रंगना शुरू किया था. चूने में नील मिलाकर घरों की पुताई शुरू की गई. कहा जाता है कि पहले यह चलन ब्रह्मपुरी में था, जहां श्रीमाली ब्राह्मण निवास करते हैं. इसके बाद यह परंपरा सभी लोगों ने अपना ली. किसी समय में परकोटे के भीतर सभी घर नीले होते थे, लेकिन समय के साथ इसमें कमी आई है. हालांकि, उन इलाकों में लोग घरों को नीला ही करते हैं, जहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होती है.

प्लास्टिक वेस्ट से सजा जोधपुर शहर

जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर को सनसिटी के साथ ही ब्ल्यू सिटी भी कहा जाता है. गर्मी से राहत पाने के लिए यहां के भीतरी शहर में रहने वालों ने सदियों पहले अपने घरों को नीला रंगना शुरू किया था, ताकि घर में ठंडक का अहसास रहे. हालांकि, बीते समय में नीले घरों का दायरा कम हुआ है, लेकिन यह रंग पर्यटकों के लिए आकर्षण का विषय है. भीतरी शहर के हेरिटेज इलाके के पचेटिया हिल और सिटी पुलिस इलाके में इसे जीवंत रखा जा रहा है, जिसके चलते यह क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. क्षेत्रीय पार्षद धीरज चौहान ने इन गलियों में प्लास्टिक वेस्ट से ऐसे प्वाइंट बनाए हैं जो सेल्फी प्वाइंट बन गए हैं. इतना ही नहीं वेडिंग शूट के लिए भी कपल यहां आ रहे हैं.

Plastic waste Decoration
प्लास्टिक से सजी जोधपुर की दीवारें

पेंटिंग से हर कोई अभिभूत : स्थानीय पार्षद धीरज चौहान बताते हैं कि दीवारों पर नीले रंग के साथ आकर्षक पेटिंग्स से पर्यटक काफी आकर्षित होते हैं. नगर निगम उत्तर के मार्फत हमारा प्रयास है कि सफाई बनी रहे. हमने गलियों के खाली कोनों को भी आकर्षक बनाया है. हेरिटेज बनाने के लिए लोगों का सहयोग लिया है. गलियों में राजस्थान का कल्चर पहले उकेरा गया था, इस बार वेस्ट मटेरियल का उपयोग किया गया है. यहां तक कि सिवरेज के पाइप भी डेकोरेट किए, जो सेल्फी प्वाइंट बन गए हैं. पुरानी हवेलियों और घरों में दरवाजे लगते थे, वह दीवारों पर उकेरे हैं, जो पर्यटकों का आकर्षण बन रहे हैं.

Jodhpur Streets decorated With Plastic waste
सेल्फी प्वाइंट बन गए प्लास्टिक वेस्ट से बनाए गए प्वाइंट

पढ़ें. राजस्थान के जोधपुर के दो भाइयों ने भांग से बनाया कपड़ा! गर्मी में ठंडा और सर्दी में रखता है गर्म

कैसे पहुंचे इस इलाके में : जोधपुर आने वाले पर्यटक यहां की पुरानी बावड़ियों को जरूर देखते हैं, जिन्हें स्टेप वेल कहा जाता है. तूरजी के झालरे से पचेटिया हिल का इलाका शुरू होता है. ऑटो के माध्यम से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है. इसके बाद ब्ल्यू सिटी का अहसास होने लगता है. इसके अलावा पचेटिया हिल के उपर जाकर शहर की प्राचीन ब्रह्मपुरी बस्ती नजर आती है, जिसके अधिकांश मकान आज भी नीले हैं. ये मेहरानगढ़ की तलहटी में बसी विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है.

Jodhpur Streets decorated With Plastic waste
गलियों में राजस्थान का कल्चर उकेरा गया

इसलिए शुरू हुआ नीला रंग : बताया जाता है कि जोधपुर रेगिस्तान के बीच में बसा शहर था. मेहरानगढ़ की पहाड़ी की तलहटी के लोगों ने घरों को ठंडा रखने के लिए घर नीले रंग से रंगना शुरू किया था. चूने में नील मिलाकर घरों की पुताई शुरू की गई. कहा जाता है कि पहले यह चलन ब्रह्मपुरी में था, जहां श्रीमाली ब्राह्मण निवास करते हैं. इसके बाद यह परंपरा सभी लोगों ने अपना ली. किसी समय में परकोटे के भीतर सभी घर नीले होते थे, लेकिन समय के साथ इसमें कमी आई है. हालांकि, उन इलाकों में लोग घरों को नीला ही करते हैं, जहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होती है.

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