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16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का मामला, दावा- देश में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी हुई, विदेश में मास्टरमाइंड

Jodhpur Cyber Fraud Case, राजस्थान के जोधपुर शहर के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के साथ पिछले वर्ष हुई अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने एक साल में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी करवाने में सफलता हासिल की है. दावा है कि साइबर फ्रॉड में देश में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी हुई है.

Jodhpur Cyber Fraud Case
Jodhpur Cyber Fraud Case
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 23, 2023, 7:45 AM IST

डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने क्या कहा...

जोधपुर. ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साल में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी करवाने में सफलता हासिल की है. दावा है कि साइबर फ्रॉड में देश में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी हुई है. राजस्थान के जोधपुर शहर के एक हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के साथ वर्ष 2022 में 16 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी. इसमें सीबीआई की भी मदद ली गई.

डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि 16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी में 14 करोड़ 60 लाख रुपए रिकवर कर लिए गए हैं. इसमें न्यायालय की भी भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि हमारी साइबर टीम ने व्यापारी के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जिस-जिस फर्म में हुए, वहां तक पहुंची, तब कहीं जाकर यह रिकवरी हुई है.

हालांकि, जिस व्हाट्सएप ग्रुप के मार्फत यह ठगी हुई, उसके संचालक कंबोडिया सहित अन्य देशों में हैं. जिनके लिए भी प्रयास जारी है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था और अंतिम रिकवरी हाल ही में हुई है.

पढ़ें : Jodhpur Cyber Fraud 2022: जोधपुर के एक्सपोर्टर से की थी 16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, हिसार से गिरफ्तार

101 ट्रांजैक्शन में दिए थे 16 करोड़ : पुलिस के अनुसार विदेशी कंपनी के प्रलोभन में आए एक्सपोर्टर अरविंद कालानी ने अपने कंपनी के खातों से 101 बार ट्रांजैक्शन किए और करीब 16 करोड़ 26 लाख 387 रुपए ठगों के बताए खातों में जमा करवा दिए. इसके बाद ठगों ने उसे मेंबरशिप अपग्रेड करने को कहा, लेकिन एक्सपोर्टर ने इससे इंकार करते हुए अपनी राशि वापस लौटाने की मांग रखी. जिसके बाद ठगों ने उसे व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया. एक्सपोर्टर ने ठगों के नंबर पर संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुआ. बाद में उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है, जिसके बाद उसने महामंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

कमिशन देकर ठगा था : अरविंद कालानी को गत वर्ष 31 अक्टूबर को विदेशी महिला ने अमरीका के मोबाइल नम्बर से निर्यातक को व्हॉट्सऐप मैसेज किया. जिसमें अपना व कम्पनी का नाम और कम्पनी की वेबसाइट बताई. इसके बाद और लोगों से उसकी बात हुई. विदेशियों ने व्यापारी को लाभ के सारे आंकड़े समझाए, जिसके बाद एक्सपोर्टर ने कम्पनी में चार तरह की मैम्बरशिप (ब्रांज, सिल्वर, गोल्ड व प्लेटिनम) में से सिल्वर की सदस्यता लेकर 2 लाख 27 हजार रुपए जमा करवाए. इसके एवज में कुछ दिनों तक कमीशन भी दिया गया, जिसके बाद व्यापारी का भरोसा बढ़ गया तो निवेश और किया गया. इस दौरान ठगों ने एग्रीमेंट भेजकर एक्सपोर्टर से डिजिटल हस्ताक्षर भी करवा लिए थे.

डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने क्या कहा...

जोधपुर. ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साल में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी करवाने में सफलता हासिल की है. दावा है कि साइबर फ्रॉड में देश में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी हुई है. राजस्थान के जोधपुर शहर के एक हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के साथ वर्ष 2022 में 16 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी. इसमें सीबीआई की भी मदद ली गई.

डीसीपी ईस्ट अमृता दुहन ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि 16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी में 14 करोड़ 60 लाख रुपए रिकवर कर लिए गए हैं. इसमें न्यायालय की भी भूमिका रही है. उन्होंने बताया कि हमारी साइबर टीम ने व्यापारी के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जिस-जिस फर्म में हुए, वहां तक पहुंची, तब कहीं जाकर यह रिकवरी हुई है.

हालांकि, जिस व्हाट्सएप ग्रुप के मार्फत यह ठगी हुई, उसके संचालक कंबोडिया सहित अन्य देशों में हैं. जिनके लिए भी प्रयास जारी है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था और अंतिम रिकवरी हाल ही में हुई है.

पढ़ें : Jodhpur Cyber Fraud 2022: जोधपुर के एक्सपोर्टर से की थी 16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, हिसार से गिरफ्तार

101 ट्रांजैक्शन में दिए थे 16 करोड़ : पुलिस के अनुसार विदेशी कंपनी के प्रलोभन में आए एक्सपोर्टर अरविंद कालानी ने अपने कंपनी के खातों से 101 बार ट्रांजैक्शन किए और करीब 16 करोड़ 26 लाख 387 रुपए ठगों के बताए खातों में जमा करवा दिए. इसके बाद ठगों ने उसे मेंबरशिप अपग्रेड करने को कहा, लेकिन एक्सपोर्टर ने इससे इंकार करते हुए अपनी राशि वापस लौटाने की मांग रखी. जिसके बाद ठगों ने उसे व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया. एक्सपोर्टर ने ठगों के नंबर पर संपर्क साधने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुआ. बाद में उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है, जिसके बाद उसने महामंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

कमिशन देकर ठगा था : अरविंद कालानी को गत वर्ष 31 अक्टूबर को विदेशी महिला ने अमरीका के मोबाइल नम्बर से निर्यातक को व्हॉट्सऐप मैसेज किया. जिसमें अपना व कम्पनी का नाम और कम्पनी की वेबसाइट बताई. इसके बाद और लोगों से उसकी बात हुई. विदेशियों ने व्यापारी को लाभ के सारे आंकड़े समझाए, जिसके बाद एक्सपोर्टर ने कम्पनी में चार तरह की मैम्बरशिप (ब्रांज, सिल्वर, गोल्ड व प्लेटिनम) में से सिल्वर की सदस्यता लेकर 2 लाख 27 हजार रुपए जमा करवाए. इसके एवज में कुछ दिनों तक कमीशन भी दिया गया, जिसके बाद व्यापारी का भरोसा बढ़ गया तो निवेश और किया गया. इस दौरान ठगों ने एग्रीमेंट भेजकर एक्सपोर्टर से डिजिटल हस्ताक्षर भी करवा लिए थे.

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