जोधपुर. दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर नवंबर 2021 में ठगी करने वाले बदमाशों में शामिल भोपाल की ईरानी गैंग के शातिर बदमाशों को सदर बाजार थाना पुलिस ने वाराणसी से गिरफ्तार किया है.
थानाधिकारी सुरेश पोटलिया ने बताया कि इस मामले में चार बदमाशों की पहचान हुई थी. जिनमें से दो को गतवर्ष गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन दो बदमाश हाथ नहीं लग रहे थे. इनकी जानकारी सभी जगह शेयर की गई थी. वाराणसी पुलिस द्वारा इनको गत दिनों गिरफ्तार करने की सूचना मिली थी. जिसके बाद हम प्रोडक्शन वारंट पर इन्हें लेकर आए हैं. दोनों शातिर दर्जे के झांसेबाज हैं. इनके खिलाफ राजस्थान के अलावा, यूपी, मध्यप्रदेश में भी कई मामले दर्ज हैं. पकड़े गए आरोपियों में अबू हैदर अली उर्फ बागर पुत्र हाजी अली व ईरानी डेरा भेापाल निवासी मेंहदी हसन पुत्र राहत अली शामिल हैं. मंगलवार को दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
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अबू है टप्पेबाज गैंग का सरगना: सदरबाजार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया अबू हैदर अली उर्फ बागर ईरानी ठगों की टप्पेबाज गैंग का सरगना है. उसके लोग यूपी और एमपी के अलावा राजस्थान में भी सक्रिय है. करीब एक साल पहले इन लोगों ने भोपाल में पुलिसकर्मी बनकर लूट को अंजाम दिया था. पुलिस को शक हुआ तो ईरानी डेरे की तलाशी करने पहुंची, तो हमेशा की तरह पुलिस पर वहां की महिलाओं ने हमला कर दिया. बाद में पुलिस ने कई शहरों की खाक छानकर इनको पकड़ा था. जिसमें अबू हैदर भी व मेहंदी हसन भी शामिल थे.
जोधपुर में भी बने थे पुलिस वाले: नवंबर 2021 में नागौर निवासी रविंद्र सोनी ने हमेशा की तरह से नागौर से जोधपुर आ रही बस के चालक के हाथ एक बैग भेजा था. जिसमें तीन पैकेट थे. एक में चांदी, एक में 2 लाख नगद व तीसरे में 6 लाख नगद थे. जिनको जोधपुर में उसके आदमी ने उतारा और घोड़ों का चौक में देने के लिए पहुंचा. लेकिन यहां पर उसे बीच रास्ते में दो जने मिले, जिन्होंने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और उसके बैग की तलाशी ली. उसके बाद उसके पैकेट खोले और उसे सावधानी बरतने का कहकर वापस बैग में डाल दिए. लेकिन जब दुकान पर जाकर बैग खोला, तो 6 लाख रुपए का पैकेट खाली निकला. जिसका मामला सदरबाजार पुलिस में दर्ज हुआ था.
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यूं ईरानी डेरा बना और बाद में गैंग: दरअसल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ईरानी बस्ती है. जिसे ईरानी डेरा भी कहा जाता है. बताया जाता है कि 400 साल पहले यहां ईरानी शिया मुस्लिम घोड़े बेचने आए थे. जो यहीं रह गए. उनके परिवार धीरे-धीरे बढ़ गए. जो भोपाल के आसपास बस गए, तो कुछ लोग यूपी के लखनऊ, हरदोई यहां तक की राजस्थान और महाराष्ट्र तक रहने लग गए. मूल ईरानी होने से यह लंबे गौरे-चिट्टे होते हैं. भोपाल के ईरानी डेरे के लोगों ने दो दशक पहले टप्पेबाजी गैंग बनाई. लोगों को फर्जी अधिकारी बनकर ठगने लगे. जिनका सहयोग अन्य प्रदेशों में रहने वाले इनके लोग कर रहे हैं.
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इधर बीकानेर में मूल ईरानी हुए गिरफ्तार: बीकानेर पुलिस ने 5 फरवरी को ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और नशीले पदार्थों के साथ तीन ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. जिनकी वीजा अवधि भी समाप्त हो चुकी थी. उन्होंने नापासर में एक व्यापारी से 10 लाख रुपए की ठगी की थी. तीनों ईरानी नागरिक नशे के कारोबार में लिप्त थे. उनके पास से फर्जी आईडी, आधार कार्ड, सिम सहित उनके पासपोर्ट भी पुलिस ने जब्त किए थे. तीनों की पहचान सलामन उर्फ शहराम जकी, होशियार मोहम्मन और अहमद जिहाईले के रूप में हुई.