भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं. चिकित्सा विभाग की ओर से गांव-गांव में सर्वे किए जाने के साथ ही संदिग्ध लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है.
जानकारी के अनुसार भोपालगढ़ के आसोप और बावड़ी कस्बे के सामुदायिक केंद्रों में चिकित्सकों के पास कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है. वहीं, बिना संसाधनों के लोगों का इलाज कर रहे चिकित्सकों में भी संक्रमण होने की आशंका बढ़ रही है. चिकित्सकों का कहना है कि उनके पास इन-95 मास्क, सिक्योरिटी कैप, स्पेशल चश्मा, डिस्पोजेबल गाउन, ग्लब्स और सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं है. इससे चिकित्साकर्मियों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है. उनका कहना है कि इन सब संसाधनों की मांग उन्होंने प्रशासन से की है, लेकिन अब तक कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया है.
भोपालगढ़ में महिलाएं कर रहीं कीर्तन
प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पहले लॉक डाउन और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूरे देश को 21 दिन लॉक डाउन की अपील की गई. ऐसे में ग्रामीण अपने घरों में ही रहने लगे हैं. कस्बे सहित उपकरण क्षेत्र में बुधवार से 9 दिवसीय नवरात्र का कार्यक्रम भी शुरू हो गया.
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नवरात्र में इस बार बागोरिया माताजी के मंदिर में सभी कार्यक्रम स्थगित किए गए हैं. कस्बे में महिलाओं की ओर से अपने घरों में हरि कीर्तन कर रहे हैं. साथ ही कोरोना वायरस को समाप्त करवाने की भजनों के माध्यम से प्रार्थना की जा रही है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रामकनवरी चोटिया ने बताया, कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए नवरात्र के शुभारंभ पर महिलाओं की ओर से उपवास करते हुए 9 दिन तक श्रीमदभागवत गीता के पाठ के साथ ही हरि कीर्तन करते हुए माताजी से अरदास किया जा रहा है.