जोधपुर. मोबाइल पर आए OTP (वन टाइम पासवर्ड) किसी से शेयर नहीं करने संबंधी एडवाइजरी की पालना करना एक युवक को महंगा पड़ गया. प्रकरण के अनुसार मोबाइल पर किसी युवती ने फोन कर ओटीपी बताने को कहा तो युवक ने मना कर दिया. इस पर युवती ने पुलिस में आपराधिक मुकदमा दर्ज करवा दिया कि युवक ने उसकी ईमेल आईडी हैक कर ली है, जिसके कारण उसकी ईमेल आईडी का ओटीपी युवक के फोन पर जा रहा है और वह ओटीपी देने से मना कर रहा है.
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पुलिस में दर्ज इस मुकदमे को रद्द करवाने के लिए युवक सम्पत सिंह निवासी सरदारशहर चूरू ने राजस्थान हाईकोर्ट में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत आपराधिक विविध याचिका की. जिस पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित हुए अधिवक्ता रजाक के. हैदर ने न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता ना तो हैकिंग जानता है और ना ही उसने किसी की ईमेल हैक की है. उसके मोबाइल पर किसी अनजान युवती का फोन आया कि उसकी ईमेल का ओटीपी गलत मोबाइल नंबर डालने के कारण आपके फोन पर आया है.
याचिकाकर्ता ने ओटीपी बताने पर आए दिन होने वाली धोखाधड़ी की आशंका के कारण युवती को ओटीपी बताने से इनकार कर दिया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंक भी समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर ग्राहकों को मोबाइल पर आए ओटीपी किसी से शेयर नहीं करने की सलाह देते हैं. युवती ने याचिकाकर्ता को झूठा फंसाने के लिए अपनी ईमेल आईडी में याचिकाकर्ता के मोबाइल नंबर अपडेट कर दिए हैं. प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने लोक अभियोजक मुख्तियार खान को प्रकरण की केस डायरी पेश करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी.