जोधपुर. सामान्यत साइबर ठग क्रेडिट कार्ड धारक को फोन कर ओटीपी लेकर ट्रांजेक्शन कर ठगी करते हैं. लेकिन जोधपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड डिलीवर तक नहीं हुआ. सिर्फ सूचना मिली कि कार्ड एलॉट हो गया है और डिलीवरी के लिए बैंक से निकला है. कार्ड घर पहुंचता, उससे पहले ही कार्ड से करीब 60 हजार रुपए के ट्रांजेक्शन हो गए. जिसको लेकर उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज हुआ है.
उदयमंदिर थाने के हेड कांस्टेबल एवं मामले के जांच अधिकारी महेशचंद मीणा के अनुसार कमला नेहरू नगर निवासी रामदेव ने पुलिस को दी अपनी रिपोर्ट में बताया कि अक्टूबर में किसी काम से वह पावटा आया था उस दौरान उसके पास एक व्यक्ति ने फोन कर अपने को आईसीआईसीआई बैंक का कर्मचारी बताते हुए कहा कि आपको जारी क्रेडिट कार्ड पर 1900 रुपए का मोटिव चार्ज कटेगा. इससे बचने के लिए उसने एक आईमोबाइलपे नाम से ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा. जैसे ही एप डाउलोड हुआ, उसके क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन के मैसेज उसे मिलने लगे.
कुछ देर में ही मुंबई से दो व बैंगलोर से चार ट्रांजेक्शन में उसके क्रेडिट कार्ड 59100 रुपए निकल गए. इसके बाद युवक ने बैंक से मिले मैसेज के आधार पर कार्ड ब्लॉक करवाया, जो उसे मिला नहीं. रामदेव ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसके साथ धोखाधड़ी होने के तुरंत बाद उसे उसका कार्ड डिलीवर होने का मैसेज भी मिला. जबकि कार्ड उस तक नहीं पहुंचा. अपने साथ हुई साइबर ठगी की जानकारी उसने पुलिस के कहने पर 1930 पर दर्ज करवाई. जहां से बाद में उसे उदयमंदिर को शिकायत फारवर्ड होने का मैसेज आने पर केस दर्ज किया गया है.
पढ़ें: जोधपुर: बैंक अधिकारी बन मांगी जानकारी, क्रेडिट कार्ड से उड़ाए 1.80 लाख रुपए
एटीएम मशीन में कार्ड फंसा, निकल गए रुपए: भगत की कोठी थाने में बाबूलाल नामक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इसके अनुसार वह 7 जनवरी को बासनी मंडी मोड पर स्थित आईसीआईसीआई बैंक एटीएम से रुपए निकालने के लिए गया था, जहां उसका कार्ड मशीन में फंस गया. काफी देर तक कार्ड नहीं निकला, तो उसने वहां लिखे नंबर पर संपर्क किया. जिन्होंने बताया कि कार्ड इंजीनियर ही निकाल कर देगा. इसमें वक्त लगेगा. आपको सूचित कर दिया जाएगा. बाबूलाल एटीम से निकल गया. लेकिन 20 मिनट बाद उसे खाते से दो ट्रांजेक्शन में 17 हजार रुपए निकलने का मैसेज आया, तो वह वापस एटीएम पहुंचा, तो वहां एटीएम कार्ड भी नहीं था. सबइंसपेंक्टर रेखा ओझा को मामले की जांच दी गई है.