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मॉक ड्रिल में न मरीज, न डॉक्टर सिर्फ जांचे गए उपकरण और कह दिया सब ओके

जोधपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद (Mock drill completed in Jodhpur) मेडिकल कॉलेज समेत अन्य अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ. लेकिन इस बीच खास बात यह रही कि इस दौरान केवल व केवल उपकरणों की जांच की गई.

Union Health Ministry directive
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Published : Dec 27, 2022, 2:35 PM IST

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह

जोधपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में मंगलवार (Union Health Ministry directive) को कोरोना के संभावित खतरों के मद्देनजर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया था. जिसके तहत जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में भी मॉक ड्रिल करने का दावा किया गया. लेकिन खास बात ये रही कि इस मॉक ड्रिल के दौरान किसी मरीज को आपातकालीन स्थिति में कोरोना (Mock drill in Jodhpur amidst potential of Corona) के लक्षणों के साथ आने पर उपचार से जोड़ने तक का कोई ट्रॉयल नहीं हुआ. अलबत्ता आईसीयू व आक्सीजन प्लांट पर देखा गया कि वहां सब कुछ ठीक है या नहीं. साथ ही आईसीयू में वेंटिलेटर व अन्य मशीनों उपकरणों जांच की गई. इसके अलावा आक्सीजन प्लांट की कार्य क्षमता और वार्डों में आक्सीजन के प्रेशर को देख मॉक ड्रिल पूरी होने की बात कह दी गई.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह ने बताया कि हमने मॉक ड्रिल में हमारे संसाधनों की जांच की है, जो पूरी तरह से सही हैं. आक्सीजन प्लांट अच्छे से काम कर रहे हैं. वार्ड तक (Mock drill completed in Jodhpur) आक्सीन पहुंच रही है. मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में कोविड के बेड रखे गए हैं. एमडीएम में तीस आईसीयू व 300 बेड अलग रखे जाने की जानकारी दी गई.

इसे भी पढ़ें - New Corona Guidelines Rajasthan: गृह विभाग ने जारी किए नए दिशा-निर्देश, जानें कहां कितनी सख्ती

बढ़े केस तो एमजीएच में होगा उपचार: प्राचार्य ने बताया कि हमने कॉलेज से एसोसिएट सभी अस्पतालों को तैयार किया है. अभी एक भी केस नहीं है. अगर मामले आते हैं तो पहले महात्मा गांधी अस्पताल (Mock drill in Jodhpur hospitals) में ही मरीज भर्ती होंगे. वहां जगह नहीं होने पर दूसरे विकल्प देखेंगे. हमने दूसरी लहर की तरह तैयारियां रखी है. इसके लिए इन दिनों में जो नया स्टाफ लगा है उन्हें कोविड को लेकर ट्रेनिंग भी दिला रहे हैं.

एमडीएम अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में निर्देशित किया गया है कि आईएलआई मरीजों की कोरोना जांच करवाई जाए. सरकार के निर्देश पर जांच सुविधा 24 घंटे कर दी गई है. जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं हो. जांचों की संख्या बढ़ने से ही स्थिति का पता चलेगा.

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह

जोधपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में मंगलवार (Union Health Ministry directive) को कोरोना के संभावित खतरों के मद्देनजर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया था. जिसके तहत जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में भी मॉक ड्रिल करने का दावा किया गया. लेकिन खास बात ये रही कि इस मॉक ड्रिल के दौरान किसी मरीज को आपातकालीन स्थिति में कोरोना (Mock drill in Jodhpur amidst potential of Corona) के लक्षणों के साथ आने पर उपचार से जोड़ने तक का कोई ट्रॉयल नहीं हुआ. अलबत्ता आईसीयू व आक्सीजन प्लांट पर देखा गया कि वहां सब कुछ ठीक है या नहीं. साथ ही आईसीयू में वेंटिलेटर व अन्य मशीनों उपकरणों जांच की गई. इसके अलावा आक्सीजन प्लांट की कार्य क्षमता और वार्डों में आक्सीजन के प्रेशर को देख मॉक ड्रिल पूरी होने की बात कह दी गई.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह ने बताया कि हमने मॉक ड्रिल में हमारे संसाधनों की जांच की है, जो पूरी तरह से सही हैं. आक्सीजन प्लांट अच्छे से काम कर रहे हैं. वार्ड तक (Mock drill completed in Jodhpur) आक्सीन पहुंच रही है. मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में कोविड के बेड रखे गए हैं. एमडीएम में तीस आईसीयू व 300 बेड अलग रखे जाने की जानकारी दी गई.

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बढ़े केस तो एमजीएच में होगा उपचार: प्राचार्य ने बताया कि हमने कॉलेज से एसोसिएट सभी अस्पतालों को तैयार किया है. अभी एक भी केस नहीं है. अगर मामले आते हैं तो पहले महात्मा गांधी अस्पताल (Mock drill in Jodhpur hospitals) में ही मरीज भर्ती होंगे. वहां जगह नहीं होने पर दूसरे विकल्प देखेंगे. हमने दूसरी लहर की तरह तैयारियां रखी है. इसके लिए इन दिनों में जो नया स्टाफ लगा है उन्हें कोविड को लेकर ट्रेनिंग भी दिला रहे हैं.

एमडीएम अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में निर्देशित किया गया है कि आईएलआई मरीजों की कोरोना जांच करवाई जाए. सरकार के निर्देश पर जांच सुविधा 24 घंटे कर दी गई है. जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं हो. जांचों की संख्या बढ़ने से ही स्थिति का पता चलेगा.

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