जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को संक्षिप्त यात्रा पर जोधपुर (Ashok Gehlot Jodhpur Tour) आए थे, लेकिन इस यात्रा के दौरान अपने पैतृक निवास की गलियों में घूम कर उन्होंने बड़ा संदेश दिया. सामान्यत: वे चुनाव के दौरान इस तरह से अपने मोहल्ले में घूमते हैं. लेकिन बुधवार को उन्हें महामंदिर में अपने पड़ोसी सूरज सिंह के निधन पर उठावने में शामिल होना था. इसलिए वे पैदल ही निकले और रास्ते में लोगों ने उनका स्वागत किया.
इस दौरान सीएम गहलोत भी पूरे रास्ते आत्मीयता से लोगों से मिले. बुजुर्ग महिलाओं से बातें की और मोहल्ले के लोगों के हालचाल पूछे. किसी ने ज्ञापन दिया तो तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए. रास्ते में मिले बच्चों के हाथ मिलाए और सेल्फी भी खिंचवाई. महिलाओं के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाया. कुल मिलाकर गहलोत ने प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अपने क्षेत्र में लोगों की सहानुभूति बटोरी. उन्हें यह संदेश दिया कि मैं थांसू दूर नहीं हूं.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में बयान दिया था कि वह अपने जीवन की अंतिम सांस तक राजस्थान, जोधपुर और महामंदिर की सेवा करता रहूंगा. बुधवार को उन्होंने यह परिलक्षित भी किया. महज पांच घंटे के दौरे के दौरान भी वे महामंदिर गए और लोगों से मिले. हालांकि, बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जोधपुर ही रुकने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था, लेकिन अंतिम समय में यह कार्यक्रम बदल गया और वे रावण दहन के बाद जयपुर निकल गए. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री का जल्द दौरा होगा और वे लोगों के बीच जाएंगे.