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आसाराम की जमानत याचिका पर 23 सितंबर को होगी बहस

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Published : Sep 13, 2019, 1:23 PM IST

अपने ही छात्रावास की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम की ओर से पेश की गई. याचिका पर गठित विशेष खंडपीठ के जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस वीके माथुर ने सुनवाई की. मुंबई से आए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीएश गुप्ते और अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने आसाराम की ओर से अपना पक्ष रखा.

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जोधपुर. आसाराम के अधिवक्ता ने सुनवाई की शुरुआत पीड़ित के उम्र को लेकर की. लेकिन खंडपीठ ने सीधे याचिका पर फोकस करने का कहा. इस पर गुप्ते ने कहा कि आसाराम की 82 साल की उम्र हो गई है. सभी सह आरोपियों को सजा के विरुद्ध स्थगन और जमानत मिली चुकी है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या आप इस पर बहस करना चाहेंगे. इस पर वे तैयार हो गए.

जमानत याचिका पर 23 सितंबर को होगी बहस

कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि बहस के लिए क्या आप तैयार है. इस पर सरकारी अधिवक्ता ने दो सप्ताह का समय मांगा. जस्टिस मेहता ने कहा कि सारा रिकॉर्ड उपलब्ध है. लेकिन समय की क्या आवश्यकता है. सरकारी अधिवक्ता ने एक सप्ताह का समय देने का निवेदन किया. इस पर अगली सुनवाई 23 सितंबर को मुकर्रर कर दी. यह पहला मौका है जब आसाराम की जमानत की याचिका बहस के स्तर पर पहुंची है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः हिन्दी और Hindi पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है : वरिष्ठ पत्रकार

गौरतलब है कि आसाराम को गत वर्ष 25 अप्रैल को कोर्ट के तत्कालीन जज मधुसूदन शर्मा ने जीवन की आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी. आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार किया था. वह 6 साल 13 दिन से जोधपुर जेल में है.

जोधपुर. आसाराम के अधिवक्ता ने सुनवाई की शुरुआत पीड़ित के उम्र को लेकर की. लेकिन खंडपीठ ने सीधे याचिका पर फोकस करने का कहा. इस पर गुप्ते ने कहा कि आसाराम की 82 साल की उम्र हो गई है. सभी सह आरोपियों को सजा के विरुद्ध स्थगन और जमानत मिली चुकी है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या आप इस पर बहस करना चाहेंगे. इस पर वे तैयार हो गए.

जमानत याचिका पर 23 सितंबर को होगी बहस

कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि बहस के लिए क्या आप तैयार है. इस पर सरकारी अधिवक्ता ने दो सप्ताह का समय मांगा. जस्टिस मेहता ने कहा कि सारा रिकॉर्ड उपलब्ध है. लेकिन समय की क्या आवश्यकता है. सरकारी अधिवक्ता ने एक सप्ताह का समय देने का निवेदन किया. इस पर अगली सुनवाई 23 सितंबर को मुकर्रर कर दी. यह पहला मौका है जब आसाराम की जमानत की याचिका बहस के स्तर पर पहुंची है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरीः हिन्दी और Hindi पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है : वरिष्ठ पत्रकार

गौरतलब है कि आसाराम को गत वर्ष 25 अप्रैल को कोर्ट के तत्कालीन जज मधुसूदन शर्मा ने जीवन की आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी. आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार किया था. वह 6 साल 13 दिन से जोधपुर जेल में है.

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Body:आसाराम की जमानत याचिका पर 23 सितंबर को होगी बहस
जोधपुर।
अपने ही छात्रावास की नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न करने के आरोपी आसाराम की और पेश की गई याचिका पर गठित  विशेष खंडपीठ के जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस वीके माथुर की कोर्ट में  सुनवाई हुई। मुंबई से आए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीएश गुप्ते व अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने आसाराम की और से पक्ष रखते हुए स्थगन याचिका के साथ जमानत प्राप्त करने के लिए तर्क रखे। आसाराम के अधिवक्ता ने सुनवाई की शुरुवात पीड़िता की उम्र को लेकर की लेकिन खंडपीठ ने सीधे याचिका पर फोकस करने का कहा इस पर गुप्ते ने कहा कि आसाराम की 82 साल की उम्र हो गई है, सभी सहआरोपी को सजा के विरुद्ध स्थगन और जमानत मिली चुकी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या आप इस पर बहस करना चाहेंगे इस पर वे तैयार हो गए। इस पर कोर्ट ने सरकारी वकिल से बहस के लिए पूछा कि क्या आप तैयार है इस पर सरकारी अधिवक्ता ने दो सप्ताह का समय मांगा जस्टिस मेहता ने कहा कि सारा रिकॉर्ड उपलब्ध है समय की क्या आवश्यकता है लेकिन सरकारी अधिवक्ता ने एक सप्ताह का समय देने का निवेदन किया इस पर अगली सुनवाई 23 सितंबर को मुकर्रर कर दी। यह पहला मौका है जब आसाराम की जमानत की याचिका बहस के स्तर पर पहुंची है।  गौरतलब है कि आसाराम को गत वर्ष 25 अप्रैल को Sc-st कोर्ट के तत्कालीन जज मधुसूदन शर्मा ने  जीवन की आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार किया था। वह 6 साल 13 दिन से जोधपुर जेल में है।
बाईट प्रदीप चौधरी, अधिवक्ता आसाराम





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