भोपालगढ़ (जोधपुर). 26 जनवरी के बाद कभी भी प्रशासकों की सूची जारी की सकती है. इसके लिए पंचायतीराज विभाग में उच्च स्तर पर निर्णय होना है. वहीं, दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों में चहेतों को प्रशासक लगाने के लिए खींचतान शुरू हो गई है.
पंचायतीराज विभाग ने जिला परिषद, पंचायत समितियों के अलावा चुनाव से वंचित ग्राम पंचायतों में प्रशासक लगाने के लिए जिला परिषदों से कार्यकाल को लेकर जानकारी मांगी है.
जोधपुर में पहले चरण में बालेसर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में चुनाव हो चुके हैं. तीसरे चरण में बिलाड़ा और शेरगढ़ में चुनाव होंगे, लेकिन जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के अलावा अन्य ग्राम पंचायतों के चुनाव नहीं हुए हैं.
जोधपुर जिला परिषद का कार्यकाल 7 फरवरी को समाप्त हो रहा है. वहीं भोपालगढ़ प्रधान का भी कार्यकाल 7 फरवरी को पूरा हो रहा है. ऐसे में राज्य सरकार 7 फरवरी से पहले गांवों में प्रशासक नियुक्त करेगी.
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इससे पहले कब-कब अफसरशाही...
साल 1978 से 1981 के बीच प्रशासक राज रहा था. इस दौरान पंचायतीराज विभाग ने जिला कलेक्टरों को जिला परिषद का चार्ज दिया था. वहीं पंचायत समितियों का जिम्मा विकास अधिकारियों को दिया गया. इसके बाद प्रदेश में साल 1990 से 1995 तक प्रशासक राज रहा.
आयोग के आदेश पर टिकी निगाहें...
पुनर्गठन की वजह से उलझी ग्राम पंचायतों में चुनाव को लेकर स्थिति साफ हो गई है. लेकिन निर्वाचन आयोग ने अबतक कोई आदेश जारी नहीं किए है. ऐसे में अब दावेदारों की निगाह राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर टिकी हुई है.
पंचायत समितियों में प्रशासक का जिम्मा उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी के अलावा अतिरिक्त जिला कलेक्टर और जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को मिलने की संभावना है. कई जगह महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ को भी चार्ज मिल सकता है.
7 फरवरी को जिला परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकार जिला कलेक्टर, एडीएम और जिला परिषद सीइओ को प्रशासक का चार्ज मिलेगा. यहां भी सियासी दिग्गज अपने चहेते अफसर को चार्ज दिलाने की तैयारी में हैं. फिलहाल सभी की निगाह सरकार के आदेश पर टिकी हुई है.