झुंझुनू. देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाले झुंझुनू जिले की दो बेटियों ने भी आकाश को छूने का सपना देखा है और उनका यह सपना जल्द ही पूरा होने वाला है क्योंकि उनका चयन भारतीय वायुसेना में हुआ है. दोनों बेटियां फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में देश की सेवा करेंगी.
जिले के बड़ा गांव की एक बेटी ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बन कर इतिहास रचा है. रिद्धि पारीक ने वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए हुई परीक्षा में देश में 10वीं रैंक हासिल की है. मुरारी लाल पारीक के परिवार की लाडली बेटी बचपन से ही काफी होशियार रही. इनके पिता अजय पारीक वर्तमान में पंजाब के लुधियाना में खुद का कारोबार करते हैं और मां रितु पारीक हाउसवाइफ हैं.
रिद्धि ने कड़ी मेहनत को दिया सफलता का श्रेय
अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत को देते हुए रिद्धि पारीक ने बताया कि बचपन से ही उनके दादा मुरारी लाल पारीक उनको सेना में देखना चाहते थे. दादा के सपने को पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग को चुना. इसके बाद चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग करने के बाद लखनऊ से एयरोस्पेस को चुना और उसमें 4 साल लगातार टॉप रहीं.
रिद्धि ने बताया कि आईआईटी करने के बाद अपने दादा के सपने को पूरा करने के लिए एयर फोर्स की एग्जाम दिया और इसमें टॉप रैंक पर सिलेक्ट हुई हैं. रिद्धि बताती हैं कि 31 अगस्त को एयरफोर्स एकेडमी में प्रशिक्षण शुरू होगा और उनको फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में सीधे कमीशन मिल रहा है.
घर में छा गई खुशियां
राजस्थान के झुंझुनू जिला मुख्यालय के निकट उदावास गांव की मीलों की ढाणी की रहने वाली शिवांगी मील का चयन भी भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर हुआ है. शिवांगी के चयन के बाद घर में खुशियां छा गई. शिवांगी ने बताया कि दसवीं तक की पढ़ाई उसने झुंझुनू में की, फिर बारहवीं जयपुर से और बीएससी दिल्ली विश्वविद्यालय से की. वहां एमएससी करते हुए उसने एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर की तैयारी की और अब उसका चयन हो गया है. एक साल का हैदराबाद में प्रशिक्षण होगा.
थल सेना की जगह चुनी वायुसेना
शिवांगी का चयन आर्मी में भी हो चुका है, लेकिन वह आर्मी में नहीं गईं. शिवांगी के पिता सुरेश मील राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल झुंझुनू में मेल नर्स हैं. मां डॉ. विनोद मील का खुद का बिजनेस है. मां विनोद ने कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं है.