झुंझुनू. जिले में 17 मार्च को सबसे पहले इटली से लौटे दंपत्ति और उनकी बच्ची में कोरोना वायरस पाया गया था और उसके बाद से जिला प्रशासन लगातार आइसोलेशन सेंटर बनाकर संदिग्धों को वहां रख रहा है. प्रशासन की ओर से करीब 10 आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं और 17 मार्च के बाद से लगातार चल रही स्क्रीनिंग के तहत अब तक 4292 लोगों को आइसोलेशन सेंटर में लाया गया है और अब उनमें से केवल 291 लोग ही आइसोलेशन सेंटर में है, बाकी सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उनको आइसोलेशन सेंटर से घर भेज दिया गया है. हालांकि उन सब को कहा गया है कि वह सेल्फ आइसोलेशन में अपने घर पर ही रहेंगे.
आइसोलेशन में कम्युनिटी संक्रमण की आशंका को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विदेश से लौटने वाले लोग दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होकर लौटने वाले जमाती और उनसे किसी भी तरह से संपर्क में आने वाले लोगों को आइसोलेशन सेंटर में लिया गया था.
इसके साथ ही इन सभी का सैंपल भी लिया गया था और बाद में नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही धीरे-धीरे घर भेजा गया. इनमें से कई ऐसे भी लोग थे, जिनके गांव में कोई एक व्यक्ति 15 दिन से पॉजिटिव रह रहा था और सामने आने के बाद एहतियात के तौर पर प्रशासन की ओर से इन लोगों को सैंपल के लिए आइसोलेशन सेंटर में लिया गया. इसमें सुकून की बात यह रही कि गांव के व्यक्ति से अन्य गांव के लोगों में संक्रमण नहीं फैला और ऐसे में सभी लोगों को वापस भेज दिया गया.
यह भी पढ़ें- क्वॉरेंटाइन सेंटर में खराब खाना को लेकर हुए हंगामे के बाद JDA ने किया 3 सदस्यीय टीम का गठन
वहीं प्रशासन लगातार रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद आइसोलेशन सेंटर से घर भेज रहा था, लेकिन एक साथ में कोटा से आने वाले विद्यार्थियों के आ जाने से लोगों की संख्या अब आइसोलेशन सेंटर में 291 में हो गई है. अब यदि इस सप्ताह भर तक और कोई केस पॉजिटिव नहीं आता है, तो संभवतया आइसोलेशन सेंटर पूरी तरह से खाली हो जाएंगे.