झुंझुनू. लंबे समय से अल्प वेतन पर कार्य कर रहे पंचायत सहायकों का आखिर सब्र का बांध टूट गया और अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए. करीब 10 से अधिक वर्षों से केवल 6 हजार रूपये के अल्प वेतन में काम कर रहे इन ग्राम पंचायत सहायकों ने सरकार से सीधे ही समायोजन कर नियमितिकरण की मांग एक बार फिर दोहराई है. नियमित करने की मांग को लेकर राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक सामूहिक अवकाश पर रहे. साथ ही इन पंचायत सहायकों ने शहर में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदर्शन किया.
रैली के बाद किया प्रदर्शन
प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण जसरापुरिया के नेतृत्व में शहीद स्मारक से कलेक्ट्रेट तक यह रैली निकाली गई. रैली के बाद उग्र प्रदर्शन किया तथा बाद में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. जसरापुरिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ये वादा किया था कि सरकार आते ही नियमितीकरण करेंगी. इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी बन गई, लेकिन अपना वादा भूल गई. इस प्रकार सरकार अपने वादे से मुकर रही है, इसलिए हमें आंदोलन को मजबूर होना पड़ रहा है.
पंचायत के साथ अन्य शैक्षणिक कार्यों में भी रहती है भागीदारी
पंचायत सहायकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि उनके द्वारा पंचायत के समस्त कार्यो के साथ शिक्षा विभाग में बीएलओ, मीड डे मील, शाला दर्पण और अन्य समस्त गैर शैक्षणिक कार्यो का क्रियान्वयन भी पिछले कई वर्षो से किया जा रहा है. इसके अलावा पहले भी उनके द्वारा विद्यार्थी मित्र के रूप में करीब 8 वर्षो तक शैक्षणिक कार्य करवाया गया था.
सरकार को दी उग्र चेतावनी
मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में संघ ने बताया कि अगर समय रहते सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो 8 फरवरी को दौसा जिले से दांडी यात्रा निकाली जाएगी और विधानसभा का घेराव किया जाएगा.