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सरकारी स्कूल में हुए कुकर्म के मामले बड़ा खुलासा, सामने आई स्कूल प्रशासन की लापरवाही

झुंझुनू में केंद्र सरकार की ओर से संचालित एक प्रतिष्ठित स्कूल में कुकर्म के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. वहीं विद्यालय का संबंध जिला प्रशासन के साथ होने के कारण मामले को दबाने के प्रयास की भी बात कही जा रही है.

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Published : Dec 11, 2019, 12:24 PM IST

झुंझुनू में छात्रों के साथ कुकर्म , misbehavior with students in Jhunjhunu
झुंझुनू में छात्रों के साथ कुकर्म में खुलासा

झुंझुनू. झुंझुनू में केंद्र सरकार की ओर से संचालित एक प्रतिष्ठित स्कूल में करीब 12 छात्रों के साथ हुए कुकर्म के मामले में आरोपी शिक्षक को न्यायालय ने 2 दिन के रिमांड पर भेज दिया है. वहीं दूसरी ओर इस संस्था के चेयरमैन कलेक्टर होने की वजह से पुलिस और प्रशासन सारे मामले को दबाने में लगा हुआ है.

झुंझुनू में छात्रों के साथ कुकर्म मामले में खुलासा

सामने आया है कि कुछ छात्रों ने स्कूल में लगी हुई शिकायत पेटी में भी इस घटना के बारे में अवगत कराने का प्रयास किया था परंतु बताया जा रहा है कि उक्त शिकायत को भी पेटी से गायब करवा दिया गया. इसके बाद मामले की भनक लगने पर एक समिति का गठन किया गया. लेकिन वैदिक छात्र वहां पर भी कुछ नहीं बता सके. बाद में अभिभावकों के साथ हुई बैठक में इस मामले को उजागर होने का लगने लगा तो स्कूल के प्रिंसिपल की ओर से सदर थाने में रिपोर्ट दी गई. अब इसमें स्कूल प्रशासन और प्राचार्य की भी बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि किस तरह से शिकायत पेटी मैं शिकायत आने के बावजूद मामला कई दिन तक खुल नहीं सका.

ये पढ़ेंः झुंझुनू के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 10 छात्रों के साथ यौन शोषण, आरोपी शिक्षक गिरफ्तार

मुंह से फिर भी नहीं बोल सके छात्र...

इस सारे घटनाक्रम की जांच करने के लिए बाल कल्याण समिति के सदस्य स्कूल में पहुंचे और वहां छात्रों से जानकारी लेने का प्रयास किया. इसके बाद भी छात्र मुंह से कुछ नहीं बोल सके और अंत में उन्होंने यह कहा कि वे सारे घटनाक्रम को लिखकर दे सकते हैं. इस पर बाल कल्याण समिति की ओर से सभी छात्रों के बयान सीलबंद लिफाफे में रख लिए गए हैं.

वहीं मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक ज्ञान सिंह चौधरी को दी गई है. अभिभावकों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर यह कहा कि मामला पुलिस और प्रशासन की ओर से दबाने का प्रयास किया गया. किसी भी समाचार पत्र वह चैनलों पर जब यह मामला नहीं दिखाया गया. इसके बाद चाइल्ड लाइन में भी इसकी शिकायत की गई.

झुंझुनू. झुंझुनू में केंद्र सरकार की ओर से संचालित एक प्रतिष्ठित स्कूल में करीब 12 छात्रों के साथ हुए कुकर्म के मामले में आरोपी शिक्षक को न्यायालय ने 2 दिन के रिमांड पर भेज दिया है. वहीं दूसरी ओर इस संस्था के चेयरमैन कलेक्टर होने की वजह से पुलिस और प्रशासन सारे मामले को दबाने में लगा हुआ है.

झुंझुनू में छात्रों के साथ कुकर्म मामले में खुलासा

सामने आया है कि कुछ छात्रों ने स्कूल में लगी हुई शिकायत पेटी में भी इस घटना के बारे में अवगत कराने का प्रयास किया था परंतु बताया जा रहा है कि उक्त शिकायत को भी पेटी से गायब करवा दिया गया. इसके बाद मामले की भनक लगने पर एक समिति का गठन किया गया. लेकिन वैदिक छात्र वहां पर भी कुछ नहीं बता सके. बाद में अभिभावकों के साथ हुई बैठक में इस मामले को उजागर होने का लगने लगा तो स्कूल के प्रिंसिपल की ओर से सदर थाने में रिपोर्ट दी गई. अब इसमें स्कूल प्रशासन और प्राचार्य की भी बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि किस तरह से शिकायत पेटी मैं शिकायत आने के बावजूद मामला कई दिन तक खुल नहीं सका.

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मुंह से फिर भी नहीं बोल सके छात्र...

इस सारे घटनाक्रम की जांच करने के लिए बाल कल्याण समिति के सदस्य स्कूल में पहुंचे और वहां छात्रों से जानकारी लेने का प्रयास किया. इसके बाद भी छात्र मुंह से कुछ नहीं बोल सके और अंत में उन्होंने यह कहा कि वे सारे घटनाक्रम को लिखकर दे सकते हैं. इस पर बाल कल्याण समिति की ओर से सभी छात्रों के बयान सीलबंद लिफाफे में रख लिए गए हैं.

वहीं मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक ज्ञान सिंह चौधरी को दी गई है. अभिभावकों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर यह कहा कि मामला पुलिस और प्रशासन की ओर से दबाने का प्रयास किया गया. किसी भी समाचार पत्र वह चैनलों पर जब यह मामला नहीं दिखाया गया. इसके बाद चाइल्ड लाइन में भी इसकी शिकायत की गई.

Intro:झुंझुनू। झुंझुनू में केंद्र सरकार की ओर से संचालित एक प्रतिष्ठित स्कूल में करीब 12 छात्रों के साथ हुए कुकर्म के मामले में आरोपी शिक्षक को न्यायालय ने 2 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। दूसरी ओर इस संस्था के चेयरमैन कलेक्टर होने की वजह से पुलिस व प्रशासन सारे मामले को दबाने में लगा हुआ है। सामने आया है कि कुछ छात्रों ने स्कूल में लगी हुई शिकायत पेटी में भी इस घटना के बारे में अवगत कराने का प्रयास किया था परंतु बताया जा रहा है कि उक्त शिकायत को भी पेटी से गायब करवा दिया गया। इसके बाद मामले की भनक लगने पर एक समिति का गठन किया गया लेकिन वैदिक छात्र वहां पर भी कुछ नहीं बता सके। बाद में अभिभावकों के साथ हुई बैठक में इस मामले को उजागर होने का लगने लगा तो स्कूल के प्रिंसिपल की ओर से सदर थाने में रिपोर्ट दी गई। अब इसमें स्कूल प्रशासन और प्राचार्य की भी बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि किस तरह से शिकायत पेटी मैं शिकायत आने के बावजूद मामला कई दिन तक खुल नहीं सका


Body:मुंह से फिर भी नहीं बोल सके छात्र
वहीं दूसरी ओर इस सारे घटनाक्रम की जांच करने के लिए बाल कल्याण समिति के सदस्य स्कूल में पहुंचे और वहां छात्रों से जानकारी लेने का प्रयास किया। इसके बाद भी छात्र मुंह से कुछ नहीं बोल सके और अंत में उन्होंने यह कहा कि वे सारे घटनाक्रम को लिखकर दे सकते हैं। इस पर बाल कल्याण समिति की ओर से सभी छात्रों के बयान सीलबंद लिफाफे में रख लिए गए हैं। वही मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक ज्ञान सिंह चौधरी को दी गई है। वहीं अभिभावकों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर यह कहा कि जब मामला पुलिस और प्रशासन की ओर से दबाने का प्रयास किया गया , किसी भी समाचार पत्र वह चैनलों पर जब यह मामला नहीं दिखाया गया तो इसके बाद चाइल्ड लाइन में भी इसकी शिकायत की गई।


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