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महिलाओं से दुष्कर्म व दहेज के अधिकतर मामले झूठे, 50 फीसदी मामलों में ही हो पाया चालान - जानकारी

सरकार की ओर से महिलाओं के मामले में तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है. जनवरी से लेकर अब तक दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या में तेजी आई है. इसमें परेशानी की बात यह है कि जांच पड़ताल में 50 फीसदी मामले झूठे पाए गए. यह बात सरकारी आंकड़ों में सामने आई है.

महिलाओं से दुष्कर्म व दहेज के अधिकतर मामले झूठे
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Published : Jul 28, 2019, 4:57 PM IST

झुंझुनूं. राज्य सरकार की ओर से हर मिलने वाली शिकायत को एफआईआर के रूप में दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. विशेषकर महिलाओं से जुड़े मामलों में राज्य सरकार की भी पैनी नजर है. लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय झुंझुनूं से मिले आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म व दहेज के दर्ज मामलों की जांच पड़ताल में 50 फीसदी मामले झूठे निकले हैं. हालांकि पुलिस की ओर से झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा पेश किया जाता है. लेकिन तब तक जिसके खिलाफ मामला दर्ज होता है. उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

महिलाओं से दुष्कर्म व दहेज के अधिकतर मामले झूठे, 50 फीसदी मामलों में ही हो पाया चालान

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में दहेज व दुष्कर्म के कुल 758 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 338 मामले पूरी तरह से झूठे पाए गए. वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर जून तक कुल 519 मामले दर्ज हुए हैं. जिनमें से 126 मामले पूरी तरह से झूठे हैं. 254 मामलों में कोर्ट में चालान पेश किया गया है. वहीं अन्य मामलों में अभी जांच चल रही है.

अजमेर में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म, आरोपी फरार

पुलिस की ओर से झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ इस्तगासा दर्ज कराया जा रहा है. जिसके बाद उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी की गई. अधिकतर झूठे मामले दहेज प्रताड़ना, दुष्कर्म, मारपीट व छेड़छाड़ के हैं. पुलिस सूत्रों की माने तो झूठा मामला दर्ज कराने पर पुलिस की ओर से संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं होने से थानों में झूठे मुकदमों की संख्या भी बढ़ रही है. डेढ़ साल में दर्ज हुए मुकदमों में आधे ही मामले चालान की स्टेज तक पहुंच पाए हैं.

झुंझुनूं. राज्य सरकार की ओर से हर मिलने वाली शिकायत को एफआईआर के रूप में दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. विशेषकर महिलाओं से जुड़े मामलों में राज्य सरकार की भी पैनी नजर है. लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय झुंझुनूं से मिले आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म व दहेज के दर्ज मामलों की जांच पड़ताल में 50 फीसदी मामले झूठे निकले हैं. हालांकि पुलिस की ओर से झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा पेश किया जाता है. लेकिन तब तक जिसके खिलाफ मामला दर्ज होता है. उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

महिलाओं से दुष्कर्म व दहेज के अधिकतर मामले झूठे, 50 फीसदी मामलों में ही हो पाया चालान

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में दहेज व दुष्कर्म के कुल 758 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 338 मामले पूरी तरह से झूठे पाए गए. वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर जून तक कुल 519 मामले दर्ज हुए हैं. जिनमें से 126 मामले पूरी तरह से झूठे हैं. 254 मामलों में कोर्ट में चालान पेश किया गया है. वहीं अन्य मामलों में अभी जांच चल रही है.

अजमेर में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म, आरोपी फरार

पुलिस की ओर से झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ इस्तगासा दर्ज कराया जा रहा है. जिसके बाद उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी की गई. अधिकतर झूठे मामले दहेज प्रताड़ना, दुष्कर्म, मारपीट व छेड़छाड़ के हैं. पुलिस सूत्रों की माने तो झूठा मामला दर्ज कराने पर पुलिस की ओर से संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं होने से थानों में झूठे मुकदमों की संख्या भी बढ़ रही है. डेढ़ साल में दर्ज हुए मुकदमों में आधे ही मामले चालान की स्टेज तक पहुंच पाए हैं.

Intro:सरकार की ओर से महिलाओं के मामले में तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है।इसके बाद जनवरी से लेकर अब तक दर्ज होने वाले मुकदमों की एकदम तेजी आ गई है। इसमें परेशानी की बात यह है कि 50% से ज्यादा मामले झूठे हैं। यह हम नहीं कहते ,रिकॉर्ड कह रहा है।


Body:झुंझुनू। राज्य सरकार की ओर से हर मिलने वाली शिकायत को f.i.r. के रूप में दर्ज करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, विशेषकर महिलाओं से जुड़े हुए मामलों राज्य सरकार की भी पैनी नजर है। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है और पुलिस अधीक्षक कार्यालय झुंझुनू से मिले आंकड़ों के अनुसार बलात्कार व दहेज के 50% मामले झूठे हैं। हालांकि पुलिस की ओर से झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश किया जाता है लेकिन तब तक जिसके खिलाफ मामला दर्ज होता है उसका कई तरह से नुकसान हो चुका होता है।

यह कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में दहेज में बलात्कार के कुल 758 मामले दर्ज किए गए और इनमें से 338 मामले पूरी तरह से झूठे पाए गए। वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर जून तक कुल 519 मामले दर्ज हुए हैं और उनमें से 126 मामले पूरी तरह से झूठे हैं। इनमें 254 मामलों में चालान पेश किया गया है तो अन्य मामलों में अभी जांच चल रही है।

बढ़ रही है झूठे मामलों की संख्या
इधर, पुलिस की ओर से झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा दर्ज कराया जा रहा है। न्यायालय की ओर से जुर्माने की कार्रवाई भी की गई है। अधिकतर झूठे मामले, दहेज प्रताड़ना, बलात्कार,मारपीट व छेड़छाड़ के हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो मामला झूठा दर्ज कराने पर पुलिस की ओर से संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं होने से थानों में झूठे मुकदमों की संख्या भी बढ़ रही है। डेढ़ साल में दर्ज हुए मुकदमों में आधे ही मामले चालान की स्टेज तक पहुंच पाए हैं।


बाइट
गौरव यादव जिला पुलिस अधीक्षक झुंझुनू


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