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झुंझुनूं: मदरसा पैरा टीचर्स का प्रदर्शन, कांग्रेस पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने मदरसा पैरा टीचर्स से नियमितीकरण का वादा किया था जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इसी को लेकर मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने प्रदर्शन किया और मांगें पूरी नहीं होने पर सामूहिक इस्तीफा देने की बात भी कही.

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मदरसा पैरा टीचर्स ने किया प्रदर्शन
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Published : Feb 10, 2020, 5:46 PM IST

झुंझुनूं. कांग्रेस ने चुनाव के दौरान जारी अपने घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया था कि मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित किया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद अभी तक इस संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. यह आरोप लगाते हुए मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र के पेज नंबर 34, बिंदु संख्या 25 के पांचवे नंबर पर उन्हें नियमित करने का उल्लेख किया था, लेकिन अब सरकार बनने के बाद कुछ नहीं किया जा रहा है. मदरसा पैरा टीचर्स गत 5 से 15 साल तक न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत हैं.

मदरसा पैरा टीचर्स ने किया प्रदर्शन

भरण पोषण भी नहीं हो रहा

पैरा टीचर्स ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि इतने कम मानदेय पर पूरे परिवार का भरण पोषण तक करना संभव नहीं है. हमारा काम भी तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान ही है. शिक्षण कार्य के साथ-साथ मदरसा पैराटीचर पोषाहार, बीएलओ और चुनाव ड्यूटी आदि सभी कार्यों को कर रहे हैं इसलिए सरकार काम तो पूरा करवा रही है, लेकिन वेतन देने के नाम पर न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जा रही है.

पढ़ें- विधानसभा में उठा मानव तस्करी का मामला,विधायक रामलाल शर्मा ने सरकार को याद दिलाया वादा

वेतन करो कम से कम 25 हजार

ऐसे में विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार जल्द से जल्द नियमित किया जाए और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक मानदेय कम से कम 25 हजार किया जाए. यदि बजट में इसकी घोषणा नहीं की जाती है तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. इसके अलावा उग्र आंदोलन करते हुए सरकार को विधानसभा के बाहर भी घेरा जाएगा.

झुंझुनूं. कांग्रेस ने चुनाव के दौरान जारी अपने घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया था कि मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित किया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद अभी तक इस संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. यह आरोप लगाते हुए मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र के पेज नंबर 34, बिंदु संख्या 25 के पांचवे नंबर पर उन्हें नियमित करने का उल्लेख किया था, लेकिन अब सरकार बनने के बाद कुछ नहीं किया जा रहा है. मदरसा पैरा टीचर्स गत 5 से 15 साल तक न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत हैं.

मदरसा पैरा टीचर्स ने किया प्रदर्शन

भरण पोषण भी नहीं हो रहा

पैरा टीचर्स ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि इतने कम मानदेय पर पूरे परिवार का भरण पोषण तक करना संभव नहीं है. हमारा काम भी तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान ही है. शिक्षण कार्य के साथ-साथ मदरसा पैराटीचर पोषाहार, बीएलओ और चुनाव ड्यूटी आदि सभी कार्यों को कर रहे हैं इसलिए सरकार काम तो पूरा करवा रही है, लेकिन वेतन देने के नाम पर न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जा रही है.

पढ़ें- विधानसभा में उठा मानव तस्करी का मामला,विधायक रामलाल शर्मा ने सरकार को याद दिलाया वादा

वेतन करो कम से कम 25 हजार

ऐसे में विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार जल्द से जल्द नियमित किया जाए और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक मानदेय कम से कम 25 हजार किया जाए. यदि बजट में इसकी घोषणा नहीं की जाती है तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. इसके अलावा उग्र आंदोलन करते हुए सरकार को विधानसभा के बाहर भी घेरा जाएगा.

Intro:झुंझुनू। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान जारी अपने घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया था कि मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित किया जाएगा लेकिन इसके बावजूद अभी तक इस संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। यह आरोप लगाते हुए मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र के पेज नंबर 34, बिंदु संख्या 25 के पांचवे नंबर पर उन्हें नियमित करने का उल्लेख किया था लेकिन अब सरकार बनने के बाद कुछ नहीं किया जा रहा है मदरसा पैरा टीचर्स गत 5 से 15 साल तक न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय पर कार्यरत है।


Body:भरण पोषण भी नहीं हो रहा

पैरा टीचर्स ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि इतने कम मानदेय पर पूरे परिवार का भरण पोषण तक करना संभव नहीं है हमारा काम भी तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान ही है। शिक्षण कार्य के साथ-साथ मदरसा पैराटीचर पोषाहार, बीएलओ व चुनाव ड्यूटी आदि सभी कार्यों को कर रहे हैं इसलिए सरकार काम तो पूरा करवा रही है लेकिन वेतन देने के नाम पर न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जा रही है।

वेतन करो कम से कम 25 हजार
ऐसे में विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार जल्द से जल्द नियमित किया जाए और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक मानदेय कम से कम ₹25000 किया जाए। यदि बजट में इसकी घोषणा नहीं की जाती है तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे इसके अलावा उग्र आंदोलन करते हुए सरकार को विधानसभा के बाहर भी घेरा जाएगा।

बाइट आरिफ खान, जिला अध्यक्ष, राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ


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