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विश्व मधुमक्खी दिवस पर खास सलाह: मधुमक्खी पालन बन सकता है अतिरिक्त आय का जरिया

झुंझुनू के कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर की ओर से वेबीनार का आयोजन किया गया. जिसमें मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. वेबीनार में विशेषज्ञों ने मधुमक्खी पालन कर खेती के अलावा 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त आय अर्जित करने की बात कही.

Webinar organized in Jhunjhunu,  Krishi Vigyan Kendra Abusar
विश्व मधुमक्खी दिवस
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Published : May 21, 2021, 9:26 AM IST

झुंझुनू. कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर की ओर से विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया. जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दयानंद ने बताया कि जिले में किसान भाई मधुमक्खी पालन अपनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं. डॉ. दयानंद ने बताया की मधुमक्खी पालन से ना केवल शहद प्राप्त होता है, बल्कि फसलों में परागण में भी मधुमक्खियों का बहुत अधिक महत्व है, जिससे फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है.

पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से किसानों को दी जानकारी

कृषि विज्ञान केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. रशीद खान ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तृत से जानकारी दी. डॉ. खान ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर यदि कोई किसान 50 बॉक्स से शुरुआत करता है तो वह खेती के अलावा 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त कमाई कर सकता है. इसके लिए किसानों को यह सुनिश्चित करना होता है की मधुमक्खियों को पराग एकत्रित करने के लिए वर्षभर फूलों की उपलब्धता हो सके.

पढ़ें- झुंझुनू : 13 सीएचसी में कोरोना मरीजों का उपचार शुरू हुआ, कलेक्टर ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

मधुमक्खी पालन पर 40 प्रतिशत का मिलता है अनुदान

उद्यान विभाग के सहायक कृषि अधिकारी अरविंद फगेडिय़ा बताया कि उद्यान विभाग की ओर से मधुमक्खी पालन पर 40 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है. जिले में पिछले कुछ वर्षों से किसानों का बागवानी की ओर रुझान बढ़ा है. जिले में बगीचों और सब्जियों की खेती का क्षेत्रफल बढ़ऩे के कारण मधुमक्खी पालन की संभावनाएं बढ़ी है. इसके अलावा वेबीनार में कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ. रणजीत सिंह राठौड़, विमल नागर, रमन मीणा व लगभग 50 किसानों ने भाग लिया.

झुंझुनू. कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर की ओर से विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया. जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दयानंद ने बताया कि जिले में किसान भाई मधुमक्खी पालन अपनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं. डॉ. दयानंद ने बताया की मधुमक्खी पालन से ना केवल शहद प्राप्त होता है, बल्कि फसलों में परागण में भी मधुमक्खियों का बहुत अधिक महत्व है, जिससे फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है.

पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से किसानों को दी जानकारी

कृषि विज्ञान केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. रशीद खान ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तृत से जानकारी दी. डॉ. खान ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर यदि कोई किसान 50 बॉक्स से शुरुआत करता है तो वह खेती के अलावा 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त कमाई कर सकता है. इसके लिए किसानों को यह सुनिश्चित करना होता है की मधुमक्खियों को पराग एकत्रित करने के लिए वर्षभर फूलों की उपलब्धता हो सके.

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मधुमक्खी पालन पर 40 प्रतिशत का मिलता है अनुदान

उद्यान विभाग के सहायक कृषि अधिकारी अरविंद फगेडिय़ा बताया कि उद्यान विभाग की ओर से मधुमक्खी पालन पर 40 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है. जिले में पिछले कुछ वर्षों से किसानों का बागवानी की ओर रुझान बढ़ा है. जिले में बगीचों और सब्जियों की खेती का क्षेत्रफल बढ़ऩे के कारण मधुमक्खी पालन की संभावनाएं बढ़ी है. इसके अलावा वेबीनार में कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ. रणजीत सिंह राठौड़, विमल नागर, रमन मीणा व लगभग 50 किसानों ने भाग लिया.

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