झुंझुनू. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि विज्ञान, तकनीकी और आधुनिकता से देश का विकास संभव हो सकता है. कहा जाता है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के उद्देश्य के अनुरूप पिलानी में बीट्स संस्थान को बिड़ला परिवार द्वारा स्थापित किया गया था, इसलिए वे फरवरी 1950 में पिलानी राजस्थान में आए थे.
झुंझुनू में उस समय पानी की भारी कमी थी, बताया जाता है कि उस समय जवाहरलाल नेहरू के स्वागत में हरी सब्जियों और गाजर मूली से स्वागत द्वार बनाए गए थे, जिससे नाराज होकर नेहरू ने सब पकवान गरीबों में बंटवा दिया थे, उस समय यहां के लोगों के लिए इस तरह की हरी सब्जियां दुर्लभ हुआ करती थी.
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आज जब बाल दिवस के अवसर पर जिला कलेक्टर ने उन पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, तो पिलानी में आए नेहरू की झलकियां भी उसमें शामिल की थी.
9 साल बाद दुबारा आए पिलानी
नेहरू प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी बार 1959 में पिलानी आए थे, वे यहां बीट्स के कार्यक्रम में आए थे, जो देश भर में प्रसिद्ध है. दोबारा जब नेहरू पिलानी आए तब तक इस संस्थान ने अच्छी खासी प्रसिद्धि तकनीकी शिक्षा में पा ली थी. खास बात यह है कि नेहरू के बाद झुंझुनू में बतौर प्रधानमंत्री उनकी बेटी इंदिरा गांधी और दोहीते राजीव गांधी भी आए थे. वहीं इसके बाद आज भी पिलानी के बीट्स ने उनकी यादों को संजो कर रखा है.