झुंझुनू. विश्व तंबाकू दिवस के अवसर पर आयोजित वर्चुअल आमुखीकरण कार्यशाला में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जन आंदोलन की जरूरत बताई. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना से लडने में लोगों ने हिम्मत दिखाई है, उसी प्रकार से तंबाकू छोडने के लिए भी हिम्मत दिखानी होगी. उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन होने वाली बीमारियों की तस्वीरे बहुत खतरनाक और भयावह होती है. कैंसर जैसी दर्दनाक बीमारी इन उत्पादों की ही देन हैं.
इस अवसर पर जिले के लालपुर गांव की आशा सहयोगिनी मंजू देवी ने सीएम संवाद में भागीदारी निभाते हुए बताया कि गांव में हम तंबाकू नियंत्रण के लिए प्रयासरत है. विद्यालयों के 100 मीटर की दूरी में तंबाकू उत्पाद न बेचने देना, बोर्ड लगाना, गांव में नारे लिखवाना, तंबाकू छुड़वाने के जिला अस्पताल में भिजवाकर काउंसलिंग करवाना जैसे कार्य चिकित्सा विभाग द्वारा किए जा रहे हैं. वीसी में निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा, निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मण ओला ने पीपीटी के जरिये तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया.
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एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने तंबाकू को पूरी तरह बेन और बहिष्कृत करने की बात कहीं. वीसी में चिकित्सा विभाग के सेकेट्री सिद्धार्थ महाजन, एमडी एनएचएम सुधीर शर्मा भी मौजूद रहे. वीसी का संचालन तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी और संयुक्त निदेशक डॉ. एसएन धौलपुरिया ने किया.