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झुंझुनू प्रशासन ने दी मनरेगा मजदूरों को राहत, 11 बजे के बाद काम खत्म कर जा सकते हैं घर

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Published : Jun 20, 2020, 11:40 AM IST

झुंझुनू में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण मनरेगा मजदूरों के लिए काम करना मुश्किल हो रहा है. भीषण गर्मी के कारण भी मजदूरों को टास्क पूरा होने के बाद कार्यस्थल पर बैठना पड़ता है. जिसे देखते हुए अब सीईओ की ओर से मजदूरों को राहत प्रदान की गई है. सीईओ ने सभी कार्यकारी ऐजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई श्रमिक आवंटित टास्क को 11 बजे तक ही पूरा कर देता है तो उसे निर्धारित समय से दो घंटे पहले कार्यस्थल छोड़ने की छूट दी जाएं.

झुंझुनू न्यूज, rajasthan news
सीईओ ने मनरेगा मजदूरों को लेकर जारी किए निर्देश

झुंझुनू. जून माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य देवता ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसे में दोपहर 11 बजे के बाद आसमान से आग बरसती है. इस दौरान भीषण गर्मी में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं, इस गर्मी में मनरेगा में काम करना तो जैसे आग के गोले के पास बैठना है. इसके चलते गर्मी के मौसम में मनरेगा श्रमिकों की परेशानियों को देखते हुए अब सीईओ की ओर से सभी कार्यकारी ऐजेंसी को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई श्रमिक आवंटित टास्क को 11 बजे तक ही पूरा कर देता है तो उसे निर्धारित समय से दो घंटे पहले कार्यस्थल छोड़ने की छूट दी जाएं. जिससे श्रमिकों को बड़ी राहत मिलेगी.

सीईओ ने मनरेगा मजदूरों को लेकर जारी किए निर्देश

ये रहती है शिकायत

श्रमिकों की शिकायत है कि मेट और पंचायतों के कर्मचारी प्रातः 6 बजे और 1 बजे दो बार हाजिरी लेते हैं, जिसके कारण काम पूरा करने के बाद भी कार्यस्थल पर बैठना पड़ता है. समूह वार टास्क दर्ज नहीं करने के कारण कुछ ईमानदारी से काम करने वालों की मजदूरी भी मौके पर जाकर गपशप करने वालों के बराबर आती है.

पढे़ं- झुंझुनू : करमाड़ी लीज हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

समय नहीं टास्क देखकर होगा काम

झुंझुनू न्यूज, rajasthan news
मनरेगा मजदूर अपने टास्क को पूरा कर ले सकेंगे छुट्टी

जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने निर्देश जारी किए हैं कि तकनीकी अधिकारियों को मजदूरों की उपस्थिति के बजाय दिए गए टास्क को पूरा करने के आधार पर उनकी मजदूरी तय करनी चाहिए. जिले में प्रत्येक जॉबकार्ड धारक परिवार के लिए उसके खेत में जलसंग्रहण टांका और वृक्षारोपण के लिए कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं, जिसके कारण जुलाई माह से जोहड़ों पर रोजगार के नाम पर जुटने वाली भीड़ कम हो जाएगी. निजी खेतों में काम करने पर पंचायतों की ओर से छाया पानी की व्यवस्था नहीं होने की शिकायत भी नहीं रहेगी.

झुंझुनू. जून माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य देवता ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसे में दोपहर 11 बजे के बाद आसमान से आग बरसती है. इस दौरान भीषण गर्मी में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं, इस गर्मी में मनरेगा में काम करना तो जैसे आग के गोले के पास बैठना है. इसके चलते गर्मी के मौसम में मनरेगा श्रमिकों की परेशानियों को देखते हुए अब सीईओ की ओर से सभी कार्यकारी ऐजेंसी को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई श्रमिक आवंटित टास्क को 11 बजे तक ही पूरा कर देता है तो उसे निर्धारित समय से दो घंटे पहले कार्यस्थल छोड़ने की छूट दी जाएं. जिससे श्रमिकों को बड़ी राहत मिलेगी.

सीईओ ने मनरेगा मजदूरों को लेकर जारी किए निर्देश

ये रहती है शिकायत

श्रमिकों की शिकायत है कि मेट और पंचायतों के कर्मचारी प्रातः 6 बजे और 1 बजे दो बार हाजिरी लेते हैं, जिसके कारण काम पूरा करने के बाद भी कार्यस्थल पर बैठना पड़ता है. समूह वार टास्क दर्ज नहीं करने के कारण कुछ ईमानदारी से काम करने वालों की मजदूरी भी मौके पर जाकर गपशप करने वालों के बराबर आती है.

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मनरेगा मजदूर अपने टास्क को पूरा कर ले सकेंगे छुट्टी

जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने निर्देश जारी किए हैं कि तकनीकी अधिकारियों को मजदूरों की उपस्थिति के बजाय दिए गए टास्क को पूरा करने के आधार पर उनकी मजदूरी तय करनी चाहिए. जिले में प्रत्येक जॉबकार्ड धारक परिवार के लिए उसके खेत में जलसंग्रहण टांका और वृक्षारोपण के लिए कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं, जिसके कारण जुलाई माह से जोहड़ों पर रोजगार के नाम पर जुटने वाली भीड़ कम हो जाएगी. निजी खेतों में काम करने पर पंचायतों की ओर से छाया पानी की व्यवस्था नहीं होने की शिकायत भी नहीं रहेगी.

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