झुंझुनू. जून माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य देवता ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसे में दोपहर 11 बजे के बाद आसमान से आग बरसती है. इस दौरान भीषण गर्मी में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं, इस गर्मी में मनरेगा में काम करना तो जैसे आग के गोले के पास बैठना है. इसके चलते गर्मी के मौसम में मनरेगा श्रमिकों की परेशानियों को देखते हुए अब सीईओ की ओर से सभी कार्यकारी ऐजेंसी को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई श्रमिक आवंटित टास्क को 11 बजे तक ही पूरा कर देता है तो उसे निर्धारित समय से दो घंटे पहले कार्यस्थल छोड़ने की छूट दी जाएं. जिससे श्रमिकों को बड़ी राहत मिलेगी.
ये रहती है शिकायत
श्रमिकों की शिकायत है कि मेट और पंचायतों के कर्मचारी प्रातः 6 बजे और 1 बजे दो बार हाजिरी लेते हैं, जिसके कारण काम पूरा करने के बाद भी कार्यस्थल पर बैठना पड़ता है. समूह वार टास्क दर्ज नहीं करने के कारण कुछ ईमानदारी से काम करने वालों की मजदूरी भी मौके पर जाकर गपशप करने वालों के बराबर आती है.
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समय नहीं टास्क देखकर होगा काम
जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने निर्देश जारी किए हैं कि तकनीकी अधिकारियों को मजदूरों की उपस्थिति के बजाय दिए गए टास्क को पूरा करने के आधार पर उनकी मजदूरी तय करनी चाहिए. जिले में प्रत्येक जॉबकार्ड धारक परिवार के लिए उसके खेत में जलसंग्रहण टांका और वृक्षारोपण के लिए कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं, जिसके कारण जुलाई माह से जोहड़ों पर रोजगार के नाम पर जुटने वाली भीड़ कम हो जाएगी. निजी खेतों में काम करने पर पंचायतों की ओर से छाया पानी की व्यवस्था नहीं होने की शिकायत भी नहीं रहेगी.