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बीएलओ में ड्यूटी लगाने से शिक्षकों में नाराजगी, कार्य बहिष्कार का किया फैसला

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Published : Jun 12, 2023, 4:52 PM IST

बीएलओ की ड्यूटी लगाने से शिक्षकों में नाराजगी देखी गई है. रिपोर्ट के अनुसार अब बीएलओ ड्यटी का बहिष्कार किया जाएगा.

teachers protest in Bhilwara over duty of BLO
बीएलओ में ड्यूटी लगाने से शिक्षकों में नाराजगी, शिक्षकों ने बीएलओ कार्य का किया बहिष्कार

झालावाड. शहर के मिनी सचिवालय में सोमवार को जिले की शिक्षक बीएलओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में जिले के लगभग 550 शिक्षकों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

इस दौरान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि समिति के द्वारा पूर्व में जिला कलेक्टर को शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराते हुए शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था. उनके आश्वासन के बावजूद भी शिक्षकों को निशाना बनाते हुए बीएलओ कार्य के लिए लगाया जा रहा है. ऐसे में झालावाड़ के शिक्षकों के द्वारा बीएलओ कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं लगाया जा सकता.

पढ़ेंः मतदाता दिवस पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले BLO का सम्मान, निष्पक्ष मतदान की दिलाई शपथ

इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि बीएलओ को उसके मतदान केंद्र पर ही ड्यूटी पर लगाया जाए. यही नहीं बीएलओ कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी, पंचायत सचिव, एएनएम, पोस्टमैन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित अन्य कार्मिकों की भी ड्यूटी बीएलओ पद पर लगाई जा सकती है. उसके बावजूद भी जिले में शिक्षकों को बड़ी संख्या में बीएलओ कार्य पर लगाया गया है. ऐसे में उनके शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ उनको मिलने वाला ग्रीष्मावकाश भी प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि कई वर्षों से शिक्षकों के द्वारा ग्रीष्मावकाश का लाभ नहीं उठा पाए हैं. ऐसे में आज जिले के लगभग 1100 शिक्षकों ने बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है..

झालावाड. शहर के मिनी सचिवालय में सोमवार को जिले की शिक्षक बीएलओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में जिले के लगभग 550 शिक्षकों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

इस दौरान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि समिति के द्वारा पूर्व में जिला कलेक्टर को शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराते हुए शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था. उनके आश्वासन के बावजूद भी शिक्षकों को निशाना बनाते हुए बीएलओ कार्य के लिए लगाया जा रहा है. ऐसे में झालावाड़ के शिक्षकों के द्वारा बीएलओ कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं लगाया जा सकता.

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इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि बीएलओ को उसके मतदान केंद्र पर ही ड्यूटी पर लगाया जाए. यही नहीं बीएलओ कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी, पंचायत सचिव, एएनएम, पोस्टमैन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित अन्य कार्मिकों की भी ड्यूटी बीएलओ पद पर लगाई जा सकती है. उसके बावजूद भी जिले में शिक्षकों को बड़ी संख्या में बीएलओ कार्य पर लगाया गया है. ऐसे में उनके शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ उनको मिलने वाला ग्रीष्मावकाश भी प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि कई वर्षों से शिक्षकों के द्वारा ग्रीष्मावकाश का लाभ नहीं उठा पाए हैं. ऐसे में आज जिले के लगभग 1100 शिक्षकों ने बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है..

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