ETV Bharat / state

पौष अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने स्नान करके दान-पुण्य अर्जित किया

झालावाड़ के शनि मंदिर माता जी के मंदिर बालाजी मंदिर में लोगों ने पौष अमावस्या के मौके पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया. वहीं इसी के साथ भक्तों ने श्री रामसन्याघाट तीर्थ स्थल पर पवित्र स्नान करके पुण्य का लाभ अर्जित किया.

jhalawar news, rajasthan news , झालावाड़ के कामखेड़ा बालाजी धाम, दान पुण्य अर्जित किया, अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने स्नान
दान पुण्य अर्जित किया
author img

By

Published : Dec 26, 2019, 9:32 PM IST

झालावाड़. जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम, शनि मंदिर, बालाजी मंदिर में लोगों ने जमकर भजन कीर्तन और पूजा-पाठ किया. साथ ही धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. साथ ही भक्तों ने श्री रामसन्याघाट तीर्थ स्थल पर पवित्र स्नान करके पुण्य का लाभ अर्जित किया. वहीं धार्मिक स्थल पर प्रसादी लड्डू वितरित किए गए.

श्रद्धालुओं ने स्नान करके दान पुण्य अर्जित किया

बता दें कि पौष अमावस्या और गुरुवार को ऐसा खंडग्रास सूर्यग्रहण लगा, जैसा तीन दशक पहले लगा था. इस बार भी वैसी ही दुर्लभ गृह स्थिति में यह ग्रहण पड़ा. वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान गुरुवार और अमावस्या का विशेष संयोग भी है.

सूर्यग्रहण में लोगों ने भगवान का स्मरण किया-

सूतक लगने से मंदिरों के पट बुधवार रात 8:13 ही बंद हो गए थे. गुरुवार को ग्रहण शुद्धि के बाद मंदिरों के पट सुबह 11:30 बजे बाद खुले. सूर्यग्रहण के चलते लोगों ने घरों में फलाहार चाय-नाश्ता भी सुबह 8 बजे से पहले ही कर लिया. ऐसा माना जाता है, कि सूर्य ग्रहण में खाने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है

पढ़ेंः पंचायती राज चुनाव पर सियासत शुरू, प्रक्रिया और तारीखों के ऐलान पर भाजपा की आपत्ति

हाड़ोती संभाग के झालावाड़ क्षेत्रवासियों ने बताया, कि सूर्यग्रहण खत्म होने पर मंदिर में शुद्धि के बाद भगवान को नई पोशाक पहनाई गई. लोगों ने दान पुण्य किया और भगवान का स्मरण किया.

ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा गर्भवती स्त्रियों को लगता है. इसके चलते गर्भवती महिलाएं ग्रहण के बीच घरों से बाहर नहीं निकलीं और ना ही ग्रहण को देखा. ज्योतिषियों की मानें तो तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिला है.

झालावाड़. जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम, शनि मंदिर, बालाजी मंदिर में लोगों ने जमकर भजन कीर्तन और पूजा-पाठ किया. साथ ही धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. साथ ही भक्तों ने श्री रामसन्याघाट तीर्थ स्थल पर पवित्र स्नान करके पुण्य का लाभ अर्जित किया. वहीं धार्मिक स्थल पर प्रसादी लड्डू वितरित किए गए.

श्रद्धालुओं ने स्नान करके दान पुण्य अर्जित किया

बता दें कि पौष अमावस्या और गुरुवार को ऐसा खंडग्रास सूर्यग्रहण लगा, जैसा तीन दशक पहले लगा था. इस बार भी वैसी ही दुर्लभ गृह स्थिति में यह ग्रहण पड़ा. वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान गुरुवार और अमावस्या का विशेष संयोग भी है.

सूर्यग्रहण में लोगों ने भगवान का स्मरण किया-

सूतक लगने से मंदिरों के पट बुधवार रात 8:13 ही बंद हो गए थे. गुरुवार को ग्रहण शुद्धि के बाद मंदिरों के पट सुबह 11:30 बजे बाद खुले. सूर्यग्रहण के चलते लोगों ने घरों में फलाहार चाय-नाश्ता भी सुबह 8 बजे से पहले ही कर लिया. ऐसा माना जाता है, कि सूर्य ग्रहण में खाने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है

पढ़ेंः पंचायती राज चुनाव पर सियासत शुरू, प्रक्रिया और तारीखों के ऐलान पर भाजपा की आपत्ति

हाड़ोती संभाग के झालावाड़ क्षेत्रवासियों ने बताया, कि सूर्यग्रहण खत्म होने पर मंदिर में शुद्धि के बाद भगवान को नई पोशाक पहनाई गई. लोगों ने दान पुण्य किया और भगवान का स्मरण किया.

ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा गर्भवती स्त्रियों को लगता है. इसके चलते गर्भवती महिलाएं ग्रहण के बीच घरों से बाहर नहीं निकलीं और ना ही ग्रहण को देखा. ज्योतिषियों की मानें तो तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिला है.

Intro:झालावाड़ जिले के प्रसिद्ध
धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम पर शनि मंदिर माता जी के मंदिर बालाजी मंदिर लोगों ने जमकर भजन कीर्तन पूजा-पाठ भारी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए इसी के साथ साथ श्री रामसन्याघाट तीर्थ स्थल पर पवित्र स्नान करके पुण्य का लाभ अर्जित किया ।
धार्मिक स्थल पर प्रसादी वह लड्डू वितरित किए गएBody:सूर्यग्रहण पर लोगों ने खूब जमखर दान-पुण्य किया. ऐसा माना जाता है, कि सूर्यग्रहण में खाने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, इसलिए लोगों ने सूर्यग्रहण से पहले ही फलहार चाय-नाश्ता कर लिया था.

मनोहरथाना झालावाड़ हेमराज शर्मा



पौष अमावस्या और गुरुवार को ऐसा खंडग्रास सूर्यग्रहण लगा, जैसा तीन दशक पहले लगा था. इस बार भी वैसी ही दुर्लभ गृह स्थिति में यह ग्रहण पड़ा. वृद्धि योग और मूल नक्षत्र में हो रहे इस ग्रहण के दौरान गुरुवार और अमावस्या का विशेष संयोग भी है.सूर्यग्रहण में लोगों ने भगवान का किया स्मरणसूतक लगने से मंदिरों के पट बुधवार रात 8:13 ही बंद हो गए थे. गुरुवार को ग्रहण शुद्धि के बाद मंदिरों के पट सुबह 11:30 बजे बाद खुले. सूर्यग्रहण के चलते लोगों ने घरों में फलाहार चाय-नाश्ता भी सुबह 8 बजे से पहले ही कर लिया. ऐसा माना जाता है, कि सूर्य ग्रहण में खाने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, हाडोती संभाग के झालावाड़ क्षेत्रवासियों ने बताया, कि सूर्यग्रहण खत्म होने पर मंदिर में शुद्धि के बाद भगवान को नई पोशाक पहनाई गई. लोगों ने दान पुण्य किया और भगवान का स्मरण किया

ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा गर्भवती स्त्रियों को लगता है. इसके चलते गर्भवती महिलाएं ग्रहण के बीच घरों से बाहर नहीं निकलीं और ना ही ग्रहण को देखा. ज्योतिषियों की मानें तो तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिला है.Conclusion:झालावाड़ जिले के प्रसिद्ध
धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम पर शनि मंदिर माता जी के मंदिर बालाजी मंदिर लोगों ने जमकर भजन कीर्तन पूजा-पाठ भारी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए इसी के साथ साथ श्री रामसन्याघाट तीर्थ स्थल पर पवित्र स्नान करके पुण्य का लाभ अर्जित किया ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.