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झालावाड़ : मंडी समिति की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान

प्रदेश में मौसम के बदले मिजाज से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं इससे काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. पिछले 2 दिनों से प्रदेश में आंधी और बारिश लगातार जारी है. ऐसे में झालावाड़ में किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

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Published : Apr 17, 2019, 8:46 PM IST

अनाज के उठाव की नहीं है व्यवस्था

झालावाड़. पिछले दो दिनों से आंधी और बारिश हो रही है, लेकिन झालावाड़ की कृषि उपज मंडी में मंडी समिति की लापरवाही के कारण किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिन किसानों ने मंडी में गेहूं की बोली लगाने के लिए खुले में अपने अनाज फैलाए थे वह मौसम की मार से भीग गए. जबकि कई व्यापारियों के गेहूं, सरसों और चने की बोरियां भी बारिश में गीली हो गई है. जिससे फसल का खराब होने की आशंका बढ़ गई है.

बारिश के बावजूद भी नहीं जागी है मंडी समिति

गौर करने वाली बात तो यह है कि दो दिन बारिश हो जाने के बाद अभी तक मंडी समिति ने जींस की बोरियों के उठाव का उचित प्रबंध नहीं किया है. वहीं इसको लेकर जब हमने महाराजा हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी झालरापाटन के सचिव हरि मोहन बेरवा से बात की तो उनका कहना था कि यह सीजन का पीक टाइम है. जिसके चलते मंडी में बहुत माल आ रहा है. हमारे पास संसाधन सीमित हैं, जिसके कारण हमें खुले में ही फसलों की बोली लगवानी पड़ती है. वहीं मंडी सचिव का यह भी कहना है कि बारिश इतनी ज्यादा नहीं हुई है की फसल को कोई नुकसान हो.

उन्होंने जींस की बोरियों के उठाव को लेकर कहा कि हमने कई बार व्यापारियों को निर्देशित किया है कि बोरियों को यहां से उठा लें ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो लेकिन उनका जवाब हमेशा यही रहता है कि पीक सीजन होने की वजह से साधनों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. ऐसे में साधनों की व्यवस्था होते ही माल यहां से उठा लिया जाएगा.

झालावाड़. पिछले दो दिनों से आंधी और बारिश हो रही है, लेकिन झालावाड़ की कृषि उपज मंडी में मंडी समिति की लापरवाही के कारण किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिन किसानों ने मंडी में गेहूं की बोली लगाने के लिए खुले में अपने अनाज फैलाए थे वह मौसम की मार से भीग गए. जबकि कई व्यापारियों के गेहूं, सरसों और चने की बोरियां भी बारिश में गीली हो गई है. जिससे फसल का खराब होने की आशंका बढ़ गई है.

बारिश के बावजूद भी नहीं जागी है मंडी समिति

गौर करने वाली बात तो यह है कि दो दिन बारिश हो जाने के बाद अभी तक मंडी समिति ने जींस की बोरियों के उठाव का उचित प्रबंध नहीं किया है. वहीं इसको लेकर जब हमने महाराजा हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी झालरापाटन के सचिव हरि मोहन बेरवा से बात की तो उनका कहना था कि यह सीजन का पीक टाइम है. जिसके चलते मंडी में बहुत माल आ रहा है. हमारे पास संसाधन सीमित हैं, जिसके कारण हमें खुले में ही फसलों की बोली लगवानी पड़ती है. वहीं मंडी सचिव का यह भी कहना है कि बारिश इतनी ज्यादा नहीं हुई है की फसल को कोई नुकसान हो.

उन्होंने जींस की बोरियों के उठाव को लेकर कहा कि हमने कई बार व्यापारियों को निर्देशित किया है कि बोरियों को यहां से उठा लें ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो लेकिन उनका जवाब हमेशा यही रहता है कि पीक सीजन होने की वजह से साधनों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. ऐसे में साधनों की व्यवस्था होते ही माल यहां से उठा लिया जाएगा.

Intro:बारिश के बावजूद भी नहीं जागी है मंडी समिति, अनाज के उठाव की नही कर पायी है व्यवस्था


Body:पिछले 2 दिनों से प्रदेश में आंधी व बारिश का कहर देखने को मिला है जिसके चलते अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में झालावाड़ में किसानों व व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मौसम विभाग का अलर्ट मिलने के बाद पिछले 2 दिनों से आंधी व बारिश हो रही है लेकिन झालावाड़ की कृषि उपज मंडी में मंडी समिति की लापरवाही के कारण किसानों व व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिन किसानों ने मंडी में गेहूं की बोली लगाने के लिए खुले ढेर लगा रखे थे वह भीग गए हैं जबकि कई व्यापारियों के गेहूं, सरसों व चने की बोरियां भी बारिश में गीली हो गई है जिससे फसल का खराबा होने की आशंका बढ़ गई है.
गौर करने वाली बात तो यह है कि 2 दिन बारिश हो जाने के बाद अभी तक मंडी समिति ने जींस की बोरियों के उठाव का उचित प्रबंध नहीं किया है.




Conclusion:वहीं इसको लेकर जब हमने महाराजा हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी झालरापाटन के सचिव हरि मोहन बेरवा से बात की तो उनका कहना था कि यह सीजन का पीक टाइम है जिसके चलते मंडी में बहुत माल आ रहा है. हमारे पास संसाधन सीमित हैं जिसके चलते हमें खुले में ही फसलों की बोली लगवानी पड़ती है. वहीं मंडी सचिव का यह भी कहना है कि बारिश इतनी ज्यादा नहीं हुई है की फसल को कोई नुकसान हो.
उन्होंने जिन्स की बोरियों के उठाव को लेकर कहा कि हमने कई बार व्यापारियों को निर्देशित किया है कि बोरियों को यहां से उठा लें ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो लेकिन उनका जवाब हमेशा यही रहता है कि पीक सीजन होने की वजह से साधनों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है ऐसे में साधनों की व्यवस्था होते ही माल यहां से उठा लिया जाएगा.
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