झालावाड़. पिछले दो दिनों से आंधी और बारिश हो रही है, लेकिन झालावाड़ की कृषि उपज मंडी में मंडी समिति की लापरवाही के कारण किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिन किसानों ने मंडी में गेहूं की बोली लगाने के लिए खुले में अपने अनाज फैलाए थे वह मौसम की मार से भीग गए. जबकि कई व्यापारियों के गेहूं, सरसों और चने की बोरियां भी बारिश में गीली हो गई है. जिससे फसल का खराब होने की आशंका बढ़ गई है.
गौर करने वाली बात तो यह है कि दो दिन बारिश हो जाने के बाद अभी तक मंडी समिति ने जींस की बोरियों के उठाव का उचित प्रबंध नहीं किया है. वहीं इसको लेकर जब हमने महाराजा हरिश्चंद्र कृषि उपज मंडी झालरापाटन के सचिव हरि मोहन बेरवा से बात की तो उनका कहना था कि यह सीजन का पीक टाइम है. जिसके चलते मंडी में बहुत माल आ रहा है. हमारे पास संसाधन सीमित हैं, जिसके कारण हमें खुले में ही फसलों की बोली लगवानी पड़ती है. वहीं मंडी सचिव का यह भी कहना है कि बारिश इतनी ज्यादा नहीं हुई है की फसल को कोई नुकसान हो.
उन्होंने जींस की बोरियों के उठाव को लेकर कहा कि हमने कई बार व्यापारियों को निर्देशित किया है कि बोरियों को यहां से उठा लें ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो लेकिन उनका जवाब हमेशा यही रहता है कि पीक सीजन होने की वजह से साधनों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. ऐसे में साधनों की व्यवस्था होते ही माल यहां से उठा लिया जाएगा.