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अकलेराः टॉवर लगवाने के नाम पर ठगी, आरोपी को 2 साल की सजा

झालावाड़ जिले के अकलेरा उपखंड में युवक से ठगी करने के आरोप में सिविल न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी युवक को दो साल की सजा के साथ 60 हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया है.

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Published : Feb 7, 2020, 3:37 AM IST

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टॉवर लगवाने के नाम पर ठगी

अकलेरा (झालावाड़). जिले के अकलेरा कस्बे में करीब 7 साल पहले के धोखाधड़ी के मामले में न्यायलय ने आरोपी ठगी को दो साल की सजा सुनाई है. बता दें, कि वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी परमानंद लोधा निवासी रानीपुरिया को टावर लगाने और नौकरी दिलवाने के नाम पर एक युवक से ठगी करने के आरोप में दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 60 हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया है.

टॉवर लगवाने के नाम पर ठगी

दरअसल, सहायक लोक अभियोजक नेमीचंद यादव ने बताया कि, 3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय एसीजेएम में पूरीलाल बैरागी नामक एक युवक आया जिसने बताया कि, आरोपी परमानंद ने टॉवर लगवाने की बात कही. साथ ही उसने बताया कि, टावर लगने के बाद उसके घर में फ्री इंटरनेट, पानी, बिजली आदि कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होगी.

पढ़ेंः अजमेरः ATM बदलकर खाते से उड़ाए 50 हजार, मामला दर्ज

वहीं, आरोपी ने कमाई का प्रलोभन देकर 60 हजार रुपए निवेश करने की बात भी कही और कहा कि, घर बैठे 10-15 हजार रुपए मासिक कमाई भी होगी. इसके बाद पीड़ित युवक ने आरोपी को टावर लगवाने के एवज में 58 हजार नगद दिए. जिसके बाद आरोपी पैसे लेकर फरार हो गया था.

अकलेरा (झालावाड़). जिले के अकलेरा कस्बे में करीब 7 साल पहले के धोखाधड़ी के मामले में न्यायलय ने आरोपी ठगी को दो साल की सजा सुनाई है. बता दें, कि वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी परमानंद लोधा निवासी रानीपुरिया को टावर लगाने और नौकरी दिलवाने के नाम पर एक युवक से ठगी करने के आरोप में दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 60 हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया है.

टॉवर लगवाने के नाम पर ठगी

दरअसल, सहायक लोक अभियोजक नेमीचंद यादव ने बताया कि, 3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय एसीजेएम में पूरीलाल बैरागी नामक एक युवक आया जिसने बताया कि, आरोपी परमानंद ने टॉवर लगवाने की बात कही. साथ ही उसने बताया कि, टावर लगने के बाद उसके घर में फ्री इंटरनेट, पानी, बिजली आदि कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होगी.

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वहीं, आरोपी ने कमाई का प्रलोभन देकर 60 हजार रुपए निवेश करने की बात भी कही और कहा कि, घर बैठे 10-15 हजार रुपए मासिक कमाई भी होगी. इसके बाद पीड़ित युवक ने आरोपी को टावर लगवाने के एवज में 58 हजार नगद दिए. जिसके बाद आरोपी पैसे लेकर फरार हो गया था.

Intro:सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी परमानंद लोधा निवासी गांव रानीपुरिया को कम्पनी का टावर लगाने और नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में अभियुक्त को 2 वर्ष के कठोर कारावास Body:टावर लगाने और नौकरी दिलवाने के नाम पर की धोखाधडी : आरोपी को 2 साल की सजा।

झालावाड़ अकलेरा हेमराज शर्मा




झालावाड़ जिले के
         अकलेरा कस्बे में
। करीब 7 साल पहले के धोखाधड़ी के मामले में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी परमानंद लोधा निवासी गांव रानीपुरिया को कम्पनी का टावर लगाने और नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में अभियुक्त को 2 वर्ष के कठोर कारावास सजा एवं 60हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। साथ ही न्यायाधीश ने अर्थदण्ड की राशि 60 हजार रुपए जमा होने पर बतौर प्रतिकर परिवादी पूरीलाल को अदा किए जाने के आदेश दिए।
सहायक लोक अभियोजक नेमीचंद यादव ने बताया कि 3 अक्टूम्बर 2013 को न्यायालय एसीजेएम अकलेरा से फरियादी पूरीलाल बैरागी ने इस्तगासे में फरियादी ग्राम मनपसर से अकलेरा हाट में आया था। उस समय बसस्टैंड अकलेरा की सराई में फरियादी भानेज सत्यप्रकाश बैरागी एवं रिश्तेदार परमानंद बैरागी से बाते कर रहे थे। इसी दौरान फरियादी उनके पास चला गया। वहां आरोपी परमानंद ने फरियादी को देखकर उसके बारे में जानकारी हासिल की। और कहा कि वह मनपसर में रहता है। और ऐयरनेट इन्फ्राईटल प्राईवेट लि. कम्पनी जयपुर की ओर से तहसील अकलेरा व मनोहरथाना का प्रतिनिधि है। उसने मेरे रिश्तेदार परमानंद बैरागी व सत्यप्रकाश के यहां भी टॉवर लगाए हैं।कम्पनी जयपुर की और से एक स्कीम के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक टावर लगाया जाएगा। इसके माध्यम से घर बैठे इन्टरनेट से जमाबन्दी की नकले नल बिजली के बिल आदि कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होगी। इस प्रकार परमानंद को कमाई का प्रलोभन देकर 60 हजार रुपए निवेश करने की बात कहने लगा। और कहा कि घर बैठे 10-15 हजार रुपए मासिक कमाई होगी। टावर लगने के बाद आपको प्रथम 6 माह तक एक हजार रुपए मासिक किराया मिलेगा। एवं 6 माह बाद 4 हजार रुपए मासिक जमीन किराया प्राप्त होगा। टावर की देखरेख के लिए भी आपके सुरक्षा गार्ड की नौकरी मिलेगी। 4 हजार रुपए मासिक अलग से कम्पनी की ओर से भुगतान होगा। इस पर आरोपी परमानंद ने पास बुक व जमीन के पटटे की नकल तीन फोटो लेकर टावर लगाने की कार्यवाई शुरू करने की बात कही। इस पर फरियादी ने घर की चांदी 38 हजार रुपए में खिलचीपुर बेचकर 20 हजार नकदी भवंरलाल लोधा निवासी मनपसर से उधार लेकर सम्पूर्ण दस्तावेज सहित 10-12 दिन बाद अकलेरा आकर गवाह परमानंद बेरागी निवासी ल्हास व सत्यप्रकाश बैरागी निवासी कुम्भाखेड़ी के समक्ष आरोपी परमानंद को 58 हजार रुपए टावर लगाने के लिए नकदी दिए। शेष 2 हजार रुपए बाद में देने की बात कही। इस पर परमानंद ने 58 हजार रुपए नकदी की कोई रसीद नहीं दी थी।Conclusion:टावर लगाने और नौकरी दिलवाने के नाम पर की धोखाधडी : आरोपी को 2 साल की सजा।
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