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बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने एडीएम को बताई समस्याएं, मुआवज की मांग की - झालावाड़ बाढ़ न्यूज

झालावाड़ शहर की खंड्या कॉलेनी में रहने वाली बाढ़ से परेशान महिलाओं ने मिनी सचिवालय पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर से उचित मुआवजे की मांग की. एडीएम के आश्वस्त करने पर महिलाएं मिनी सचिवालय से बाहर निकलीं.

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Published : Sep 17, 2019, 11:28 PM IST

झालावाड़. जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ के कारण जहां किसानों के खेत डूबने से फसलें बर्बाद हो गई. वहीं कई लोगों के मकान डूब गए और जरूरी सामान भी खराब हो गया. ऐसे में अब बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोग बाढ़ से हुए नुकसान के उचित मुआवजे की मांग करने लगे हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा नुकसान का जायजा नहीं लेने पर लोगों में आक्रोश भी पनपने लगा है.

बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने एडीएम को बताई समस्याएं

पढ़ें- 6 बसपा विधायकों के दल बदलने से मायावती का फूटा गुस्सा, कहा- कांग्रेस धोखेबाज पार्टी

झालावाड़ शहर की खंड्या कॉलोनी की महिलाओं ने मिनी सचिवालय पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई. इस दौरान महिलाएं अतिरिक्त जिला कलेक्टर के चेंबर में ही बैठ गईं और उचित मुआवजे की मांग करने लगीं. ऐसे में एडीएम करतार सिंह पुनिया ने तत्काल अधिकारियों को फ़ोन पर निर्देश दिए की क्षेत्र का जायजा लेते हुए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए. इसके बाद एडीएम ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि जल्दी आर्थिक सहायता की व्यवस्था कर दी जाएगी, तब जाकर महिलाएं एडीएम कक्ष के बाहर निकली.

महिलाओं का कहना है कि बाढ़ के हमारे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और घरों में रखे हुए टीवी, कूलर, फ्रिज, एलइडी, अनाज व अन्य सभी जरूरत की चीजें खराब हो गई है. जिससे हमें दूसरें लोगों के घरों पर रहना पड़ रहा है. लेकिन कब तक उनके घरों पर रहेंगे. ऐसे में हमारी मांग है कि हमें सरकार की तरफ से उचित सहायता दी जाए.

झालावाड़. जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ के कारण जहां किसानों के खेत डूबने से फसलें बर्बाद हो गई. वहीं कई लोगों के मकान डूब गए और जरूरी सामान भी खराब हो गया. ऐसे में अब बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोग बाढ़ से हुए नुकसान के उचित मुआवजे की मांग करने लगे हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा नुकसान का जायजा नहीं लेने पर लोगों में आक्रोश भी पनपने लगा है.

बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने एडीएम को बताई समस्याएं

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झालावाड़ शहर की खंड्या कॉलोनी की महिलाओं ने मिनी सचिवालय पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई. इस दौरान महिलाएं अतिरिक्त जिला कलेक्टर के चेंबर में ही बैठ गईं और उचित मुआवजे की मांग करने लगीं. ऐसे में एडीएम करतार सिंह पुनिया ने तत्काल अधिकारियों को फ़ोन पर निर्देश दिए की क्षेत्र का जायजा लेते हुए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए. इसके बाद एडीएम ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि जल्दी आर्थिक सहायता की व्यवस्था कर दी जाएगी, तब जाकर महिलाएं एडीएम कक्ष के बाहर निकली.

महिलाओं का कहना है कि बाढ़ के हमारे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और घरों में रखे हुए टीवी, कूलर, फ्रिज, एलइडी, अनाज व अन्य सभी जरूरत की चीजें खराब हो गई है. जिससे हमें दूसरें लोगों के घरों पर रहना पड़ रहा है. लेकिन कब तक उनके घरों पर रहेंगे. ऐसे में हमारी मांग है कि हमें सरकार की तरफ से उचित सहायता दी जाए.

Intro:झालावाड़ शहर की खंड्या कॉलोनी की महिलाएं एडीएम कक्ष में बैठ गई और बाढ़ के कारण हुए नुकसान से उचित सहायता की मांग करने लगी जिस पर एडीएम ने अधिकारियों को क्षेत्र का जायजा लेने के निर्देश दिए और महिलाओं को उचित सहायता देने को लेकर आश्वस्त किया.


Body:झालावाड़ में हुई अतिवृष्टि के कारण लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ के कारण जहां किसानों के खेत डूबने से फसलें बर्बाद हो गई. वहीं कई लोगों के मकान डूब गए और जरूरी सामान भी खराब हो गया. ऐसे में अब बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोग बाढ़ से हुए नुकसान के उचित मुआवजे की मांग करने लगे हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा नुकसान का जायजा नहीं लेने पर लोगों में आक्रोश भी पनपने लगा है. झालावाड़ शहर की खंड्या कॉलोनी की महिलाओं ने मिनी सचिवालय पहुंचते हुए अपनी व्यथा सुनाई. इस दौरान अपनी समस्याएं बताते बताते महिलाएं अतिरिक्त जिला कलेक्टर के चेंबर में ही बैठ गए और उचित मुआवजे की मांग करने लगी. ऐसे में एडीएम करतार सिंह पुनिया ने तत्काल अधिकारियों को फ़ोन पर निर्देश दिए की क्षेत्र का जायजा लेते हुए रिपोर्ट तैयार करो. इसके बाद एडीएम ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि जल्दी आर्थिक सहायता की व्यवस्था कर दी जाएगी तब जाकर महिलाएं एडीएम कक्ष के बाहर निकली.




Conclusion:महिलाओं का कहना है कि बाढ़ के हमारे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं तथा घरों में रखे हुए टीवी, कूलर, फ्रिज, एलइडी, अनाज व अन्य सभी जरूरी चीजें खराब हो गई है. जिससे हमें दूसरें लोगों के घरों पर रहना पड़ रहा है लेकिन कब तक उनके घरों पर रहेंगे ऐसे में हमारी मांग है कि हमें सरकार की तरफ से उचित सहायता दी जाए.
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