झालावाड़. खानपुर क्षेत्र में परवन सिंचाई परियोजना बड़े जोर शोर से शुरू की गई थी. इसके लिए किसानों की जमीन भी अवाप्त कर ली गई थी. लेकिन वर्तमान में 4 साल बाद भी किसानों को मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. समय पर मुआवजा नहीं मिल पाने के कारण किसानों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं.
ऐसा ही एक मामला खानपुर तहसील के तारज गांव के निवासी पुरुषोत्तम धाकड़ का सामने आया है. इनकी आज से 4 साल पहले परवन सिंचाई परियोजना में जमीन अवाप्त कर ली गई. साथ ही कहा गया कि आपको जल्दी ही मुआवजा दिया जाएगा. किसान की जमीन तो सिंचाई परियोजना में चली गई, लेकिन उसे परिवार को तो पालना था. इसलिए किसान ने 4 बीघा नई जमीन खरीदने के लिए 12 लाख में सौदा किया.
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मुआवजा मिलने के प्रति आश्वस्त होकर किसान ने साई के तौर पर 4 लाख रुपये भी दे दिए. लेकिन 4 साल बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया. जिसके कारण अब आने वाले 10 दिनों में किसान ने 8 लाख रुपये नहीं दिए तो 4 बीघा जमीन तो हाथ से चली जाएगी. साथ ही साई के तौर पर दिए 4 लाख रुपये भी किसान के हाथ से चले जाएंगे. यह बताते हुए किसान की आंखें भी छलक उठी.
एक पैर से दिव्यांग है किसान
ऐसे में एक पैर से विकलांग किसान जिला कलेक्टर के पास न्याय की उम्मीद में पहुंचा है. किसान के पास न तो खुद की जमीन रही है, न ही खरीदी हुई जमीन रहने वाली है. इतना ही नहीं साई के तौर पर दिए गए 4 लाख रुपये भी वापस नहीं मिलने वाले है. ऐसे में किसान के बच्चों का पालन पोषण भी मुश्किल हो गया है. जिसके चलते किसान ने मरने की इच्छा भी जता दी है.