डग (झालावाड़). डग विधानसभा क्षेत्र होने से यहां पर पंचायत समिति मुख्यालय, तहसील मुख्यालय और थाना सहित सभी विभाग के कार्यालय मौजूद हैं. कस्बे के समीप चौकड़ी दरवाजा स्थित पंचकुइया है, जहां से झालावाड़ दरबार द्वारा ऊंटों के माध्यम से पानी मंगाया जाता था. यह पानी स्वादिष्ट होने की वजह से झालावाड़ दरबार पसंद किया करते थे. कहने को एक छोटा सा गांव है, मगर यहां पर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम रहती है. सभी वर्ग, जाति और समुदाय के लोग होने के बाद भी यहां पूरी तरह शांति रहती है. डग थाना क्षेत्र में करीब 90 गांव लगे हुए हैं. जो डग की सीमा से जुड़े हुए हैं. सभी लोग डग कस्बे में हाट बाजार के दौरान सोमवार को यहां खरीददारी करने पहुंचते हैं.
कोरोना वायरस के चलते लागू हुए लॉकडाउन का कस्बेवासियों ने बखूबी से पालन किया. उस दौरान वहां पर दुकानें सुबह 8 बजे से खुलकर दोपहर के 1 बजे बंद हो जाती थी. फिलहाल, लॉकडाउन के दरमियान हर व्यक्ति कोरोना को लेकर गंभीर नजर आया. सामाजिक संगठन सहित युवाओं द्वारा यहां पर पूरे लॉकडाउन की अवधि में जरूरतमंदों की सेवा की गई. मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य परीक्षण का भी ध्यान रखा गया. साथ ही गरीब वर्ग के लोगों को डग ग्राम पंचायत द्वारा राशन सामग्री भी वितरित की गई.
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वहीं पूर्व सरपंच ने कस्बे में सैनिटाइज मशीन और राशन सामग्री का भी वितरण किया. वहीं अन्य सामाजिक संगठन और व्यापार संघ ने कस्बे में लोगों को सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग में रहने के लिए जागरूक करते रहे. साथ ही मेडिकल एसोसिएशन ने भी कस्बे में सैनिटाइजर का छिड़काव किया. यानि कह सकते हैं कि कुल मिलाकर कस्बे में लॉकडाउन को लेकर लोग गंभीर नजर आए.
कुछ लापरवाही भी दिखी
जैसे-जैसे लॉकडाउन में छूट मिलती गई, वैसे-वैसे आमजन में लापरवाही भी नजर आई. यहां पर बड़ा हिस्सा पढ़े लिखे लोगों का होने के बाद भी लोग यहां कोरोना वायरस को लेकर गंभीर नजर नहीं आए. हालात यह हो गए कि प्रशासन की छूट के बाद मानों कस्बेवासियों ने कोरोना का नाम ही नहीं सुना हो. यह सब इसलिए संभव हो रहा था कि यहां पर एक भी कोरोना संक्रमण का पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया, जिसको लेकर प्रशासन लगातार लोगों को समझाइश करता रहा. कस्बे में कई सामाजिक संगठन द्वारा मास्क बनाकर लोगों को वितरण भी किया गया. वहीं सबसे पहले डग कस्बे के नवीन टेलर द्वारा लोगों को स्वयं द्वारा बनाए गए मास्क वितरित किए गए, जो कि निशुल्क बांटे गए. उनकी प्रेरणा के बाद कस्बे में कई लोगों ने मास्क बनाकर लोगों को बांटे ताकि संक्रमण से बचा जा सके.
जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची 'डग'
Etv Bharat की टीम जब डग कस्बे में पहुंची तो लगा कि यहां पर कोरोना का भय नहीं है. यह इसलिए जाहिर हो रहा था कि यहां कोरोना वायरस का एक्टिव मरीज नहीं पाया गया. कस्बे में कोरोना संक्रमण को देखते हुए युवाओं ने रक्तदान शिविर भी लगाया. घर-घर जाकर भोजन के पैकेट भी बांटे. साथ ही राशन सामग्री का भी गरीब और असहाय लोगों को वितरित किया गया. जागरूकता को लेकर कस्बे में पढ़े लिखे लोगों ने हाथ में सैनिटाइजर लेकर घूम-घूम कर लोगों के हाथ धुलाए. वहीं कई युवाओं ने कस्बे में गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों को समय-समय पर अल्पाहार भी कराया. यानि डग में सेवा के भाव को लेकर बहुत ही प्रशंसनीय काम किया गया. व्यापार संघ द्वारा समय-समय पर कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, मीडिया कर्मी का सम्मान भी किया गया.
4 साल से जुटे स्वच्छता अभियान में
डग कस्बे में लोगों को लगातार जागरूक करने के लिए करीब चार साल से स्वच्छता अभियान में जुटे युवक विष्णु भारतैश ने विधानसभा क्षेत्र में जाकर सड़क पर स्लोगन लिखकर सड़क और दीवारों पर पेंटिंग की. साथ ही लोगों को घरों में रहने के लिए, हाथ धोकर कार्य करने के लिए और मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया. वहीं डग कृषि उपज मंडी में भी कोरोना की लापरवाही देखने को नजर आई. जहां पर करीब 90 गांव से आने वाले किसानों के मुंह पर मास्क का अभाव रहा, तो सोशल डिस्टेंसिंग की भी यहां पर धज्जियां उड़ती नजर आई.
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जिले के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी, ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर विकास जैन, क्षेत्रीय विधायक कालूराम मेघवाल, पूर्व विधायक मदनलाल वर्मा, कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी प्रमोद शर्मा कस्बे के पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह परिहार, पूर्व सरपंच कालू सिंह मंडलोई सहित कई नेताओं ने कस्बे के अस्पताल में आकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. कस्बे में मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग और घरों में रहने जैसी बातों को बताया.
क्षेत्रीय विधायक ने भी अपने हाथों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर और बाहर सैनिटाइज किया गया. समाजसेवी और भामाशाह द्वारा समय-समय पर आर्थिक सहयोग भी किया गया. वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा कस्बे के चारों ओर बेरिकेड्स लगाकर चेकिंग कराई गई, तो कस्बे में 6 से अधिक चेक पोस्ट बनाकर लोगों के आधार कार्ड देख कर प्रवेश दिया गया. वहीं कस्बे में उचित मूल्य की दुकानों पर भी भारी लापरवाही देखने को नजर आई. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां यहां साफ उड़ती दिखाई दी.