झालावाड़. जिले में बाल स्वास्थ्य पोषण के तहत बच्चों को बीमारी और कमजोरी से बचाने के लिए विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए माइक्रो प्लान तैयार किया है. इस प्लान में 9 माह से 5 साल तक के एक लाख 50 हजार 772 बच्चे कवर किए जाएंगे.
उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश बंसल ने बताया कि विटामिन-ए कार्यक्रम 30 नवंबर तक व्यापक स्तर पर संचालित किया जाएगा. इसमें निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों को शत-प्रतिशत विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी. बच्चों को बीमारी सहित कमजोरी से बचाने के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा. इस कार्यक्रम को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों से संचालित किया जाएगा. इसमें आशा सहयोगिनी भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगी.
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वहीं सीएमएचओ डॉ. साजिद खान ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. जिसमें 9 माह से 5 साल के बच्चों को छह-छह माह के अंतराल में विटामिन ए की खुराक दिया जाना जरूरी है. आंगनबाड़ी में दर्ज कुपोषित बच्चों के अलावा 9 महीने से 5 साल तक के सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा. इसके लिए अलग से कोई विशेष कैटेगरी जारी नहीं की गई है. सभी बच्चों को इसके लिए पात्र माना गया है. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी की मौजूदगी में विटामिन 'ए' की खुराक पिलाएगी. इसके अलावा सीएचसी, पीएचसी, सबसेंटर पर गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को विटामिन की खुराक पिलाई जाएगी. इसके लिए जन जागरूकता के भी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे.
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वहीं सीएमएचओ ने बताया कि विटामिन-ए की खुराक देने के लिए अलग-अलग उम्र के बच्चों में अलग-अलग मात्रा तय की गई है. इसको लेकर अभियान के दौरान कार्य करने वाले चिकित्साकर्मियों को जानकारी दे दी गई है. 9 माह से एक साल तक के बच्चों को 1 एमएल, एक साल से ऊपर और 5 साल तक की उम्र के बच्चों को 2 एमएल दवा का डोज दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बच्चों की उम्र के हिसाब से शरीर में आवश्यकता कम और ज्यादा होती है. उन्होंने बताया कि विटामिन 'ए' की खुराक के समय कोविड गाइड लाइन का विशेष ध्यान रखा जाएगा.