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भीम आर्मी ने 'भारत बंद' के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन, दिया 20 दिन का अल्टीमेटम

झालावाड़ में भीम आर्मी ने मिनी सचिवालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने और भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और महासचिव को रिहा करने की भी मांग की.

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झालावाड़ में भीम आर्मी ने किया धरना प्रदर्शन
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Published : Nov 30, 2019, 10:22 AM IST

झालावाड़. भीम आर्मी ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान लोगों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने और मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर झालावाड़ के मिनी सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भीम आर्मी ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

झालावाड़ में भीम आर्मी ने किया धरना प्रदर्शन

भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष शिवराज ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को बहुजन समाज की ओर से एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद किया गया था. जिसमें समाज के कई लोगों के ऊपर मामले दर्ज किए गए थे. इसको लेकर राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि भारत बंद के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाएगा.

ऐसे में हमारी राज्य सरकार से मांग है कि चुनावी वादे को निभाते हुए दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए और भारत बंद के दौरान मृतक लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देते हुए एक-एक सरकारी नौकरी भी दी जाए.

यह भी पढ़ें- नागौर की हर गली-मोहल्ले में लोग लावारिस गोवंश से परेशान, युवाओं ने दी आंदोलन की चेतावनी

भीम आर्मी ने यह भी मांग की है कि उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और महासचिव को राजनीतिक द्वेषता के चलते जेल में डाल रखा है, ऐसे में उनको भी जल्द रिहा किया जाए. अगर उनकी मांग 20 दिनों में नहीं मानी जाती है तो उग्र विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव किया जाएगा और जगह-जगह धरने प्रदर्शन किए जाएंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. इस दौरान भीम आर्मी ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

झालावाड़. भीम आर्मी ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान लोगों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने और मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर झालावाड़ के मिनी सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भीम आर्मी ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

झालावाड़ में भीम आर्मी ने किया धरना प्रदर्शन

भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष शिवराज ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को बहुजन समाज की ओर से एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद किया गया था. जिसमें समाज के कई लोगों के ऊपर मामले दर्ज किए गए थे. इसको लेकर राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि भारत बंद के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाएगा.

ऐसे में हमारी राज्य सरकार से मांग है कि चुनावी वादे को निभाते हुए दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए और भारत बंद के दौरान मृतक लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देते हुए एक-एक सरकारी नौकरी भी दी जाए.

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भीम आर्मी ने यह भी मांग की है कि उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और महासचिव को राजनीतिक द्वेषता के चलते जेल में डाल रखा है, ऐसे में उनको भी जल्द रिहा किया जाए. अगर उनकी मांग 20 दिनों में नहीं मानी जाती है तो उग्र विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव किया जाएगा और जगह-जगह धरने प्रदर्शन किए जाएंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. इस दौरान भीम आर्मी ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

Intro:झालावाड़ में भीम आर्मी ने मिनी सचिवालय के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने और भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व महासचिव को रिहा करने की मांग की।


Body:भीम आर्मी ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान लोगों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने और मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर झालावाड़ के मिनी सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष शिवराज ने बताया कि 2 अप्रैल 2018 को बहुजन समाज की ओर से एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद किया गया था। जिसमें समाज के कई लोगों के ऊपर मामले दर्ज किए गए थे। इसको लेकर राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि भारत बंद के दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाएगा। ऐसे में हमारी राज्य सरकार से मांग है कि चुनावी वादे को निभाते हुए दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए तथा भारत बंद के दौरान मृतक लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देते हुए एक एक सरकारी नौकरी भी दी जाए।

भीम आर्मी ने यह भी मांग की है कि उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व महासचिव को राजनीतिक द्वेषता के चलते जेल में डाल रखा है, ऐसे में उनको भी जल्द रिहा किया जाए। अगर उनकी मांग 20 दिनों में नहीं मानी जाती है तो उग्र विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव किया जाएगा तथा जगह-जगह धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस दौरान भीम आर्मी ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।


Conclusion:बाइट - शिवराज (जिलाध्यक्ष, भीम आर्मी)
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