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पति की मौत के बाद खेती मजदूरी कर बेटी को बनाया एथलीट, ऐसी है पार्वती देवी के संघर्ष की कहानी

ईटीवी भारत विश्व महिला दिवस पर एक ऐसी मां के संघर्ष की कहानी आपको बताने जा रहा है, जिसने अपनी मेहनत, हिम्मत और हौसलों से अपनी बेटी को पहचान दिलाई. जालोर जिले के रानीवाड़ा कस्बे के धामसीन गांव की रहने वाली नीता चौधरी ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में दो बार गोल्ड मेडल जीतकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है...पढ़िए एक मां के संघर्ष की कहानी..

Women Day Special Story, neeta chaudhary athlete
एक मां के संघर्ष की कहानी
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Published : Mar 8, 2020, 4:17 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). जालोर जिले के रानीवाड़ा कस्बे के धामसीन गांव की रहने वाली पार्वती देवी के पति तेजाराम चौधरी का 7 साल पहले निधन हो गया था. परिवार पर आर्थिक संकट के बादल छा गए और पति पीछे छोड़ गया अपनी 6 संतानों को. लेकिन, पार्वती देवी ने हार नहीं मानी और खेती-मजदूरी करके अपने 6 बच्चों का भरण पोषण कर उनको बड़ा किया. जिसमें से एक बेटी ने आज अपने परिवार के साथ-साथ अपने प्रदेश का भी देशभर में नाम रोशन किया है.

एक मां के संघर्ष की कहानी

पढ़ें: मिसाल : घूंघट से निकलकर बॉडी बिल्डिंग चैपिंयन तक जयपुर की प्रिया का सफर

संघर्ष के दिनों में पार्वती देवी ने अपनी पांच बेटियों और एक बेटे की भी पढ़ाई नियमित जारी रखी. खेती और मजदूरी कर एक बेटी को एथलीट बनाया. रानीवाड़ा क्षेत्र के धामसीन गांव के एक घर से निकली एक बेटी ने ऐसा कौशल दिखाया कि प्रदेश नहीं बल्कि देशभर में ये गांव देशवासियों की नजर में आया. एक विधवा मां जिसकी हिम्मत और हौसले की जितनी तारीफ की जाए कम है. जब पति का निधन हुआ तब नीता महज 10 साल की थी. पांच बेटी और एक बेटे की जिम्मेदारी यकायक कंधों पर आ जाने से एक बारगी मानों आसमान टूट पड़ा पर पार्वती देवी चौधरी ने हिम्मत नहीं हारी.

पार्वती के पति तेजा राम चौधरी का 7 साल पहले निधन हो गया था. पति के निधन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. फिर भी पार्वती देवी ने मजदूरी कर हिम्मत रख कर अपनी बेटी भावना कुमारी, नीता कुमारी, गोमती कुमारी, वर्षा कुमारी और नीकू कुमारी के साथ-साथ एक बेटे विक्रम कुमार की भी पढ़ाई नियमित जारी रखी. उनकी बेटियां और बेटा पढ़ाई में भी होनहार है. हौसले के दम पर पार्वती देवी चौधरी ने पांच बेटियों और एक बेटे को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के काबिल बनाया.

पढ़ें: महिला दिवस विशेष:अनिला जैन के हौसलों की कहानी...विकलांगता जिसके लिए अभिशाप नहीं

इन्हीं में से एक बेटी नीता चौधरी जो 12वीं कक्षा में सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत हैं. साथ ही नीता चौधरी ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में दो बार गोल्ड मेडल जीतकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है. एक बार स्टेट ओपन में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. खेलो राजस्थान में कांस्य पदक और मैराथन में दो गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया. वहीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में चौथा स्थान हासिल किया. इससे पहले भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

रानीवाड़ा (जालोर). जालोर जिले के रानीवाड़ा कस्बे के धामसीन गांव की रहने वाली पार्वती देवी के पति तेजाराम चौधरी का 7 साल पहले निधन हो गया था. परिवार पर आर्थिक संकट के बादल छा गए और पति पीछे छोड़ गया अपनी 6 संतानों को. लेकिन, पार्वती देवी ने हार नहीं मानी और खेती-मजदूरी करके अपने 6 बच्चों का भरण पोषण कर उनको बड़ा किया. जिसमें से एक बेटी ने आज अपने परिवार के साथ-साथ अपने प्रदेश का भी देशभर में नाम रोशन किया है.

एक मां के संघर्ष की कहानी

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संघर्ष के दिनों में पार्वती देवी ने अपनी पांच बेटियों और एक बेटे की भी पढ़ाई नियमित जारी रखी. खेती और मजदूरी कर एक बेटी को एथलीट बनाया. रानीवाड़ा क्षेत्र के धामसीन गांव के एक घर से निकली एक बेटी ने ऐसा कौशल दिखाया कि प्रदेश नहीं बल्कि देशभर में ये गांव देशवासियों की नजर में आया. एक विधवा मां जिसकी हिम्मत और हौसले की जितनी तारीफ की जाए कम है. जब पति का निधन हुआ तब नीता महज 10 साल की थी. पांच बेटी और एक बेटे की जिम्मेदारी यकायक कंधों पर आ जाने से एक बारगी मानों आसमान टूट पड़ा पर पार्वती देवी चौधरी ने हिम्मत नहीं हारी.

पार्वती के पति तेजा राम चौधरी का 7 साल पहले निधन हो गया था. पति के निधन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. फिर भी पार्वती देवी ने मजदूरी कर हिम्मत रख कर अपनी बेटी भावना कुमारी, नीता कुमारी, गोमती कुमारी, वर्षा कुमारी और नीकू कुमारी के साथ-साथ एक बेटे विक्रम कुमार की भी पढ़ाई नियमित जारी रखी. उनकी बेटियां और बेटा पढ़ाई में भी होनहार है. हौसले के दम पर पार्वती देवी चौधरी ने पांच बेटियों और एक बेटे को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के काबिल बनाया.

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इन्हीं में से एक बेटी नीता चौधरी जो 12वीं कक्षा में सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत हैं. साथ ही नीता चौधरी ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में दो बार गोल्ड मेडल जीतकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है. एक बार स्टेट ओपन में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. खेलो राजस्थान में कांस्य पदक और मैराथन में दो गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया. वहीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में चौथा स्थान हासिल किया. इससे पहले भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

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