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जालोर: कोरोना के कहर के बीच डॉक्टरों की मनमर्जी, ग्रामीणों ने सही ढंग से इलाज ना करने का लगाया आरोप - पांचला गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पांचला गांव में ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पांचला में कार्यरत चिकित्सकों पर मनमर्जी करने और सही ढंग से इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है.

ग्रामीणों का चिकित्सकों पर आरोप, Villagers accuse doctors
ग्रामीणों का चिकित्सकों पर आरोप
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Published : Apr 3, 2020, 6:59 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). कोरोना वायरस के कहर के बीच चिकित्सा विभाग पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है. वहीं दूसरी तरफ इसी चिकित्सा विभाग के कुछ कार्मिक अस्पतालों में सही से इलाज नहीं कर रहे हैं. ऐसा ही आरोप रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पांचला गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉक्टर पर वहां के मरीजों ने लगाया है.

चिकित्सकों पर सही ढंग से इलाज न करने का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि सही ढंग से डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं. गांव के किसी भी व्यक्ति को अगर सिरदर्द, जुकाम, बुखार सहित अन्य कोई बीमारी होती है, डॉक्टर उनका सही ढंग से इलाज नहीं कर रहे हैं. साथ ही सही ढंग से जवाब भी नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन होने की वजह से हम इलाज के लिए बड़े शहरों में भी नहीं जा पा रहे हैं. इसीलिए हमें गांव में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सहारा लेना पड़ रहा है.

गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि चिकित्सालय में डॉक्टर बिना उनकी जांच किए ही, पर्चा पकड़ा देते हैं या फिर कोई भी निशुल्क दवा दे देते हैं. पांचला गांव में कार्यरत डॉक्टर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हमने राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई, रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह देवल से इस बारे में शिकायत की थी, मगर उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

पढ़ें: CORONA के खिलाफ जंग में 'भारी' पड़ रहा भीलवाड़ा, 26 संक्रमितों में से 15 ठीक होकर घर लौटे

डॉक्टरों की लापरवाही का परिणाम पांचला सहित आसपास के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि ऐसे डॉक्टरों को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, नहीं तो मजबूरन होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग की होगी.

रानीवाड़ा (जालोर). कोरोना वायरस के कहर के बीच चिकित्सा विभाग पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है. वहीं दूसरी तरफ इसी चिकित्सा विभाग के कुछ कार्मिक अस्पतालों में सही से इलाज नहीं कर रहे हैं. ऐसा ही आरोप रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पांचला गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉक्टर पर वहां के मरीजों ने लगाया है.

चिकित्सकों पर सही ढंग से इलाज न करने का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि सही ढंग से डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं. गांव के किसी भी व्यक्ति को अगर सिरदर्द, जुकाम, बुखार सहित अन्य कोई बीमारी होती है, डॉक्टर उनका सही ढंग से इलाज नहीं कर रहे हैं. साथ ही सही ढंग से जवाब भी नहीं दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन होने की वजह से हम इलाज के लिए बड़े शहरों में भी नहीं जा पा रहे हैं. इसीलिए हमें गांव में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सहारा लेना पड़ रहा है.

गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि चिकित्सालय में डॉक्टर बिना उनकी जांच किए ही, पर्चा पकड़ा देते हैं या फिर कोई भी निशुल्क दवा दे देते हैं. पांचला गांव में कार्यरत डॉक्टर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हमने राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई, रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह देवल से इस बारे में शिकायत की थी, मगर उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

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डॉक्टरों की लापरवाही का परिणाम पांचला सहित आसपास के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि ऐसे डॉक्टरों को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, नहीं तो मजबूरन होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग की होगी.

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