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जालोर: निजी विद्यालयों के फीस स्थगन के आदेश का संचालकों ने किया विरोध

जालोर के आहोर में शनिवार को निजी स्कूल संचालकों ने एक बैठक की. जिसमें सरकारी के निजी विद्यालयों के फीस स्थगन के आदेश का विरोध किया गया.

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निजी विद्यालयों के फीस स्थगन के आदेश का संचालकों ने किया विरोध
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Published : Jul 11, 2020, 7:50 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 8:57 PM IST

आहोर (जालोर). जिले में उपखंड क्षेत्र के भाद्राजून कस्बे में निजी विद्यालय परिसर में क्षेत्रभर के संचालकों ने बैठक की. बैठक में सरकारी आदेश में निजी विद्यालयों के फीस स्थगन के आदेश का संचालकों ने जमकर विरोध किया. वहीं भाद्राजून स्थित अमर ज्योति स्कूल में निजी विद्यालयों के एक प्रतिनिधि मंडल ने बैठक किया.

बैठक में प्रतिनिधि मंडल ने सरकार के दोहरे रवैये की निंदा की. उपस्थित संचालक राजेन्द्र दवे ने बताया कि एक ओर प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत और स्वरोजगार की बात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री रोजाना प्राइवेट स्कूलों के कर्मचारियों के विरुद्ध अलग-अलग फरमान जारी कर रहे हैं और संचालकों व प्राइवेट शिक्षकों का रोजगार छिनने का पाप कर रहे हैं.

पढ़ें: विधायक खरीद फरोख्त प्रकरण: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर SOG ने मांगा समय

सरकार को अविलंब फीस स्थगन का आदेश वापस लेकर शिक्षकों को राहत पंहुचानी चाहिए उसके साथ ही सरकार को शिक्षकों को कोई आर्थिक सहायता देनी चाहिए. ऐसे में तो हजारों की संख्या में स्कूलें बंद हो जाएगी, लाखों प्राइवेट शिक्षक व कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. सरकार को चाहिए कि वह अभिभावकों के साथ शिक्षकों का भी ध्यान रखे.

आहोर (जालोर). जिले में उपखंड क्षेत्र के भाद्राजून कस्बे में निजी विद्यालय परिसर में क्षेत्रभर के संचालकों ने बैठक की. बैठक में सरकारी आदेश में निजी विद्यालयों के फीस स्थगन के आदेश का संचालकों ने जमकर विरोध किया. वहीं भाद्राजून स्थित अमर ज्योति स्कूल में निजी विद्यालयों के एक प्रतिनिधि मंडल ने बैठक किया.

बैठक में प्रतिनिधि मंडल ने सरकार के दोहरे रवैये की निंदा की. उपस्थित संचालक राजेन्द्र दवे ने बताया कि एक ओर प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत और स्वरोजगार की बात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री रोजाना प्राइवेट स्कूलों के कर्मचारियों के विरुद्ध अलग-अलग फरमान जारी कर रहे हैं और संचालकों व प्राइवेट शिक्षकों का रोजगार छिनने का पाप कर रहे हैं.

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सरकार को अविलंब फीस स्थगन का आदेश वापस लेकर शिक्षकों को राहत पंहुचानी चाहिए उसके साथ ही सरकार को शिक्षकों को कोई आर्थिक सहायता देनी चाहिए. ऐसे में तो हजारों की संख्या में स्कूलें बंद हो जाएगी, लाखों प्राइवेट शिक्षक व कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. सरकार को चाहिए कि वह अभिभावकों के साथ शिक्षकों का भी ध्यान रखे.

Last Updated : Jul 11, 2020, 8:57 PM IST
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